लगन तुमसे लगा बैठे,
जो होगा देखा जाएगा।
तुम्हें अपने बना बैठे,
जो होगा देखा जाएगा॥
कभी दुनिया से डरते थे,
के छुप छुप याद करते थे।
लो अब परदा उठा बैठे,
जो होगा देखा जाएगा॥
॥ लगन तुमसे लगा बैठे...॥
कभी यह ख्याल था दुनिया,
हमें बदनाम कर देगी।
शर्म अब बेच खा बैठे,
जो होगा देखा जाएगा॥
॥ लगन तुमसे लगा बैठे...॥
दीवाने बन गए तेरे,
तो फिर दुनिया से क्या मतलब।
तेरी चरणों में आ बैठे,
जो होगा देखा जाएगा॥
॥ लगन तुमसे लगा बैठे...॥
ऐसा बोल कर ही घर से निकले,
क्यूँकिआप भले ही।
लाखों की घड़ी हाथ में क्यूँ ना पहने हो॥
लगन तुमसे लगा बैठे,
जो होगा देखा जाएगा।
तुम्हें अपने बना बैठे,
जो होगा देखा जाएगा॥
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