पापनासम मंदिर, जिसे पापनासनाथर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, तमिलनाडु में तमिराबरानी नदी के तट पर तिरुनेलवेली जिले के पापनासम गाँव में स्थित एक पवित्र शिव मंदिर है। यहाँ भगवान शिव को पापनासनाथर, पापों का नाश करने वाले (पाप-नाशम = पापों का निवारण) और देवी पार्वती को उलगम्मई अम्मन के रूप में पूजा जाता है। भक्तों का मानना है कि नदी में पवित्र स्नान और भगवान के दर्शन से पिछले कर्मों के दोषों से मुक्ति मिलती है।
पापनासम मंदिर का इतिहास और वास्तुकला
❀ 1000+ वर्ष पुराना यह मंदिर
महर्षि अगस्त्य और प्राचीन पौराणिक कथाओं से जुड़ा है।
❀ इस मंदिर का निर्माण मूल रूप से चंद्रकुल पांड्या ने करवाया था। बाद में, चोलों और नायकों ने भी मंदिर के विस्तार, गोपुरम और मंडपों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
❀ द्रविड़ शैली का अद्भुत गोपुरम, शांत मंदिर परिवेश और पवित्र तमिराबरानी नदी तट पर स्थित है।
❀ भक्तिभारत के अनुसार, इस मंदिर में विनायक, मुरुगन, दक्षिणामूर्ति, चंडिकेश्वर और नवग्रहों के मंदिर भी हैं।
❀ पापनासनथर लिंगम की बनावट प्राकृतिक रूप से खुरदरी और असमान है। यह स्वयंभू लिंगम की विशेषता है, जिन्हें मानव द्वारा नहीं तराशा जाता।
❀ भक्त और पुजारी पारंपरिक रूप से देखते हैं कि लिंगम में तीन धुंधली प्राकृतिक रेखाएँ होती हैं, जिन्हें \"त्रिपुंड\" माना जाता है।
❀ यह दोष निवारण के लिए, विशेष रूप से पिछले कर्मों और पैतृक समस्याओं से संबंधित, तमिलनाडु के सबसे शक्तिशाली मंदिरों में से एक माना जाता है।
❀ यह मंदिर स्थानीय परंपरा में पूजनीय 108 शिव मंदिरों में से एक है।
❀ यह मंदिर पापनासम बांध और हरे-भरे कलक्कड़-मुंडनथुराई टाइगर रिज़र्व के पास स्थित है, जो भक्ति और प्रकृति का एक अनूठा संगम है।
पापनासम मंदिर का दर्शन समय
पापनासम मंदिर पूरे सप्ताह खुला रहता है और दर्शन का समय सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक है।
पापनासम मंदिर के प्रमुख त्यौहार
पापनासम मंदिर सभी तमिल त्यौहारों को भव्यता से मनाता है। इनमें कोडाई उत्सव, चित्तिराई उत्सव, नवरात्रि और शिवरात्रि भी भव्यता के साथ मनाए जाते हैं।
पापनासम मंदिर कैसे पहुँचें
यह मंदिर पापनासम, तिरुनेलवेली, जिला तमिलनाडु में स्थित है। यह स्थान सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है और निकटतम रेलवे स्टेशन अम्बासमुद्रम है।
प्रचलित नाम: पापनासास्वामी, पापनासनाथर मंदिर