Shri Ram Bhajan

मन को कभी भी निराश न होने दें - प्रेरक कहानी (Man Ko Kabhi Bhi Nirash Na Hone Den)


Add To Favorites Change Font Size
सुबह होते ही, एक भिखारी सेठजी के घर पर भिक्षा मांगने के लिए पहुँच गया। भिखारी ने दरवाजा खटखटाया, सेठजी बाहर आये पर उनकी जेब में देने के लिए कुछ न निकला। वे कुछ दुखी होकर घर के अंदर गए और एक बर्तन उठाकर भिखारी को दे दिया।
भिखारी के जाने के थोड़ी देर बाद ही वहां सेठजी की पत्नी आई और बर्तन न पाकर चिल्लाने लगी: अरे! क्या कर दिया आपने चांदी का बर्तन भिखारी को दे दिया। दौड़ो-दौड़ो और उसे वापिस लेकर आओ।

सेठजी दौड़ते हुए गए और भिखारी को रोक कर कहा: भाई मेरी पत्नी ने मुझे जानकारी दी है कि यह गिलास चांदी का है, कृपया इसे सस्ते में मत बेच दीजियेगा।

वहीँ पर खड़े सेठजी के एक मित्र ने उससे पूछा: मित्र! जब आपको पता चल गया था कि ये गिलास चांदी का है तो भी उसे गिलास क्यों ले जाने दिया?

सेठजी ने मुस्कुराते हुए कहा: मन को इस बात का अभ्यस्त बनाने के लिए कि वह बड़ी से बड़ी हानि में भी कभी दुखी और निराश न हो!

मन को कभी भी निराश न होने दें, बड़ी से बड़ी हानि में भी प्रसन्न रहें। मन उदास हो गया तो आपके कार्य करने की गति धीमी हो जाएगी। इसलिए मन को हमेशा प्रसन्न रखने का प्रयास।
यह भी जानें

Prerak-kahani Bikhari Prerak-kahaniBeggar Prerak-kahaniGareeb Prerak-kahaniGareeb Bikhari Prerak-kahaniSethji Prerak-kahaniChandi Ke Bartan Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

Latest Prerak-kahani ›

राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न भाइयों का प्यार

राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न चारों भाइयों के बचपन का एक प्रसंग है! जब ये लोग खेलते थे तो लक्ष्मण राम की तरफ उनके पीछे होता था..

अच्छे को अच्छे एवं बुरे को बुरे लोग मिलते हैं - प्रेरक कहानी

गुरु जी गंभीरता से बोले, शिष्यों आमतौर पर हम चीजों को वैसे नहीं दखते जैसी वे हैं, बल्कि उन्हें हम ऐसे देखते हैं जैसे कि हम खुद हैं।...

मन की शांति कैसे प्राप्त करें? - प्रेरक कहानी

सेठ अमीरचंद के पास अपार धन दौलत थी। उसे हर तरह का आराम था, लेकिन उसके मन को शांति नहीं मिल पाती थी। हर पल उसे कोई न कोई चिंता परेशान किये रहती थी...

सतगुरु की कृपा से कैसे चोर राजा बना - प्रेरक कहानी

एक बार एक चोर ने गुरु से नाम ले लिया, और बोला गुरु जी चोरी तो मेरा काम है ये तो नहीं छूटेगी मेरे से अब गुरु जी बोले ठीक है म तुझे एक दूसरा नेम देता हुँ..

संस्कार क्या है? - प्रेरक कहानी

यह बात सुनकर बच्चे को राजा पर गुस्सा आया और माँ से बोला: माँ मैं इसका बदला लूंगा।

गेहूँ का दाना एक शिक्षक - प्रेरक कहानी

गेहूँ का दाना वह शिक्षक है जो मुझे सृष्टि के नियमों को सिखाता है, एक बार एक राजा युद्ध जीतकर लौट रहा था, तो वह संत के निवास के निकट जा पहुंचा। उसने इस रहस्यदर्शी संत के दर्शन करने की सोची। राजा ने संत के पास जाकर कहा..

जब तक दुख नहीं मिलते, प्रभु की याद नहीं आती - प्रेरक कहानी

फिर सुपरवाईजर ने उसका ध्यान आकर्षित करने के लिए एक १० रु का नोट नीचे फैंका, जो ठीक मजदूर के सामने जा कर गिरा..

Durga Chalisa - Durga Chalisa
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP