स्वस्ति: प्रजाभ्यः परिपालयंतां - लोकक्षेम मंत्र (Svasti Prajabhyah Paripalayantam)


स्वस्ति: प्रजाभ्यः परिपालयंतां
न्यायेन मार्गेण महीं महीशाः ।
गो ब्राह्मणेभ्यः शुभमस्तु नित्यं
लोकाः समस्ताः सुखिनोभवंतु ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ।
लोकक्षेम मंत्र | सम्पूर्ण विश्व के कल्याण का मंत्र
Svasti Prajabhyah Paripalayantam - Read in English
Svasti Prajabhyah Paripalayantam Nyayena Margena Maheem Maheeshah । Gobrahmanebhyah Subham Astu Tityam...
मूल रूप
स्वस्तिप्रजाभ्यः परिपालयंतां न्यायेन मार्गेण महीं महीशाः ।
गोब्राह्मणेभ्यः शुभमस्तु नित्यं लोकाः समस्ताः सुखिनोभवंतु ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ।
Mantra Vedic MantraVed MantraShanti MantraHoli Mantra

अन्य प्रसिद्ध स्वस्ति: प्रजाभ्यः परिपालयंतां - लोकक्षेम मंत्र वीडियो

Rajalakshmee Sanjay

अगर आपको यह मंत्र पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

मंत्र ›

कमल नेत्र स्तोत्रम्

श्री कमल नेत्र कटि पीताम्बर, अधर मुरली गिरधरम । मुकुट कुण्डल कर लकुटिया, सांवरे राधेवरम ॥ कूल यमुना धेनु आगे..

मधुराष्टकम्: अधरं मधुरं वदनं मधुरं

अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरं। हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं॥

अन्नपूर्णा स्तोत्रम्

नित्यानन्दकरी वराभयकरी सौन्दर्यरत्नाकरी, निर्धूताखिलघोरपावनकरी प्रत्यक्षमाहेश्वरी।

श्री गणेशपञ्चरत्नम् - मुदाकरात्तमोदकं

मुदाकरात्तमोदकं सदा विमुक्तिसाधकं, कलाधरावतंसकं विलासिलोकरक्षकम् । अनायकैकनायकं विनाशितेभदैत्यकं...

दशरथकृत शनि स्तोत्र

नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च। नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:॥