Download Bhakti Bharat APP
गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र - Gajendra Moksham StotramDownload APP Now - Download APP NowHanuman Chalisa - Hanuman ChalisaFollow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel

जैन मंदिर, राजनगर एक्सटेंशन - Jain Mandir, Rajnagar Extension

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

◉ राजनगर एक्सटेंशन का प्रथम श्री नेमिनाथ भगवान का मंदिर।
◉ श्री पद्मप्रभु की मूर्ति स्थापित है।

राजनगर एक्सटेंशन के सबसे नवीनतम मंदिरों मे श्री 1008 नेमिनाथ दिगंबर जैन मंदिर यहाँ के जैन समाज का सबसे उत्साहिक धार्मिक प्रेरणा का कार्य है।

जब-जब नई जगह मनुष्य रहिने के लिए जाता है, वहाँ-वहाँ अपने साथ अपने भगवान का साथ चाहता है, इस परम धेय के साथ ही जैन मंदिर, राजनगर एक्सटेंशन की मजबूत आधारशिला रखी गई। मंदिर का निर्माण कार्य अभी प्रगति पर है, अतः सभी जैन समाज ही नहीं सभी सनातन प्रेमी अपना-अपना योगदान मंदिर निर्माण के लिए दै।

मंदिर का इतिहास:
फरवरी 2015 में राजनगर एक्सटेंशन के कुछ धर्म परायण जैन परिवारों ने मिलकर अपनी धार्मिक भावना को जाग्रत रखने हेतु 1 घंटे के णमोकार मंत्र जाप का कार्यक्रम आयोजित किया। यहीं से मंदिर निर्माण का अंकुर फूटा, फिर प्रत्येक महीने के पहले रविवार को यह णमोकार मंत्र जप निरंतर चलता गया। लोगों के सकारात्मक जुड़ाव ने इस धार्मिक ज्योति को और भी अधिक प्रज्वलित किया तथा लोग जुड़ने लगे, बढ़ते गए, धर्मप्रभावना बढ़ती गयी।

2 अप्रैल 2017 को इसी णमोकार मंत्र के पाठ के उपरांत एक समिति का चयन किया गया। इस समिति ने 15 अक्टूबर 2017 को मान्यता प्राप्त की। उसके उपरांत जमीन चिन्हित तथा अधिग्रहण के प्रयास तेज किये गए और प्रभु नेनीनाथ जी की कृपा से फरवरी 2018 मे मंदिर के लिए भूमि का चयन एवं अधिग्रहण पूर्ण हुआ।

18 फ़रवरी 2018 को 108 मुनि श्री सौरभ सागर जी महाराज के सानिध्य में मंदिर का शिलान्यास हुआ। 22 जुलाई 2018 को भक्त-जानो की खुशी का ठिकाना ही नही था, क्योंकि आज श्री 10008 पद्मप्रभु भगवान की मूर्ति की स्थापना जो होनी थी।

तदोपरांत, मंदिर को भव्य एवं विशाल बनाने हेतु भूमि अधिग्रहण का पुण्य कार्य लगातार चल ही रहा है। इस सब के बीच मन्दिर में दसलक्षण पर्व, अठाइयो आदि धार्मिक पाठ कार्यक्रमो का भव्य आयोजित किया जा रहा है। साथ ही साथ मंदिर का निर्माण कार्य प्रभु कृपा एवं समिति के प्रयासों से निरंतर चल रहा है।

प्रचलित नाम: श्री 1008 नेमिनाथ दिगंबर जैन मंदिर

समय - Timings

दर्शन समय
7:00 AM - 12:00 PM, 5:30 PM – 8:00 PM

Jain Mandir, Rajnagar Extension in English

At Rajnagar Extension among most recent temples, Sri 1008 Neminath Digambar Jain Temple is the most encouraging religious inspiration for Jain society.

जानकारियां - Information

मंत्र
श्री नेमिनाथाय नमः ।
संस्थापक
जैन समाज समिति, राजनगर एक्सटेंशन
देख-रेख संस्था
जैन समाज समिति, राजनगर एक्सटेंशन
द्वारा उद्घाटन
108 मुनि श्री सौरभ सागर जी महाराज
समर्पित
श्री नेमिनाथ भगवान
नि:शुल्क प्रवेश
हाँ जी

क्रमवद्ध - Timeline

February 2015

राजनगर एक्सटेंशन मे प्रथम णमोकार मंत्र जाप कार्यक्रम।

2 April 2017

प्रथम समिति का चयन किया गया।

15 October 2017

समिति ने मान्यता प्राप्त की।

February 2018

मंदिर के लिए भूमि का अधिग्रहण पूर्ण हुआ।

18 February 2018

108 मुनि श्री सौरभ सागर जी महाराज के द्वारा मंदिर का शिलान्यास।

22 July 2018

श्री 1008 पद्मप्रभु भगवान की मूर्ति की स्थापना।

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧
Opposite CHARMS CASTLE, Raj Nagar Extension Ghaziabad Uttar Pradesh
सड़क/मार्ग 🚗
Acharya Sushruta Road / Anandibai Joshi Road
रेलवे 🚉
Ghaziabad
हवा मार्ग ✈
Indira Gandhi International Airport, New Delhi
नदी ⛵
Hindon, Yamuna
सोशल मीडिया
निर्देशांक 🌐
28.699261°N, 77.425839°E
जैन मंदिर, राजनगर एक्सटेंशन गूगल के मानचित्र पर
http://www.bhaktibharat.com/mandir/jain-mandir-rajnagar-extension

अगला मंदिर दर्शन - Next Darshan

अपने विचार यहाँ लिखें - Write Your Comment

अगर आपको यह मंदिर पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस मंदिर को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

श्री गणेश आरती

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥...

अन्नपूर्णा आरती

बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम । जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके, कहां उसे विश्राम । अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो..

हनुमान आरती

मनोजवं मारुत तुल्यवेगं, जितेन्द्रियं,बुद्धिमतां वरिष्ठम्॥ आरती कीजै हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥..

×
Bhakti Bharat APP