Download Bhakti Bharat APP

आप कर्मयोगी पुरुष, और मैनेजर भगवान (Aap Karmyogi Purush Aur Manager Bhagwan)


आप कर्मयोगी पुरुष, और मैनेजर भगवान
Add To Favorites Change Font Size
कर्म&भाग्य??*
एक चाट वाला था। जब भी चाट खाने जाओ ऐसा लगता कि वह हमारा ही रास्ता देख रहा हो। हर विषय पर बात करने में उसे बड़ा मज़ा आता। कई बार उसे कहा कि भाई देर हो जाती है जल्दी चाट लगा दिया करो पर उसकी बात ख़त्म ही नहीं होती।

एक दिन अचानक कर्म और भाग्य पर बात शुरू हो गई।

तक़दीर और तदबीर की बात सुन मैंने सोचा कि चलो आज उसकी फ़िलासफ़ी देख ही लेते हैं। मैंने एक सवाल उछाल दिया।

मेरा सवाल था कि आदमी मेहनत से आगे बढ़ता है या भाग्य से?

और उसके जवाब से मेरे दिमाग़ के सारे जाले ही साफ़ हो गए।

कहने लगा,आपका किसी बैंक में लॉकर तो होगा?

उसकी चाभियाँ ही इस सवाल का जवाब है। हर लॉकर की दो चाभियाँ होती हैं।

एक आप के पास होती है और एक मैनेजर के पास।

आप के पास जो चाभी है वह है परिश्रम और मैनेजर के पास वाली भाग्य।

जब तक दोनों नहीं लगतीं ताला नहीं खुल सकता।

आप कर्मयोगी पुरुष हैं और मैनेजर भगवान।

आप को अपनी चाभी भी लगाते रहना चाहिये।पता नहीं ऊपर वाला कब अपनी चाभी लगा दे। कहीं ऐसा न हो कि भगवान अपनी भाग्यवाली चाभी लगा रहा हो और हम परिश्रम वाली चाभी न लगा पायें और ताला खुलने से रह जाये ।


*सदैव प्रसन्न रहिये!!*
*जो प्राप्त है-पर्याप्त है!!*
यह भी जानें

Prerak-kahani Karm Prerak-kahaniVillage Prerak-kahaniGaon Prerak-kahaniKisan Prerak-kahaniFarmer Prerak-kahaniBuddha Prerak-kahaniGautam Buddha Prerak-kahaniBail Prerak-kahaniOx Prerak-kahaniPravachan Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

सुदर्शन रूप में भक्त की प्रेत से रक्षा - सत्य कथा

संत अनंतकृष्ण बाबा जी के पास एक लड़का सत्संग सुनने के लिए आया करता था। संत से प्रभावित होकर बालक द्वारा दीक्षा के लिए प्रार्थना करने..

एक लकड़ी का कटोरा - प्रेरक कहानी

एक वृद्ध व्‍यक्ति अपने बहु-बेटे के यहाँ शहर रहने गया। उम्र के इस पड़ाव पर वह अत्‍यंत पड चुका था, उसके हाथ कांपते थे और दिखाई भी कम देता था।..

गुरु का स्थान, श्रेष्ठ - प्रेरक कहानी

एक राजा को पढने लिखने का बहुत शौक था। एक बार उसने मंत्री-परिषद् के माध्यम से अपने लिए एक शिक्षक की व्यवस्था की। शिक्षक राजा को पढ़ाने के लिए आने लगा।..

दुर्लभ मनुष्य जीवन - प्रेरक कहानी

फिर उसने अपनी जेब में हाथ डाल कुछ सौ-सौ के नोट गिने। सामान्य कटोरे की भाँति समझ कर कौड़ियां इक्कट्ठे करने में लगे हुए हैं।..

कद्दू का तीर्थ स्नान - प्रेरक कहानी

वह कद्दू ले लिया, और जहाँ-जहाँ गए, स्नान किया वहाँ-वहाँ स्नान करवाया। मंदिर में जाकर दर्शन किया तो उसे भी दर्शन करवाया।...

ठाकुर जी सेवा में अहंकार नहीं विनम्रता रखें - प्रेरक कहानी

कमल किशोर सोने एवं हीरे-जवाहरात बनाने एवं बेचने का काम करता था। उसकी दुकान से बने हुए गहने दूर-दूर तक मशहूर थे।...

जो मुझ से प्रेम रखता है, जो सर्व-शक्तिशाली है - प्रेरक कहानी

मैंने श्राप कभी नहीं दीया, लेकिन कोई है जो मुझ से प्रेम रखता है! और वह इतना शक्तिशाली है कि दुनिया का बड़े से बड़ा राजा भी उसकी लाठी से डरता है...

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Shiv Chalisa - Shiv Chalisa
Bhakti Bharat APP