Hanuman Chalisa
Hanuman Chalisa - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Durga Chalisa - Ram Bhajan -

कैला देवी मंदिर - Kaila Devi Mandir

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

◉ जादौंन राजपूतों का कुलदेवी मंदिर।
◉ राजस्थान का सिद्धपीठ मंदिर।
◉ मुंडन संस्कार हेतु मुंडन कक्ष की सुविधा।
◉ व्हीलचेयर से प्रवेश की प्रमुख सुविधा।

जादौंन राजपूतों की कुलदेवी राज राजेश्वरी श्री कैला महारानी का सिद्धपीठ श्री कैला देवी मंदिर राजस्थान के करौली जिले में स्थित है। मंदिर के गर्भग्रह में श्री कैला मैया के साथ श्री चामुंडा माता का अति प्राचीन विग्रह स्थापित है, जो एक दूसरे की जुड़वाँ सी प्रतीत होती हैं।

स्कंद पुराण के अनुसार, श्री कैला देवी महा योगिनी महामाया देवी का एक रूप मनगया है, जो कलयुग मे कैला देवी के नाम से जानी गई हैं। मंदिर के गर्भग्रह में माँ चामुंडा जी के विग्रह की स्थापना सन् 1723 में महाराजा गोपाल सिंह द्वारा की गई थी।

कैला देवी मंदिर बहुत सारे भक्तों का कुलदेवी मंदिर होने के कारण, यहाँ अपने नवजात शिशु के मुंडन संस्कार के लिए बहुत अधिक संख्या मे आते है। अतः भक्तों की उचित सुविधा हेतु मंदिर द्वारा यहाँ मुंडन कक्ष की व्यवस्था भी की गई है।

चैत्र माह की नवरात्रि में प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या मे भक्त माता का आशीर्वाद लेने हेतु पैदल ही यात्रा करते हैं। इन्हीं चैत्र नवरात्रि में कैला गांव में एक विशाल वार्षिक मेले का आयोजन होता है, जो कि 15 दिन तक की अवधि तक चलता है। जादौंन राजपूतों के अलावा करौली, धौलपुर, आगरा, फिरोज़ाबाद, मैनपुरी, ग्वालियर और पश्चिमी राजस्थान के कई हिस्सों में रहने वाले लोग कैला देवी को अपनी कुलदेवी के रूप में पूजते हैं, अतः यह सारे भक्त भी बड़ी ही श्रद्धा के साथ इन दिनों कैला मैया के दर्शन हेतु पधारते हैं।

मंदिर प्रबंधन की प्रमुख उपलबद्धि में भक्तों के लिए व्हीलचेयर से प्रवेश की सुविधा प्रमुख है। मंदिर परिसर से सटे हुए ही उचित मूल्यों के साथ अन्नपूर्णा कैंटीन की व्यवस्था की गई है।

कैला देवी मंदिर राजस्थान पर्यटन स्थलों के लिए शुभ भाग गोल्डन ट्रायंगल में से एक है। ग्रहण, विशेष कारणों तथा मेला आदि में दर्शन/आरती का समय परवर्तित हो सकता है।

समय - Timings

दर्शन समय
4:00 AM - 9:00 PM
07:00 AM: प्रातः आरती
12:00 PM: दोपहर आरती
06:00 PM: सर्दी: सायं आरती
07:00 PM: गर्मी: सायं आरती
08:30 PM: सर्दी: शयन आरती
09:00 PM: गर्मी: शयन आरती
त्योहार
Navratri, Ram Navami, Diwali, Shivaratri, Navami | यह भी जानें: एकादशी

गुप्त कैला देवी मंदिर

वर्तमान कैला देवी मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है जिसे करौली के राजा द्वारा स्थापित किया गया था। परन्तु स्थापना से पूर्व कैला मैया आज के प्रमुख मंदिर से 3 किलोमीटर अंदर वन्य जीव अभ्यारण करौली में गुफा के अंदर स्थित थीं। जिसे अब गुप्त कैला देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है। कैलादेवी की प्रमुख नदी कालीसिल का उद्गम भी इसी स्थान को माना जाता है।

इस मंदिर का रास्ता कैला देवी मंदिर के बगल से ही वन क्षेत्र की ओर जाता है। मंदिर का यह क्षेत्र अब राज्य सरकार के वन विभाग के अंतर्गत आता है।

मान्यता है कि राजा ने शांति काल के समय कैला देवी को उनकी गुफा में से अलग, पहाड़ी की उँचाई पर इसलिए स्थापित कराया, जिससे कि मैया की दृष्टि उनके साम्राज्य पर बनी रहे। कुछ श्रद्धालु आज भी उसी प्राचीन स्थान पर माता का आशीर्वाद लेने जाते हैं।

गुप्त मंदिर के दर्शन के लिए के लिए जाने का रास्ता बहुत ही शुलभ बना दिया गया है। भक्त अपने वाहन स्कूटर, बाइक, साइकिल, कार आदि से वहाँ पहुँच सकते हैं। वन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सड़क से गंतव्य मंदिर स्थल तक पहुंचने के लिए 50-100 मीटर के कच्चे रास्ते से होकर गुजरना होता है। एक अन्य मान्यता के अनुसार कैला देवी मूल रूप से हनुमान जी की मां अंजनी है जिन्होंने अपने स्वरुप को दो रूपों में विभाजित कर लिया था, इस कारण से भी कैला देवी के दर्शन करने के लिए २ देवियों की दर्शन होते हैं।

Kaila Devi Mandir in English

Siddhapeeth Shri Kaila Devi Mandir is located in Karauli district of Rajasthan, Raj Rajeshwari Shri Kaila Maharani is Kuldevi of Jadun Rajputs.

फोटो प्रदर्शनी - Photo Gallery

Photo in Full View
Holy Flag

Holy Flag

Mandir Parisar

Mandir Parisar

Temple Shikhar

Temple Shikhar

Navratri Mela

Navratri Mela

Kali Shil River

Kali Shil River

Holy River Kali Shil

Holy River Kali Shil

Navratri Mela

Navratri Mela

Navratri Mela

Navratri Mela

Nearby Guest House

Nearby Guest House

जानकारियां - Information

मंत्र
जय कैला मैया !!
धाम
Shri Kaila MaiyaMaa ChamundaShri GaneshShiv DhamShri Bhairav BabaShri Baroha Bhagt JiYagyashala
बुनियादी सेवाएं
Prasad Shop, Prasad Ghar, Water Cooler, Shoe Store, Power Backup, Washrooms, CCTV Security, Sitting Benches, Music System, Parking, Police Security
धर्मार्थ सेवाएं
अन्नपूर्णा कैंटीन, विश्राम कक्ष, मुंडन कक्ष, अस्पताल, स्कूल
स्थापना
11वीं सदी में
देख-रेख संस्था
कैला देवी चारिटबल ट्रस्ट
समर्पित
श्री कैला महारानी
फोटोग्राफी
🚫 नहीं (मंदिर के अंदर तस्वीर लेना अ-नैतिक है जबकि कोई पूजा करने में व्यस्त है! कृपया मंदिर के नियमों और सुझावों का भी पालन करें।)
नि:शुल्क प्रवेश
हाँ जी

क्रमवद्ध - Timeline

2017

मंदिर के गुंबद को सोने में ढंकने का कार्य पूर्ण हुआ।

2010

शिक्षा का केंद्रित स्कूल की स्थापन हुई।

1947

महाराजा गणेश पाल जी ने संगमरमर के द्वारा नवीनीकृत किया।

1927

महाराजा भोम पाल द्वारा बिजली घर, सुंदर नक्काशीदार, बड़ी धर्मशाला का का कार्य किया। गया

1886

महाराजा भंवर पाल ने मंदिर का पुनर्निर्माण, आधुनिकरण एवं तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाओं का निर्माण कराया।

1723

महाराजा गोपाल सिंह द्वारा बड़े मंदिर की नींव रखी गई।

1723

माँ चामुंडा जी की प्रतिमा भी स्थापित।

1100

मंदिर की स्थापना 11वीं सदी के लगभग की है।

वीडियो - Video Gallery

Kaila Devi Mandir Vlog By Rajan Singh

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧
Kaila Devi Temple Kailadevi Rajasthan
सड़क/मार्ग 🚗
Wazirpur Karauli Road >> Kalia Devi Marg
रेलवे 🚉
Shri Mahabirji, Pilioda
हवा मार्ग ✈
Jaipur International Airport, Pandit Deen Dayal Upadhyay Airport Agra
नदी ⛵
Kali Shil
वेबसाइट 📡
सोशल मीडिया
निर्देशांक 🌐
26.335207°N, 76.893733°E
कैला देवी मंदिर गूगल के मानचित्र पर
http://www.bhaktibharat.com/mandir/kaila-devi-mandir

अपने विचार यहाँ लिखें - Write Your Comment

अगर आपको यह मंदिर पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस मंदिर को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

अम्बे तू है जगदम्बे काली: माँ दुर्गा, माँ काली आरती

अम्बे तू है जगदम्बे काली जय दुर्गे खप्पर वाली। तेरे ही गुण गाये भारती...

सन्तोषी माता आरती

जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता। अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता..

श्री बृहस्पति देव की आरती

जय वृहस्पति देवा, ऊँ जय वृहस्पति देवा । छिन छिन भोग लगा‌ऊँ..

×
Bhakti Bharat APP