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वृन्दावन होली कैलेंडर (Vrindavan Holi Calendar)

वृन्दावन होली कैलेंडर
होली का त्योहार देशभर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन कान्हा की नगरी मथुरा में हर साल इसका अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। मथुरा में रंगों का यह त्योहार 40 दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत वसंत पंचमी के दिन से होती है। परंपरा के अनुसार, वसंत पंचमी के दिन बांके बिहारी मंदिर में सुबह की आरती की जाती है। फिर मंदिर के पुजारी भगवान बांके बिहारी को गुलाल का तिलक लगाकर होली के त्योहार की शुरुआत करते हैं। यह त्यौहार रंग पंचमी के दिन समाप्त होता है। ऐसे में आइए जानते हैं बरसाना, मथुरा, वृन्दावन, नंदगांव आदि जगहों पर कब और कौन सी होली खेली जाएगी।
ब्रज वृन्दावन का होली कैलेंडर 2025
❀ 28 फरवरी - महा शिवरात्रि: प्रथम होली जुलूस लाड़लीजी मंदिर, बरसाना
❀ 7 मार्च - फाग आमंत्रण: शाम को लड्डू होली लाड़लीजी महल, बरसाना
❀ 8 मार्च - लट्ठमार होली, बरसाना
❀ 9 मार्च - लट्ठमार होली, नंदगांव
❀ 10 मार्च - फूलों की होली बांके बिहारी मंदिर | रंगभरी होली वृंदावन | रंगभरी होली एवं हुरंगा श्री कृष्ण जन्मस्थान
❀ 11 मार्च - होली उत्सव, द्वारकाधीश मंदिर और गोकुल
❀ 12 मार्च - बांकेबिहारी मंदिर में होली उत्सव और डोल उत्सव, वृंदावन
❀ 13 मार्च - होलिका दहन, फालैन और पूरे ब्रज में
❀ 14 मार्च - धुलेंडी: रंगों की होली, ब्रज
❀ 15 मार्च - दाऊजी का हुरंगा, बलदेव
❀ 16 मार्च - हुरंगा, नंदगाँव
❀ 17 मार्च - हुरंगा, जावगाँव
❀ 18 मार्च - गाँव मुखराई में चरकुला नृत्य
❀ 19 मार्च - हुरंगा, बठैन गाँव
❀ 20 मार्च - हुरंगा, गिडोह
❀ 21 मार्च - रंग पंचमी | हुरंगा, खायरा
❀ 22 मार्च - रंगनाथ जी मंदिर में होली का उत्सव

वृन्दावन में कैसे मनाई जाती है होली
मथुरा, वृन्दावन और बरसाना की होली पूरी दुनिया में मशहूर है. यहां राधा-कृष्ण गोपियों के साथ क्रीड़ा करते थे। ब्रज धाम में होली सिर्फ रंगों से ही नहीं बल्कि कई अन्य तरीकों से भी खेली जाती है। वसंत ऋतु आते ही ब्रज के पूरे मंदिर को पीले फूलों से सजाया जाता है। ब्रज में 40 दिनों तक चलने वाली होली का आनंद लेने के लिए भक्त बड़ी संख्या में कान्हा की नगरी पहुंचते हैं और यहां होली मनाकर खुद को धन्य मानते हैं। बरसाना की होली हो या लट्ठ मार होली, मथुरा की हर तरह की होली का हर कोई दीवाना है।

मथुरा कैसे पहुँचें?
सड़क मार्ग से, दिल्ली और आगरा से सार्वजनिक बसें और टैक्सियाँ उपलब्ध हैं, जिनमें क्रमशः लगभग 3 1⁄2 घंटे और 1 1⁄2 घंटे लगते हैं। आगरा हवाई अड्डा मथुरा का निकटतम हवाई अड्डा है। लेकिन दिल्ली में हवाई अड्डे पर उड़ान के अधिक विकल्प हैं। मथुरा पहुंचने के लिए रेल मार्ग सबसे किफायती तरीका है। आगरा से मथुरा तक लगभग 1 घंटा लगता है। दिल्ली से, लगभग 2 घंटे लगते हैं।

होली कब, कैसे क्यों और कहाँ?
होली - होलिका दहन, धुलण्डी, दूज
होली शुभकामना मेसेज

होली भजन:
आज बिरज में होरी रे रसिया
होली खेल रहे नंदलाल
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद किशोर
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं
मेरे बांके बिहारी लाल
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी
इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी
छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल
मंगल गीत: हेरी सखी मंगल गावो री
अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो
सीता राम, सीता राम, सीताराम कहिये
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम

आरती:
आरती कुंजबिहारी की
श्री चित्रगुप्त आरती
श्री खाटू श्याम जी आरती
श्री राम स्तुति
श्री कुबेर जी आरती
श्री सत्यनारायण आरती
ॐ जय जगदीश हरे आरती

मंत्र | नामावली | स्तोत्र | अष्टकम
मधुराष्टकम्: धरं मधुरं वदनं मधुरं
श्री राधा कृपा कटाक्ष स्त्रोत्र
महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः
श्री कृष्णाष्टकम्
श्री दशावतार स्तोत्र: प्रलय पयोधि-जले
दैनिक हवन-यज्ञ विधि

चालीसा:
राधा चालीसा
दुर्गा चालीसा
नवग्रह चालीसा
राम चालीसा
राणी सती दादी चालीसा

मंदिर:
श्री राधा रानी मंदिर, बरसाना
पागल बाबा मंदिर
प्रेम मंदिर
श्री दाऊजी मंदिर, हाथरस
ब्रजभूमि के प्रसिद्ध मंदिर
द्वारका, गुजरात के विश्व विख्यात मंदिर
दिल्ली के प्रसिद्ध श्री कृष्ण मंदिर
भारत के चार धाम

ब्लॉग:
क्या रंग महोत्सव होली विदेशों में प्रसिद्ध है?
काशी की चिता भस्म होली
शिवजी और कामदेव से जुड़ी होली की पौराणिक कथा

अगला उत्सव, पर्व, व्रत एवं पूजा:
चैतन्य महाप्रभु जयंतीपापमोचनी एकादशी
चैत्र नवरात्रिराम नवमी
चेटी चंडमत्स्य जयंती

Vrindavan Holi Calendar in English

The festival of Holi is celebrated with great pomp across the country, but in Kanha's city Mathura, this festival of colors lasts for 40 days, which starts from the day of Vasant Panchami.
यह भी जानें

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