दूधाधारी मठ - Dudhadhari Math

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

◉ दूधाधारी मठ, छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध हिंदू धार्मिक स्थलों में से एक है।
◉ श्री दूधाधारी मठ, 1554 ब्रिटिश काल के दौरान बनाया गया था।
◉ मठ के प्रांगण में तीन मुख्य मंदिर हैं।
दूधाधारी मठ रायपुर, छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध हिंदू धार्मिक स्थलों में से एक है। यह रायपुर का बेहद आकर्षक पर्यटन स्थल है। हर साल हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं।

दूधाधारी मठ की इतिहास वास्तुकला
दूधाधारी मठ अपनी शानदार वास्तुकला के लिए जाना जाता है। मठ की सीढ़ियाँ चढ़ते ही लोहे की मोटी सलाखों से बना मंदिर का मुख्य द्वार है। जिसके शीर्ष पर सफेद संगमरमर से लिखा है, \"श्री दूधाधारी मठ, स्थापना - संवत 1610\" यानी वर्ष 1554 ब्रिटिश काल के दौरान बनाया गया था।

दूधाधारी मठ की स्थापना बलभद्र दास महाराज ने की थी। बलभद्रदास महाराज बांध तालाब के पास हरे-भरे पेड़ों के बीच अपनी कुटिया में रहते थे। बलभद्रदास का अधिकांश समय अपने इष्ट हनुमान की भक्ति में व्यतीत होता था। वे गाय के दूध से हनुमान का अभिषेक करते थे और केवल वही दूध ग्रहण करते थे, अन्य कोई भोजन नहीं। आसपास के लोगों ने देखा कि बलभद्र केवल दूध का सेवन करते हैं, तभी से उन्हें 'दूधाधारी' कहा जाने लगा और यहीं से इस मठ का नाम 'दूधाधारी मठ' पड़ गया।

दूधाधारी मठ के प्रांगण में तीन मुख्य मंदिर हैं।
❀ राम जानकी मंदिर
❀ श्री बालाजी मंदिर
❀ हनुमान मंदिर

हनुमान मंदिर को दूधाधारी मठ का अधिष्ठाता देवता माना जाता है। यह मठ एक किले की तरह है जो चारों तरफ से ऊंची दीवारों से घिरा हुआ है। मठ के महत्व को बढ़ाते हुए, मठ के प्रांगण में एक पुराना कुआँ भी मौजूद है। जिसका प्रयोग आज भी किया जाता है।

दूधाधारी मठ का दर्शन समय
दूधाधारी मठ खुलने का समय - सुबह 07:00 बजे और बंद होने का समय - शाम 07:00 बजे। मठ पूरे दिन खुला रहता है। जिससे श्रद्धालु पूरे सप्ताह मठ के दर्शन कर सकेंगे।

दूधाधारी मठ में प्रमुख त्यौहार
दूधाधारी मठ में हनुमान जयंती, राम नवमी, जन्माष्टमी प्रमुख त्योहार हैं, जिन्हें भव्य तरीके से मनाया जाता है।

दूधाधारी मठ कैसे पहुंचे?
दूधाधारी मठ, रायपुर, छत्तीसगढ़ में स्थित है। रायपुर शहर छत्तीसगढ़ की राजधानी है, यह स्थान सड़क, रेलवे और वायुमार्ग द्वारा अन्य शहरों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
प्रचलित नाम: Dudhadhari Math, Dudhadhari Math, Dudhadhar
Dudhadhari Math - Read In English
Balabhadradas used to anoint Hanuman with milk and would consume only milk and no other food. From then on, he came to be known as 'Dudhadhari' and from here the name of this monastery came to be 'Dudhadhari Math'.

जानकारियां - Information

दर्शन समय
7 AM - 7 PM
मंत्र
ॐ हं हनुमते नम:
त्योहार
Hanuman Jayanti, Ram Navami | यह भी जानें: एकादशी
बुनियादी सेवाएं
Drinking Water, CCTV Security, Parking Lot
संस्थापक
महाराज बलभद्रदास
समर्पित
भगवान हनुमान

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧
6JFH+JQF, near dhoodhadhari math, burhatalaw, Mahamai Para Raipur Chhattisgarh
सोशल मीडिया
निर्देशांक 🌐
21.2240172°N, 81.6294581°E

क्रमवद्ध - Timeline

7 AM - 7 PM

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Updated: Feb 16, 2024 18:00 PM