जन जन के पालन हारी हो - भजन (Jan Jan Ke Palan Hari Ho)


जन-जन के पालन हारी हो रटो राधे गोविंदा
राधे गोविंदा भजो राधे गोविंदा
श्याम सुंदर नंद लाल हो, रटो राधे गोविंदा
जन-जन के पालन हारी हो, रटो राधे गोविंदा
पूछ लेते जो इक बार मीज़ाज मेरा,
प्यारे कितना था आसान इलाज मेरा
कौन कहता है के तस्वीरें जुआ नहीं खेलती,
प्यारे यहां तो हर दिल हारा है तुम्हें देखने के बाद
जन-जन के पालन हारी हो, रटो राधे गोविंदा
राधे गोविंदा भजो राधे गोविंदा
श्याम सुंदर नंद लाल हो, रटो राधे गोविंदा
जन-जन के पालन हारी हो, रटो राधे गोविंदा

मेर टुटे दिल को उठाना पड़ेगा
उठा के जिगर से लगाना पड़ेगा
मान लिया के मैं तो नहीं तेरे काबिल
मुझे अपने काबिल बनाना पड़ेगा
जन-जन के पालन हारी हो, रटो राधे गोविंदा
राधे गोविंदा भजो राधे गोविंदा
श्याम सुंदर नंद लाल हो, रटो राधे गोविंदा
जन-जन के पालन हारी हो, रटो राधे गोविंदा

हे दीन दयाल सुना जब से, कछु तो मेरे मन में ऐसी कसी हे
अब तेरो कहा के जाऊं कहां, अब तेरे ही नाम की फैंट कसी है
तेरो ही आसरा एक मलुक, कहीं प्रभू सों नहीं दुजा जसी है
ऐ हो मुरारी पुकार करूं, या में मेरी हसीं नहीं तेरी हसीं है
जन-जन के पालन हारी हो, रटो राधे गोविंदा
राधे गोविंदा भजो राधे गोविंदा
श्याम सुंदर नंद लाल हो, रटो राधे गोविंदा
जन-जन के पालन हारी हो, रटो राधे गोविंदा
Jan Jan Ke Palan Hari Ho - Read in English
Jan-Jan Ke Paalan Haari Ho Rato Radhe Govinda, Radhe Govinda Bhajo Radhe Govinda
Bhajan Shri Krishna BhajanBrij BhajanBaal Krishna BhajanBhagwat BhajanJanmashtami BhajanLaddu Gopal BhajanRadhashtami BhajanIskcon BhajanRadhe Govind Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

नवीनतम भजन ›

जगत के रंग क्या देखूं - भजन

जगत के रंग क्या देखूं तेरा दीदार काफी है। क्यों भटकूँ गैरों के दर पे तेरा दरबार काफी है...

जो भजे हरि को सदा - भजन

जो भजे हरि को सदा, सोहि परम पद पायेगा, देह के माला..

मेरा हाथ पकड़ ले रे, कान्हा - भजन

मेरा हाथ पकड़ ले रे, कान्हा दिल मेरा घबराये, काले काले बादल..

क्यों छुप के बैठते हो, परदे की क्या जरुरत - भजन

क्यों छुप के बैठते हो, परदे की क्या जरुरत, भक्तों को यूँ सताने की, भक्तों को यूँ सताने की, अच्छी नहीं है आदत ॥

सारी दुनिया में आनंद छायो, कान्हा को जन्मदिन आयो - भजन

सारी दुनिया में आनंद छायो, कान्हा को जन्मदिन आयो ॥