आदिकेशव पेरुमल मंदिर, मायलापुर, चेन्नई, तमिलनाडु में स्थित एक पूजनीय विष्णु मंदिर है। यह शहर के प्रमुख वैष्णव मंदिरों में से एक है और भगवान विष्णु के भक्तों के बीच गहरा आध्यात्मिक महत्व रखता है। आदिकेशव पेरुमल मंदिर को श्री आदिकेशव पेरुमल पायलवार मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
आदिकेशव पेरुमल मंदिर का इतिहास और वास्तुकला
❀ आदिकेशव पेरुमल मंदिर में मुख्य देवता भगवान आदिकेशव पेरुमल (भगवान विष्णु के एक अवतार) और उनकी पत्नी मयूरवल्ली थायर (देवी लक्ष्मी) हैं। भगवान को खड़ी मुद्रा में, शंख और चक्र धारण किए हुए, दिव्य कृपा प्रदान करते हुए दर्शाया गया है।
❀ यह मंदिर प्राचीन है, माना जाता है कि यह कई शताब्दियों पुराना है, और पारंपरिक द्रविड़ स्थापत्य शैली में निर्मित है। इसका संबंध 12 आलवार (वैष्णव संतों) में से एक, श्री पेयाळवार से है।
❀ कहा जाता है कि पेयाळवार का जन्म भगवान विष्णु के एक दिव्य अवतार के दौरान मंदिर के कुंड (आदिकेशव पेरुमल तीर्थम) में एक लिली के फूल में हुआ था। इस वजह से, मंदिर को 108 दिव्य देसम से संबंधित स्थलों में से एक माना जाता है।
❀ पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु पेयाळवार को आशीर्वाद देने और भक्तों को आध्यात्मिक जागृति की ओर मार्गदर्शन करने के लिए आदिकेशव पेरुमल के रूप में यहाँ प्रकट हुए थे। मंदिर के सरोवर, चक्र तीर्थम, में दिव्य शुद्धिकरण शक्तियाँ मानी जाती हैं।
❀ मंदिर में पाँच-स्तरीय गोपुरम (टॉवर) है जो विष्णु के अवतारों और दिव्य प्राणियों की विस्तृत मूर्तियों से सुसज्जित है। प्रकरम (गलियारा) में श्री अंडाल, श्री हनुमान, श्री गरुड़, श्री रंगनाथ के मंदिर हैं। मंदिर का सरोवर परिसर के निकट स्थित है, जहाँ वार्षिक अनुष्ठान किए जाते हैं।
आदिकेशव पेरुमल मंदिर दर्शन समय
मंदिर पूरे सप्ताह खुला रहता है और दर्शन का समय सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक है।
आदिकेशव पेरुमल मंदिर में प्रमुख उत्सव
मंदिर में वैकुंठ एकादशी धूमधाम से मनाई जाती है और प्रातःकाल परमपद वत्सल दर्शन होते हैं। पेयाळवार अवतार उत्सव - पेयाळवार की जयंती के रूप में मनाया जाता है; भक्तगण मयलापुर कपालेश्वर मंदिर तक एक औपचारिक जुलूस निकालते हैं, जो शैव और वैष्णव धर्म के बीच सामंजस्य का प्रतीक है। ब्रह्मोत्सव, राम नवमी और कृष्ण जयंती भी भक्तिभाव से मनाई जाती हैं।
आदिकेशव पेरुमल मंदिर कैसे पहुँचें
आदि केशव पेरुमल मंदिर, केशव पेरुमल स्ट्रीट, मयलापुर, चेन्नई में स्थित है। मयलापुर बस स्टैंड से स्थानीय बस और टैक्सी द्वारा यहाँ आसानी से पहुँचा जा सकता है।
नोट: मंदिर में देवी मयूरवल्ली की पूजा बिल्व पत्रों से की जाती है, जिनका उपयोग केवल शिव मंदिरों में ही किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि मयूरवल्ली के रूप में शिव, पार्वती और लक्ष्मी ने आदि केशव पेरुमल की पूजा की थी और अपने श्रापों से मुक्ति पाई थी। ऐसा माना जाता है कि पे अलवर को मयूरवल्ली ने शिक्षा दी थी। मंदिर की पौराणिक कथा के अनुसार, भक्त अपनी शिक्षा और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करने अक्सर इस मंदिर में आते हैं। यह मंदिर और
कपालेश्वरर मंदिर, मायलापुर के सबसे पुराने स्मारक हैं।
प्रचलित नाम: श्री आदिकेशव पेरुमल पायलवार मंदिर