पितृ पक्ष - Pitru Paksha

कहीं बारिश हो गयी तो - प्रेरक कहानी (Kahin Barish Hogai Too)


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चार साल से नयासर गाँव में बारिश की एक बूँद तक नहीं गिरी थी। सभी बड़े परेशान थे। हरिया भी अपने बीवी-बच्चों के साथ जैसे-तैसे समय काट रहा था।
एक दिन बहुत परेशान होकर वह बोला- अरे ओ मुन्नी की माँ, जरा बच्चों को लेकर पूजा घर में तो आओ।

बच्चों की माँ 6 साल की मुन्नी और 4 साल के राजू को लेकर पूजा घर में पहुंची।

ईश्वर में विश्वास रखें:
हरिया हाथ जोड़ कर भगवान् के सामने बैठा था, वह रुंधी हुई आवाज़ में अपने आंसू छिपाते हुए बोला- सुना है भगवान् बच्चों की जल्दी सुनता है, चलो हम सब मिलकर ईश्वर से बारिश के लिए प्रार्थना करते हैं.. सभी अपनी-अपनी तरह से बारिश के लिए प्रार्थना करने लगे।

मुन्नी मन ही मन बोली- भगवान् जी मेरे बाबा बहुत परेशान हैं, आप तो सब कुछ कर सकते हैं, हमारे गाँव में भी बारिश कर दीजिये न।

पूजा करने के कुछ देर बाद हरिया उठा और घर से बाहर निकलने लगा।

आप कहाँ जा रहे हैं बाबा? -मुन्नी बोली।
बस ऐसे ही खेत तक जा रहा हूँ बेटा -हरिया बाहर निकलते हुए बोला।
अरे रुको-रुको.. अपने साथ ये छाता तो लेते जाओ - मुन्नी दौड़ कर गयी और खूंटी पर टंगा छाता ले आई।
छाता देख कर हरिया बोला- अरे! इसका क्या काम, अब तो शाम होने को है, धूप तो जा चुकी है।

मुन्नी मासूमियत से बोली- अरे बाबा अभी थोड़ी देर पहले ही तो हमने प्रार्थना की है, कहीं बारिश हो गयी तो

मुन्नी का जवाब सुन हरिया स्तब्ध रह गया। कभी वो आसमान की तरफ देखता तो कभी अपनी बिटिया के भोले चेहरे की तरफ। उसी क्षण उसने महसूस किया कि कोई आवाज़ उससे कह रही हो-

प्रार्थना करना अच्छा है। लेकिन उससे भी ज़रूरी है इस बात में विश्वास रखना कि तुम्हारी प्रार्थना सुनी जायेगी और फिर उसी के तरह काम करना।

हरिया ने फौरन अपनी बेटी को गोद में उठा लिया, उसके माथे को चूमा और छाता अपने हाथ में घुमाते हुए आगे बढ़ गया।

हम सभी प्रार्थना करते हैं पर हम सभी अपनी प्रार्थना में पूर्णतः विश्वास नहीं करते। और ऐसे में हमारी प्रार्थना बस शब्द बन कर रह जाती है। सभी धर्मों में विश्वास की शक्ति का उल्लेख है, कहते भी हैं कि ” दृढ विश्वास हो तो इंसान पहाड़ भी हिला सकता है। और यही सत्य है, दशरथ मांझी के रूप में हमारे सामने इसका एक प्रत्यक्ष प्रमाण भी है।

अतः अपनी पूजा को सही मायने में सफल होते देखना चाहते हैं तो ईश्वर में विश्वास रखें और ऐसे दर्शाए करें मानो आपको प्रार्थना सुनी ही जाने वाली हो और जब आप लगातार ऐसा करेंगे तो भगवान् आपकी ज़रूर सुनेगा।
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