लूटो लूटो रे हरिवंश नाम अनमोल,
लुटाऊँ गली गली हरिवंश नाम अनमोल ।
प्यारो श्री हरिवंश नाम अनमोल ।
चन्द्र मिटे दिनकर मिटे,
मिटे त्रिगुण विस्तार ।
दृढ़ वत श्रीहरिवंश को मिटे,
ना नित्य बिहार ॥
ह अक्षर में हरि बसै
र में राधा नाम ।
व् में वृन्दाविपिन् है
स में सहचरी अभिराम ॥
ह हरि
र राधारतन
व वृंदावन धाम ।
स में सब सखियाँ बसे
श्री हरिवंश के नाम ॥
वृंदावन अरु सखिगण,
राधा नन्दकिशोर ।
श्री हरिवंश के नाम में
चारो है इक ठोर ॥
लूटो लूटो रे हरिवंश नाम अनमोल,
लुटाऊँ गली गली हरिवंश नाम अनमोल ।
प्यारो श्री हरिवंश नाम अनमोल ।
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