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पद्मनाभस्वामी मंदिर - Padmanabhaswamy Temple

मुख्य आकर्षण - Key Highlights

◉ मंदिर के प्रमुख देवता भगवान विष्णु हैं जो भुजंग सर्प अनंत पर लेटे हुए हैं।
◉ पद्मनाभस्वामी मंदिर विष्णु के 108 पवित्र मंदिरों में एक है जिसे भारत का दिव्य देसम भी कहते हैं।
◉ गर्भगृह में श्री पद्मनाभस्वामी मूर्ति जो लगभग 18 फीट लंबी है 3 अलग-अलग दरवाजों से देखा जा सकता है।
◉ कपड़े पहनने का सख्त नियम है जिसका मंदिर में प्रवेश करते समय पालन करना होता है।

श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर भारत के केरल राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित है। यह भगवान विष्णु का मंदिर केरल और द्रविड़ स्थापत्य शैली का अनूठा मंदिर है। इसे दुनिया का सबसे अमीर मंदिर माना जाता है। यह विष्णु के 108 पवित्र मंदिरों में एक है जिसे भारत का दिव्य देसम भी कहते हैं। दिव्य देसम भगवान विष्णु का सबसे पवित्र निवास स्थान है जिसका उल्लेख तमिल संतों द्वारा लिखे गए पांडुलिपियों में मिलता है। इस मंदिर के प्रमुख देवता भगवान विष्णु हैं जो भुजंग सर्प अनंत पर लेटे हुए हैं।

पद्मनाभ स्वामी मंदिर का इतिहास और वास्तुकला
किंवदंतियों के अनुसार, यह मंदिर 5000 साल पुराना है। हालाँकि, वर्तमान मंदिर परिसर का निर्माण और जीर्णोद्धार 17वीं शताब्दी के दौरान किया गया था। पद्मनाभस्वामी मंदिर का निर्माण त्रावणकोर के शासकों में से एक राजा मार्तण्ड वर्मा ने करवाया था। माना जाता है कि श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर ऐसे स्थान पर स्थित है जो सात परशुराम क्षेत्रों में से एक है। स्कंद पुराण और पद्म पुराण में इस मंदिर का संदर्भ मिलता है। यह मंदिर पवित्र टंकी पद्म तीर्थम यानी ‘कमल जल’ के पास है ।

यहां भगवान पांच प्रकार के नागों पर आदि शेष पर ‘अनंत शयन’ मुद्रा, शाश्वत योग की एक झुकी हुई मुद्रा में विश्राम करते हैं। भगवान विष्णु की मूर्ति, तीन अभिषेक मूर्तियों के साथ केंद्र में सोने की जगह है, भगवान विष्णु की मूर्ति अपने दाहिने हाथ को एक शिव लिंग पर टिकी हुई है, जबकि मूर्ति के चारों ओर लक्ष्मी देवी (समृद्धि की देवी) और भू देवी (पृथ्वी की देवी) हैं। और गर्भगृह में शिव की उपस्थिति विष्णु को समर्पित इस महाक्षेत्र की पवित्रता को बढ़ाती है। भगवान ब्रह्मा की मूर्ति नाभि से कमल पर निकलते हैं।

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के पीठासीन देवता की मूर्ति इसके निर्माण के लिए जानी जाती है, जिसमें 1,2008 शालिग्राम हैं जो नेपाल में गंडकी नदी के तट से लाए गए थे। श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर का गर्भगृह एक चट्टान पर स्थित है और मुख्य मूर्ति जो लगभग 18 फीट लंबी है, 3 अलग-अलग दरवाजों से देखा जा सकता है। सिर, छाती और दाहिने हाथ को पहले दरवाजे से देखा जा सकता है जबकि दूसरे दरवाजे से नाभि से निकले हुए कमल में बिराजमान ब्रम्हा जी का दर्शन और पैरों को तीसरे दरवाजे से देखा जा सकता है।

इस मंदिर की वास्तुकला अपने पत्थर और कांसे की नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर में 4 दरवाजे हैं। मंदिर के आंतरिक भाग में सुंदर चित्र और भित्ति चित्र उकेरे गए हैं। इन छवियों में से कुछ लेटा हुआ मुद्रा में भगवान विष्णु, नरसिंह स्वामी, भगवान गणपति और गज लक्ष्मी हैं। इस मंदिर का ध्वज स्तंभ लगभग 80 फीट ऊंचा है जो सोने की लेपित तांबे की चादरों से ढका हुआ है। मंदिर में बाली पीड़ा मंडपम और मुख मंडपम के रूप में कुछ दिलचस्प संरचनाएं भी हैं। ये विभिन्न हिंदू देवताओं की सुंदर कलाकृतियों से सजाए गए बड़े हॉल हैं और नवग्रह मंडप है।

मार्तंड वर्मा, जो त्रावणकोर के प्रसिद्ध राजा थे, ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया जैसा कि आज हम इसे श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के रूप में देखते हैं। यह मार्तंड वर्मा ही थे जिन्होंने इस मंदिर में मुर्जापम और भाद्र दीपम त्योहारों की शुरुआत की थी। मुराजपम, जिसका अर्थ है प्रार्थना का जाप, अभी भी इस मंदिर में छह साल में एक बार किया जाता है। तिरुवनंतपुरम शब्द का शाब्दिक अर्थ है- श्री अनंत पद्मनाभस्वामी की भूमि।

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में ओट्टक्कल मंडपम, अभिश्रवण मंडपम, कुलशेखर मंडपम, ध्वज स्तंभम, श्रीबलीपुरा, गोपुरम, भित्ति चित्र, पद्मनाभस्वामी मंदिर की घड़ी भी देखने लायक प्रमुख आकर्षण हैं। यह मंदिर अब एक ट्रस्ट चलाता है जिसका नेतृत्व त्रावणकोर के पूर्ववर्ती राज परिवार के पास है।

पद्मनाभ स्वामी मंदिर दर्शन समय
मंदिर पूरे सप्ताह खुला रहता है, लेकिन दर्शन का समय बहुत सीमित है। सुबह का समय - 03:30 बजे से 04:45 बजे तक (निर्माल्य दर्शन) सुबह 06:30 बजे से 07:00 बजे तक सुबह 8.30 बजे से 10:00 बजे तक सुबह 10:30 बजे से 11:10 बजे तक सुबह 11:45 बजे से 12:00 बजे तक शाम का समय - शाम 05:00 बजे से 06:15 बजे तक शाम 06:45 बजे से 07:20 बजे तक है। ध्यान दें कि त्योहारों के दौरान मंदिर में पूजा करने का समय बदल जाता है।

पद्मनाभ स्वामी मंदिर के प्रमुख त्यौहार
तिरुवनंतपुरम के पद्मनाभस्वामी मंदिर में अल्पासी उत्सवम अक्टूबर-नवंबर में मनाया जाने वाला 10 दिवसीय उत्सव है। पेनकुनी उत्सवम, थिरुवोनम, चिंगम प्रथम, विनायक चतुर्थी, कृष्ण जन्माष्टमी, शिवरात्रि, नवरात्रि, राम नवमी, लक्षदीपम प्रमुख त्योहार हैं।

पद्मनाभ स्वामी मंदिर कैसे पहुंचे
मंदिर शहर के बिल्कुल बीच में स्थित है और यहाँ आसानी से पहुँचा जा सकता है। पद्मनाभस्वामी मंदिर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन त्रिवेंद्रम सेंट्रल है। त्रिवेंद्रम सड़क मार्ग से आस-पास के शहरों से जुड़ा हुआ है। और कोयंबटूर, कोच्चि, मदुरै और अन्य शहरों से नियमित बसें उपलब्ध हैं। त्रिवेंद्रम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा शहर को दुनिया भर के अन्य स्थानों से जोड़ता है। बैंगलोर, दिल्ली और कोच्चि जैसे भारतीय शहरों से सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं।

पद्मनाभस्वामी मंदिर में दर्शन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
❀ दर्शन के समय से पहले मंदिर पहुँचने की तैयारी करें। वे दर्शन के समय को लेकर सख्त हैं।
❀ दर्शन शुरू होने से पहले कतार में लग जाएँ। दिन बढ़ने के साथ-साथ विशेष वीआईपी लाइन भी लंबी हो सकती है।
❀ अपने साथ पानी की बोतल रखें।
❀ अपने जूते मुख्य प्रवेश द्वार के पास रैक में रखें।
❀ अपनी यात्रा के दौरान पद्मनाभस्वामी मंदिर के ड्रेस कोड के नियमों का पालन करें।
❀ केवल सफ़ेद/ऑफ-व्हाइट धोती और अंगवस्त्रम की अनुमति है।
❀ मंदिर परिसर में फ़ोटोग्राफ़ी प्रतिबंधित है।
❀ हैंडबैग अंदर ले जाने की अनुमति है। लेकिन अपना मोबाइल, कैमरा और अन्य सामान लॉकर रूम में रखें।

प्रचलित नाम: विष्णु मंदिर, श्री पद्मनाभस्वामी

समय - Timings

दर्शन समय
3:30 AM - 7:20 PM
त्योहार
Alpasi Utsavam, Penkuni Utsavam, Thiruvonam, Chingam Pratham, Vinayaka Chaturthi, Janmashtami, Shivaratri, Navratri, Ram Navami, Lakshadeepam | यह भी जानें: एकादशी

पद्मनाभ स्वामी मंदिर दर्शन के लिए ड्रेस कोड:

मंदिर में सिर्फ हिंदू ही प्रवेश कर सकते हैं। कपड़े पहनने का एक सख्त नियम है जिसका मंदिर में प्रवेश करते समय पालन करना होता है। पुरुषों को धोती और उतरायण डाल सकते हैं लेकिन क़मीज़ नहीं पहन सकते हैं। महिलाओं को साड़ी और आधी साड़ी पहननी होती है। सलवार भी वर्जित है। छोटे बच्चों पर भी ड्रेस कोड लागू है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर धोती किराए पर उपलब्ध है। आजकल मंदिर के अधिकारी भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उन्हें पैंट या चूड़ीदार के ऊपर धोती पहनने की अनुमति दे रहे हैं।

Padmanabhaswamy Temple in English

Sri Padmanabha Swamy Temple is located in Thiruvananthapuram, the capital of Kerala state of India. This temple of Lord Vishnu is a unique example of Kerala and Dravidian architectural style. It is considered to be the richest temple in the world.

जानकारियां - Information

मंत्र
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
बुनियादी सेवाएं
प्रसाद, सीसीटीवी सुरक्षा, जूता स्टोर, पार्किंग स्थल
धर्मार्थ सेवाएं
Padmatheertha Pond
संस्थापक
मार्तण्ड वर्मा
स्थापना
17 वीं शताब्दी
समर्पित
भगवान विष्णु
वास्तुकला
द्रविड़ शैली

क्रमवद्ध - Timeline

3:30 AM - 4:45 AM

6 AM - 7 AM

8:30 AM - 10 AM

10:30 AM - 11 AM

11:45 - 12:00 PM

5 PM - 6:15 PM

6:45 PM - 7:20 PM

कैसे पहुचें - How To Reach

पता 📧
West Nada, Fort, East Fort, Pazhavangadi Thiruvananthapuram Kerala
सड़क/मार्ग 🚗
Mahathma Gandhi Road >> Padmanabhaswamy Temple Road
सोशल मीडिया
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निर्देशांक 🌐
8.4827779°N, 76.9435906°E
पद्मनाभस्वामी मंदिर गूगल के मानचित्र पर
http://www.bhaktibharat.com/mandir/padmanabhaswamy-temple

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