भुज में स्थित माँ आशापुरा मंदिर, देवी आशापुरा को समर्पित एक पूजनीय आध्यात्मिक स्थल है, जिन्हें कच्छ क्षेत्र की संरक्षक देवी माना जाता है। यह मंदिर अपने समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। आशापुरा माता को देवी दुर्गा का ही एक रूप माना जाता है, और उन्हें विशेष रूप से इच्छाओं को पूरा करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है, इसीलिए उन्हें \"आशापुरा\" कहा जाता है।
आशापुरा मंदिर भुज का इतिहास और वास्तुकला
अंदर लाल रंग के पत्थर से बनी लगभग 6 फीट ऊँची आशापुरा माता की एक मूर्ति है। गर्भगृह भव्य रूप से अलंकृत है। मंदिर का आकार कुछ आयताकार है। इसके एक प्रमुख भाग की ऊँचाई लगभग 52 फीट, लंबाई 58 फीट और चौड़ाई 32 फीट है।
कच्छ क्षेत्र में कई लोग माँ आशापुरा को कुलदेवी मानते हैं। इस मंदिर का निर्माण 14वीं शताब्दी में माता नो मध में दो कराड वाणियों, अजो और अनागोर ने करवाया था। वह कच्छी जडेजा राजपूतों, भानुशाली, गोसर, सावला और पोलाडिया समुदायों की कुलदेवी हैं। पीपलाव के चरोतर के पटेल भी आशापुरी माता को कुलदेवी के रूप में पूजते हैं।
इस परिसर में छोटे मंदिर/मंडप (स्तंभों वाले हॉल) हैं, संभवतः अनुष्ठानों के लिए एक पवित्र तालाब या कुंड भी है। इसके अलावा, भक्तगण जहाँ एकत्रित होते हैं, वहाँ प्रांगण भी हैं। उन्हें अपने अनुयायियों की मनोकामनाएँ पूरी करने वाली देवी माना जाता है। इसे कई बार क्षतिग्रस्त और पुनर्निर्मित किया गया है, विशेष रूप से भूकंपों के बाद।
आशापुरा मंदिर भुज का दर्शन समय
आशापुरा मंदिर भुज पूरे सप्ताह खुला रहता है और दर्शन का समय सुबह 6:30 बजे से दोपहर लगभग 12:00 बजे तक और शाम को 5:00 बजे से रात 9:00 बजे तक है। कुछ विशेष दिनों में यह 24 घंटे खुला रहता है।
आशापुरा मंदिर भुज के प्रमुख त्यौहार
आशापुरा माता मंदिर (विशेषकर माता नो मढ़ में) में नवरात्रि महोत्सव बड़ी संख्या में लोगों के साथ मनाया जाता है। सजावटी रोशनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम और सामूहिक प्रार्थनाओं का भी आयोजन किया जाता है। नवरात्रि के दौरान सातवीं रात को माता नो मढ़ में हवन विधि (अग्नि अनुष्ठान) होती है। महाशिवरात्रि भी बहुत धूमधाम से मनाई जाती है।
आशापुरा मंदिर भुज कैसे पहुँचें
मंदिर आशापुरा रिंग रोड, जोशी फलियो, सोनीवाड़, भुज के पास स्थित है। यह भुज शहर के भीतर है, इसलिए परिवहन अपेक्षाकृत आसान है। आप मध्य भुज से रिंग रोड/सोनीवाड़ क्षेत्र की ओर ऑटो-रिक्शा, स्थानीय बसें या कोई भी टैक्सी ले सकते हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन भुज रेलवे स्टेशन है जो केवल 2.7 किमी दूर है।
आशापुरा मंदिर भुज की यात्रा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
❀ यह मंदिर भक्ति और शिल्प कौशल का मिश्रण है; यह एक पूजा स्थल होने के साथ-साथ स्थानीय कारीगरों के कौशल का प्रदर्शन भी है।
❀ कई भक्तों का मानना है कि यहां उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, इसलिए लोग अक्सर आस्था के साथ दर्शन के लिए आते हैं।
प्रचलित नाम: आशापुरा माता मंदिर भुज