कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 11
एक बार सागर पुत्र जलन्धर अपनी पत्नी वृन्दा सहित असुरों से सम्मानित हुआ सभा में बैठा था तभी गुरु शुक्राचार्य का वहाँ आगमन हुआ।..
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कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 12
नारद जी ने कहा: तब इन्द्रादिक देवता वहाँ से भय-कम्पित होकर भागते-भागते बैकुण्ठ में विष्णु जी के पास पहुंचे। देवताओं ने अपनी रक्षा के लिए उनकी स्तुति की..
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कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष मे दीपावली के चार दिन पहले आने वाली इस एकादशी को लक्ष्मी जी के नाम पर रमा एकादशी कहा जाता है। इसे पुण्यदायिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
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कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 10
राजा पृथु बोले – हे ऋषिश्रेष्ठ नारद जी! आपको प्रणाम है। कृपया अब यह बताने की कृपा कीजिए कि जब भगवान शंकर ने अपने मस्तक के तेज को क्षीर सागर में डाला तो उस समय क्या हुआ?..
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कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 9
तब भगवान शंकर गुरु बृहस्पति से बोले: मैं तुम्हारी स्तुति से अत्यन्त प्रसन्न हूँ। तुमने इन्द्र को जीवनदान दिलवाया है।
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कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 8
नारदजी बोले – अब मैं कार्तिक व्रत के उद्यापन का वर्णन करता हूँ जो सब पापों का नाश करने वाला है। व्रत का पालन करने वाला मनुष्य
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कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 7
व्रती मनुष्य जहाँ कहीं भी रहता है वहीं पर उसकी पूजा होती है, उसका यश फैलता है। उसके निवास स्थान पर भूत, पिशाच आदि कोई भी नहीं रह पाते..
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श्री गणेशाय नमः, प्राचीन काल में किसी नगर में एक साहूकार रहता था। उसके सात लड़के थे।
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अहोई अष्टमी और राधाकुण्ड से जुड़ी कथा
बहुत समय पहले झाँसी के निकट एक नगर में चन्द्रभान नामक साहूकार रहता था। उसकी पत्नी चन्द्रिका बहुत सुंदर, सर्वगुण सम्पन्न, सती साध्वी, शिलवन्त चरित्रवान...
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कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 6
स्नान से पहले भगवान का ध्यान कर के स्नानार्थ संकल्प करना चाहिए फिर तीर्थ में उपस्थित देवताओं को क्रमश: अर्ध्य, आचमनीय आदि देना चाहिए।
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कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 5
जो मनुष्य उपरोक्त विधि के अनुसार कार्तिक व्रत का अनुष्ठान करते हैं वह जगत के सभी सुखों को भोगते हुए अन्त में मुक्ति को प्राप्त करते हैं।
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कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 4
जो मनुष्य कार्तिक में तुलसी जी की जड़ के समीप श्रीहरि का पूजन करता है वह इस लोक में सम्पूर्ण भोगों का उपभोग कर के अन्त में वैकुण्ठ धाम को जाता है।
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करवा चौथ व्रत कथा: साहूकार के सात लड़के, एक लड़की की कहानी
एक साहूकार के सात लड़के और एक लड़की थी। एक बार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सेठानी...
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करवा चौथ व्रत कथा: पतिव्रता करवा धोबिन की कथा!
पुराणों के अनुसार करवा नाम की एक पतिव्रता धोबिन अपने पति के साथ तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित गांव में रहती थी..
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करवा चौथ व्रत कथा: द्रौपदी को श्री कृष्ण ने सुनाई कथा!
एक बार अर्जुन नीलगिरि पर तपस्या करने गए। द्रौपदी ने सोचा कि यहाँ हर समय अनेक प्रकार की विघ्न-बाधाएं आती रहती हैं |
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