हिंदू धर्म मान्यताओं के अनुसार, श्रावण माह शिव एवं माता पार्वती को समर्पित माना जाता है। साप्ताहिक दिन सोमवार को शिव की उपासना के रूप में सावन के सोमवार व्रत, तथा सावन के सोमवार की ही तरह मंगलवार को मंगला गौरी व्रत, माता पार्वती के गौरी रूप को समर्पित है।
मंगला गौरी व्रत मुख्य रूप से विवाहित स्त्रियों और उनमे से भी नवविवाहित स्त्रियाँ द्वारा सुखी वैवाहिक जीवन के लिये माता गौरी के आशीर्वाद प्राप्ति हेतु रखा जाता है। ज्योतिषीयों के अनुसार जिन युवतियों और महिलाओं की कुंडली में वैवाहिक जीवन में कमी महसूस होती है अथवा शादी के बाद पति से अलग होने या तलाक हो जाने जैसे अशुभ योग निर्मित हो रहे हो, तो उन महिलाओं के लिए मंगला गौरी व्रत विशेष रूप से फलदायी है। अत: ऐसी महिलाओं को सोलह सोमवार के साथ-साथ मंगला गौरी का व्रत अवश्य रखना चाहिए।
भारत के उत्तरीय राज्य जैसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, उत्तराखण्ड, छत्तीसगढ़, बिहार एवं झारखण्ड पूर्णिमान्त पंचांग को मानने के कारण व्रत की तिथियाँ अलग होती हैं। भारत के पंश्चिम, दक्षिण भाग जैसे आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक एवं तमिलनाडु की व्रत तिथियाँ अमान्त चन्द्र होने के कारण उत्तर राज्य से भिन्न होतीं हैं।
संबंधित अन्य नाम | गौरी व्रत |
शुरुआत तिथि | श्रावण का साप्ताहिक दिन मंगलवार |
कारण | भगवान गौरी-शंकर का प्रिय महीना |
उत्सव विधि | व्रत, अभिषेकम, भजन-कीर्तन |
मंगला गौरी 2023 व्रत दिन
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Festival | Date |
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First Mangala Gauri Vrat | 23 July 2024 |
Second Mangala Gauri Vrat | 30 July 2024 |
Third Mangala Gauri Vrat | 6 August 2024 |
Fourth Mangala Gauri Vrat | 13 August 2024 |