अलारनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित एक प्रतिष्ठित हिंदू मंदिर है, जो ओडिशा में पुरी से लगभग 25 किलोमीटर दूर ब्रह्मगिरी में स्थित है। यह अनसर काल के दौरान विशेष महत्व रखता है, जो स्नान यात्रा के बाद रथ यात्रा से पहले जब पुरी में जगन्नाथ मंदिर के देवता दर्शन के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं। भक्तों का मानना है कि इस दौरान भगवान जगन्नाथ इस मंदिर में अलारनाथ देव के रूप में प्रकट होते हैं। भक्तों का मानना है कि इस समय मंदिर में जाना पुरी के जगन्नाथ धाम में दर्शन करने जितना ही शुभ है।
अलारनाथ मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
भगवान अलारनाथ को एक चार भुजाधारी देवता के रूप में दर्शाया गया है, जो शंख, चक्र, गदा और पद्म धारण किए हुए हैं। उनके साथ उनकी पत्नियाँ श्री और भू हैं, और उनके चरणों में गरुड़, उनकी सवारी, प्रार्थना में हाथ जोड़े हुए हैं। मंदिर में रुक्मिणी और सत्यभामा की छोटी-छोटी मूर्तियाँ भी हैं।
यह मंदिर संत रामानुजाचार्य की ओडिशा यात्रा से जुड़ा है। चैतन्य महाप्रभु , पुरी में अपने प्रवास के दौरान, प्रतिदिन जगन्नाथ के देवता रूप के दर्शन करते थे। अनसर के दौरान, जब जगन्नाथ और उनके भाई बहन को 15 दिनों के लिए गुप्त कक्ष में ले जाया गया, तो वे भगवान को देखने में असमर्थ थे। किंवदंती के अनुसार, जगन्नाथ ने उन्हें ब्रह्मगिरी जाने और अलारनाथ मंदिर के दर्शन करने का निर्देश दिया। आज भी वह शिला मौजूद है जिस पर चैतन्य महाप्रभु संकीर्तन किया करते थे।
वैष्णव परंपरा में अलारनाथ मंदिर को 108 अभिमान क्षेत्रों में से एक माना जाता है। मंदिर का शांत वातावरण और आध्यात्मिक माहौल इसे तीर्थयात्रियों और आगंतुकों के लिए समान रूप से गहरी भक्ति और चिंतन का स्थान बनाता है। भगवान जगन्नाथ के अनसर अनुष्ठान
अलारनाथ मंदिर का दर्शन समय
मंदिर पूरे सप्ताह के लिए खुला रहता है और दर्शन का समय है सुबह 6:00 बजे से रात 9:30 बजे तक है। सुबह के समय बाल भोग परोसा जाता है। दोपहर के समय चावल की खीर परोसा जाता है। शाम के समय केले की फ्राई के साथ खिचड़ी परोसा जाता है। अनसर के दौरान अलारनाथ स्वामी को अर्पित किया जाने वाला खीरी भोग विशेष रूप से लोकप्रिय है।
अलारनाथ मंदिर के प्रमुख त्योहार
अलारनाथ मंदिर में अनसर का समय प्रमुख त्यौहार है। इस समय हर दिन हजारों भक्त मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं।
कैसे पहुँचें अलारनाथ मंदिर
अलारनाथ मंदिर सड़क मार्ग से अन्य शहरों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। पुरी और ब्रह्मगिरी के बीच नियमित बसें और टैक्सियाँ चलती हैं। मंदिर बलिहरचंडी के रास्ते पर स्थित है। पुरी रेलवे स्टेशन मंदिर से लगभग 22 किमी दूर है। निकटतम हवाई अड्डा भुवनेश्वर में बीजू पटनायक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो लगभग 76 किमी दूर है।
Bhagwan Alarnath
Devi Lakshami
6 AM - 9:30 PM
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