जन्माष्टमी (जिसे कृष्ण जन्माष्टमी या गोकुलाष्टमी भी कहा जाता है) एक हिंदू त्योहार है जो भगवान विष्णु के आठवें अवतार, भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव मनाता है।
भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद (अगस्त-सितंबर) माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। उनका जन्म बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है, क्योंकि वे दुष्ट राजा कंस का विनाश करने आए थे। उनका जीवन प्रेम, भक्ति, ज्ञान और कर्तव्य का पाठ सिखाता है।
कृष्ण जन्माष्टमी
16 August 2025
❀ इस त्योहार के दौरान भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान मथुरा-वृंदावन में मुख्य रूप से रास लीला का आयोजन किया जाता है। रास का अर्थ सौंदर्य, भावना या मिठाई और लीला नाटक या नृत्य या अधिक व्यापक रूप से इसे ईश्वरीय प्रेम का नृत्य कहते है।
❀ कृष्ण जन्माष्टमी को कृष्णाष्टमी, गोकुलाष्टमी, कन्हैया अष्टमी, कन्हैया आठें, श्री कृष्ण जयंती और श्रीजी जयंती प्रमुख नामों से भी जाना जाता है।
❀ जन्माष्टमी बांग्लादेश में एक राष्ट्रीय अवकाश है, और बांग्लादेश ढाकेश्वरी मंदिर, ढाका के राष्ट्रीय मंदिर से शुरू होता है। और श्री स्वामीनारायण मंदिर, कराची पाकिस्तान में भी मनाया जाता है।
दही हांड़ी
16 August 2025
दही हांड़ी उत्सव मुख्यतया भारतीय राज्य महाराष्ट्र और गुजरात मे धूम-धाम से मनाया जाता है। दही यानी (curd) और हांड़ी का मतलब मिट्टी से बने पात्र जैसे मटका / मटकी को कहा जाता है।
मथुरा के राजा कंस द्वारा किए गये अत्याचार, जिसमे प्रजा द्वारा सभी दूध उत्पाद का ज़रूरत से ज़्यादा माँग के विरोध स्वरूप। बाल्य काल मैं भगवान श्री कृष्ण अपने ग्वाला टोलियों के साथ घर-घर जाकर दूध से बने उत्पाद जैसे - दही, मक्खन आदि को लेकर अपने ग्वाला दोस्तों मैं बाँट दिया करते थे। इस विरोध स्वरूप प्रारंभ हुआ दही-हंडी महोत्सव।
दही हांडी के बारे में विस्तार से पढ़ें:
दही हांडी महोत्सव
छठी महोत्सव
21 August 2025
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के छह दिन बाद, बाल गोपाल श्री कृष्ण का छठी महोत्सव मनाया जाता है। जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव तथा छठी पूजन नामकरण उत्सव के रूप मे मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण की छठी वाले दिन लोग अपने आराध्य का अपनी इच्छा के अनुसार नया नाम भी रखते हैं, जैसे माधव, लड्डू गोपाल, ठाकुरजी आदि।
भगवान कृष्ण की छठी के दिन उन्हें पीले रंग के वस्त्र पहिनाए जाते हैं, तथा माखन-मिश्री का भोग लगाया जाता है, तथा भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की ही पूजा-अर्चना की जाती है।
अन्य शहरों में कृष्ण जन्माष्टमी मुहूर्त
12:17 AM से 1:02 AM, अगस्त 16 - पुणे
12:04 AM से 12:47 AM, अगस्त 16 - नई दिल्ली
11:51 PM से 12:36 AM, अगस्त 16 - चेन्नई
12:10 AM से 12:53 AM, अगस्त 16 - जयपुर
11:58 PM से 12:43 AM, अगस्त 16 - हैदराबाद
12:05 AM से 12:48 AM, अगस्त 16 - गुरुग्राम
12:06 AM से 12:49 AM, अगस्त 16 - चण्डीगढ़
11:19 PM, अगस्त 16 से 12:03 AM, अगस्त 17 - कोलकाता
12:20 AM से 1:05 AM, अगस्त 16 - मुम्बई
12:01 AM से 12:47 AM, अगस्त 16 - बेंगलूरु
12:22 AM से 1:06 AM, अगस्त 16 - अहमदाबाद
12:03 AM से 12:47 AM, अगस्त 16 - नोएडा
संबंधित जानकारियाँ
शुरुआत तिथि
भाद्रपद कृष्ण अष्टमी
समाप्ति तिथि
भाद्रपद कृष्ण नवमी
मंत्र
हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की!, हरे कृष्ण!
कारण
भगवान श्री कृष्ण का अवतरण दिवस
उत्सव विधि
रास लीला, दही हांडी, पतंगबाजी
महत्वपूर्ण जगह
बरसाना, मथुरा, वृंदावन, ब्रज प्रदेश, श्री कृष्ण मंदिर, श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा, इस्कॉन मंदिर
पिछले त्यौहार
छठी महोत्सव : 21 August 2025, 16 August 2025, 26 August 2024
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