सारी दुनिया से हार के, मैं तेरे दर पे आया हूँ । सुनले ओ खाटू वाले श्याम, तेरे ही भरोसे आया हूँ ।
तन के तम्बूरे में दो सांसो की तार बोले, जय सिया राम राम, जय राधे श्याम श्याम...
तेरे नाम का दीवाना, तेरे द्वार पे आ गया है, जग से हार करके, तेरे पास आ गया है, तेरे नाम का दिवाना, तेरे द्वार पे आ गया है ॥
प्रेम हो तो श्री हरि का प्रेम होना चाहिए, जो बने विषयों के प्रेमी उनको रोना चाहिए, मखमली गद्दे पे सोये ऐश और आराम से..
माये नी मेरीये, बाबे दी गलियाँ, खाटू कितनी दूर, जयपुर नि वसना, रिंगस नि वसना, खाटू तो जाणा जरुर, माये नी मेरीये, बाबे दी गलियाँ, खाटु कितनी क दूर ॥
हे श्याम ध्वजा बंदधारी, तुम ही सुनते हो हमारी, जब कोई ना आड़े आवे, देख भगत की हार जिताने, तू लीले चढ़कर आवे, हें श्याम ध्वजा बंदधारी, तुम ही सुनते हो हमारी ॥
हम गरीबों से रखता है यारी, नाम उसका है बांके बिहारी, नाम उसका है बाँके बिहारी ॥