⚙️ जन्माष्टमी - Janmashtami

Janmashtami Date: Monday, 26 August 2024

कृष्ण जन्माष्टमी त्यौहार, भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म की वैष्णव परंपरा से संबंधित है। इस त्यौहार के अंतरगत भगवान श्री कृष्ण के जीवन के दृश्यों को नाटक, उपवास, भागवत पुराण कथा, रस लीला / कृष्णा लीला जैसे माध्यमों द्वारा मध्यरात्रि तक प्रायोजित किया जाता है, जैसा कि मध्यरात्रि को भगवान श्री कृष्ण का अवतरण समय माना जाता है।
जन्माष्टमी 2023: 7 सितंबर 2023 - इस्कॉन, वैष्णव, गौड़ीय
श्री कृष्ण छठी महोत्सव: 12 सितंबर 2023

जन्माष्टमी 2023 का शुभ मुहूर्त:
जन्माष्टमी, अष्टमी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 03:38 बजे से शुरू हो रही है और 7 सितंबरको शाम 4:14 बजे समाप्त हो जाएगी।

जन्माष्टमी व्रत का संकल्प कैसे करें?
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर श्रीकृष्ण के सम्मुख व्रत का संकल्प करें। अपने हाथों में तुलसी का पत्ता पकड़कर यह संकल्प करें और व्रत के दौरान की गई किसी भी गलती के लिए पहले से क्षमा मांग लें। जन्माष्टमी पर पूरे दिन व्रत रखा जाता है और रात के 12 बजे कृष्ण की पूजा कर व्रत तोड़ा जाता है।

जन्माष्टमी व्रत पर कैसे करें पूजा:
❀ जन्माष्टमी के दिन स्नान आदि करके मंदिर की सफाई करें।
❀ इसके बाद सभी देवताओं का आह्वान करते हुए दीप प्रज्ज्वलित करें।
❀ फिर बाद में श्रीकृष्ण की पूजा शुरू करें, श्रीकृष्ण का जल से अभिषेक करें, श्रृंगार करें और भोग लगाएं। फिर ठाकुर जी का झूला झुलायें।
❀ फिर रात का इंतजार करते हुए दिन भर कृष्ण मंत्रों का जाप करें। रात 12 बजे भगवान का जन्मदिन मनाएं।
❀ कान्हा को दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं।
❀ अंत में बाल गोपाल की आरती करते हुए मंगल गीत गाएं।

संबंधित अन्य नामश्री कृष्ण जन्माष्टमी, कृष्ण जन्माष्टमी, कृष्णाष्टमी, गोकुलाष्टमी, कन्हैया अष्टमी, कन्हैया आठें, श्री कृष्ण जयंती, श्रीजी जयंती
शुरुआत तिथिभाद्रपद कृष्ण अष्टमी
कारणभगवान श्री कृष्ण का अवतरण दिवस
उत्सव विधिरास लीला, दही हांडी, पतंगबाजी
Read in English - Janmashtami
Janmashtami Krishna Janmashtami is a well-known festival that is celebrated as the birth of Bhagwan Krishna

कृष्ण जन्माष्टमी

7 September 2023
इस त्योहार के दौरान भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान मथुरा-वृंदावन में मुख्य रूप से रास लीला का आयोजन किया जाता है। रास का अर्थ सौंदर्य, भावना या मिठाई और लीला नाटक या नृत्य या अधिक व्यापक रूप से इसे ईश्वरीय प्रेम का नृत्य कहते है।
कृष्ण जन्माष्टमी को कृष्णाष्टमी, गोकुलाष्टमी, कन्हैया अष्टमी, कन्हैया आठें, श्री कृष्ण जयंती और श्रीजी जयंती प्रमुख नामों से भी जाना जाता है।
जन्माष्टमी बांग्लादेश में एक राष्ट्रीय अवकाश है, और बांग्लादेश ढाकेश्वरी मंदिर, ढाका के राष्ट्रीय मंदिर से शुरू होता है। और श्री स्वामीनारायण मंदिर, कराची पाकिस्तान में भी मनाया जाता है।

दही हांड़ी

7 September 2023
दही हांड़ी उत्सव मुख्यतया भारतीय राज्य महाराष्ट्र और गुजरात मे धूम-धाम से मनाया जाता है। दही यानी (curd) और हांड़ी का मतलब मिट्टी से बने पात्र जैसे मटका / मटकी को कहा जाता है।
मथुरा के राजा कंस द्वारा किए गये अत्याचार, जिसमे प्रजा द्वारा सभी दूध उत्पाद का ज़रूरत से ज़्यादा माँग के विरोध स्वरूप। बाल्य काल मैं भगवान श्री कृष्ण अपने ग्वाला टोलियों के साथ घर-घर जाकर दूध से बने उत्पाद जैसे - दही, मक्खन आदि को लेकर अपने ग्वाला दोस्तों मैं बाँट दिया करते थे। इस विरोध स्वरूप प्रारंभ हुआ दही-हंडी महोत्सव।

छठी महोत्सव

12 September 2023
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के छह दिन बाद, बाल गोपाल श्री कृष्ण का छठी महोत्सव मनाया जाता है। जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव तथा छठी पूजन नामकरण उत्सव के रूप मे मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण की छठी वाले दिन लोग अपने आराध्य का अपनी इच्छा के अनुसार नया नाम भी रखते हैं, जैसे माधव, लड्डू गोपाल, ठाकुरजी आदि।

भगवान कृष्ण की छठी के दिन उन्हें पीले रंग के वस्त्र पहिनाए जाते हैं, तथा माखन-मिश्री का भोग लगाया जाता है, तथा भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की ही पूजा-अर्चना की जाती है।

संबंधित जानकारियाँ

आवृत्ति
वार्षिक
समय
2 दिन
शुरुआत तिथि
भाद्रपद कृष्ण अष्टमी
समाप्ति तिथि
भाद्रपद कृष्ण नवमी
महीना
अगस्त / सितंबर
मंत्र
हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की!, हरे कृष्ण!
प्रकार
सार्वजनिक अवकाश
कारण
भगवान श्री कृष्ण का अवतरण दिवस
उत्सव विधि
रास लीला, दही हांडी, पतंगबाजी
महत्वपूर्ण जगह
बरसाना, मथुरा, वृंदावन, ब्रज प्रदेश, श्री कृष्ण मंदिर, श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा, इस्कॉन मंदिर
पिछले त्यौहार
Chhati Mahotsav: 12 September 2023, ISKCON, Vaishnav, Gauria: 7 September 2023, Smarta: 6 September 2023, Chhati Mahotsav: 24 August 2022, ISKCON, Vaishnav, Gauria: 19 August 2022, Smarta: 18 August 2022, Chhati Mahotsav: 4 September 2021, Dahi Handi: 31 August 2021, Janmashtami: 30 August 2021

Updated: Dec 17, 2023 15:06 PM

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