स्वामीनारायण आरती (Swaminarayan Arti)


श्री स्वामीनारायण आरती प्रतिदिन सभी BAPS मंदिरों में तथा भक्ति भाव से भरे अनगिनत घरों में और विशेष अवसरों पर गाई जाती है। यह आरती उपासकों के ह्रदय को अक्षरपुरूषोत्तम प्रभु के दिव्य रूपों की महिमा की याद दिलाती है। श्री स्वामीनारायण आरती के बोल हिंदी में इस प्रकार से हैं..
जय स्वामीनारायण, जय अक्षरपुरुषोत्तम,
अक्षरपुरुषोत्तम जय, दर्शन सर्वोत्तम
जय स्वामीनारायण

मुक्त अनंत सुपुजित, सुंदर साकारम्,
सर्वोपरी करुणाकर, मानव तनुधारम्
जय स्वामीनारायण

पुरूषोत्तम परब्रह्म, श्रीहरि सहजानन्द,
अक्षरब्रह्म अनादि, गुणातीतानंद
जय स्वामीनारायण

प्रकट सदा सर्वकर्ता, परम मुक्तिदाता,
धर्म एकान्तिक स्थापक, भक्ति परित्राता
जय स्वामीनारायण

दशभाव दिव्यता सह, ब्रह्मरूपे प्रीति,
सुह्राद्भाव अलौकिक, स्थापित शुभ रीति
जय स्वामीनारायण

धन्य धन्य मम जीवन, तव शरणे सुफलम्,
यज्ञपुरुष प्रवर्तित, सिद्धांतम् सुखदम्
जय स्वामीनारायण,

जय स्वामीनारायण, जय अक्षरपुरुषोत्तम,
अक्षरपुरुषोत्तम जय, दर्शन सर्वोत्तम
जय स्वामीनारायण

भगवान स्वामीनारायण के छठे आध्यात्मिक उत्तराधिकारी परम पूज्य महंत स्वामी महाराज ने अक्षर पुरूषोत्तम प्रभु की महिमा भरी आरती को रचकर इसके गायन की एवं प्रेरणा दी है।
Swaminarayan Arti - Read in English
Jai Swaminarayan,Jai Aksharapurushottam, Aksharapurushottam Jay, Darshan, Jai Swaminarayan
मूल गुजराती आरती
જય સ્વામિનારાયણ, જય અક્ષરપુરુષોત્તમ,
અક્ષરપુરુષોત્તમ જય, દર્શન સર્વોત્તમ
જય સ્વામિનારાયણ

મુક્ત અનંત સુપૂજિત, સુંદર સાકારમ્,
સર્વોપરી કરુણાકર, માનવ તનુધારમ્
જય સ્વામિનારાયણ

પુરુષોત્તમ પરબ્રહ્મ, શ્રીહરિ સહજાનંદ,
અક્ષરબ્રહ્મ અનાદિ, ગુણાતીતાનંદ
જય સ્વામિનારાયણ

પ્રકટ સદા સર્વકર્તા, પરમ મુક્તિદાતા,
ધર્મ એકાંતિક સ્થાપક, ભક્તિ પરિત્રાતા
જય સ્વામિનારાયણ

દાસભાવ દિવ્યતા સહ, બ્રહ્મરૂપે પ્રીતિ,
સુહૃદભાવ અલૌકિક, સ્થાપિત શુભ રીતિ
જય સ્વામિનારાયણ

ધન્ય ધન્ય મમ જીવન, તવ શરણે સુફલમ્,
યજ્ઞપુરુષ પ્રવર્તિત સિદ્ધાન્તં સુખદમ્
જય સ્વામિનારાયણ, જય અક્ષરપુરુષોત્તમ,
જય સ્વામિનારાયણ
Aarti Guru Nanak AartiGuru Nanak Dev Ji AartiBaba Ki AartiGuru Nanak Jayanti AartiShabad Kirtan AartiGurbani AartiKripa AartiPunjabi Aarti
अगर आपको यह आरती पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

आरती ›

श्री चित्रगुप्त आरती

ॐ जय चित्रगुप्त हरे, स्वामी जय चित्रगुप्त हरे। भक्तजनों के इच्छित, फल को पूर्ण करे॥

श्री बृहस्पति देव की आरती

जय वृहस्पति देवा, ऊँ जय वृहस्पति देवा । छिन छिन भोग लगा‌ऊँ..

विश्वकर्मा आरती

जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा। सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा॥

अन्नपूर्णा आरती

बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम । जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके, कहां उसे विश्राम । अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो..

लक्ष्मीजी आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता॥