Shri Ram Bhajan

वैदिक पौराणिक शंख (Vaidik Pauranik Shank)

वैदिक पौराणिक शंख
श्रीमद्‍भगवद्‍गीता: अर्जुनविषादयोग - श्लोक 15
श्रीकृष्ण महाराज ने पाञ्चजन्य नामक, अर्जुन ने देवदत्त नामक और भयानक कर्मवाले भीमसेन ने पौण्ड्र नामक महाशंख बजाया।
श्रीमद्‍भगवद्‍गीता: अर्जुनविषादयोग - श्लोक 16
कुन्तीपुत्र राजा युधिष्ठिर ने अनन्तविजय नामक और नकुल तथा सहदेव ने सुघोष और मणिपुष्पक नामक शंख बजाए।

भगवान श्रीकृष्ण के शंख का क्या नाम था?
भगवान श्रीकृष्ण के पास पाञ्चजन्य शंख था। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध के बाद अपना पाञ्चजन्य शंख पराशर ऋषि के तीर्थ में रखा था। हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि श्रीकृष्ण का यह शंख आदि बद्री में सुरक्षित रखा है।

अर्जुन के शंख का क्या नाम था?
देवदत्त शंख:
यह शंख महाभारत में अर्जुन के पास था। वरुणदेव ने उन्हें यह भेंट में दिया था। इसका उपयोग दुर्भाग्यनाशक माना गया है। माना जाता है कि इस शंख का उपयोग न्याय क्षेत्र में विजय दिलवाता है। न्यायिक क्षेत्र से जुड़े लोग इसकी पूजा कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इस शंख को शक्ति का प्रतीक भी माना गया है।

भीमसेन के शंख का क्या नाम था?
पौण्ड्र शंख:
पोंड्रिक या पौण्ड्र शंख महाभारत में ‍भीष्म के पास था। जिस व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी हो उन्हें यह पौण्‍ड्र शंख रखना चाहिए। इसके घर में रखे होने से मनोबल बढ़ता है। अधिकतर इसका उपयोग विद्यार्थियों के लिए उत्तम माना गया है। इसे विद्यार्थियों के अध्ययन कक्ष में पूर्व की ओर रखना चाहिए।

युधिष्ठिर के शंख का क्या नाम था?
युधिष्ठिर के शंख का नाम अनन्तविजय था।

नकुल के शंख का क्या नाम था?
नकुल के शंख का नाम सुघोषमणि था।

सहदेव के शंख का क्या नाम था?
सहदेव के शंख का नाम मणिपुष्पक था।

भीष्म के शंख का क्या नाम था?
भीष्म के शंख का नाम गंगनाभ था।

कर्ण के शंख का क्या नाम था?
कर्ण के शंख का नाम हिरण्यगर्भ था।

धर्ष्टद्युमना के शंख का क्या नाम था?
धर्ष्टद्युमना के शंख का नाम यज्ञघोष था।

दुर्योधन के शंख का क्या नाम था?
दुर्योधन के शंख का नाम विदारक था।

शंख की पूजा का मंत्र

विश्व का सबसे बड़ा शंख केरल राज्य के गुरुवयूर के श्रीकृष्ण मंदिर में सुशोभित है, जिसकी लंबाई लगभग आधा मीटर है तथा वजन दो किलोग्राम है।

शंख को समुद्रज, कंबु, सुनाद, पावनध्वनि, कंबु, कंबोज, अब्ज, त्रिरेख, जलज, अर्णोभव, महानाद, मुखर, दीर्घनाद, बहुनाद, हरिप्रिय, सुरचर, जलोद्भव, विष्णुप्रिय, धवल, स्त्रीविभूषण, पाञ्चजन्य, अर्णवभव आदि नामों से भी जाना जाता है।

कामधेनु शंख, गोमुखी शंख, महालक्ष्मी शंख, कौरी शंख, वीणा शंख, देव शंख, चक्र शंख, राक्षस शंख, शनि शंख, राहु शंख, पंचमुखी शंख, वालमपुरी शंख, बुद्ध शंख, केतु शंख, शेषनाग शंख, कच्छप शंख, शेर शंख, कुबार गदा शंख, सुदर्शन शंक, विष्णु शंख, पांचजन्य शंख, अन्नपूर्णा शंख, मोती शंख, हीरा शंख, टाइगर शंख आदि।

उपरोक्त सभी तरह के शंख किसी न किसी विशेष कार्य और लाभ के लिए घर में रखे जाते हैं। इनमें से अधिकतर तो दुर्लभ है जिनके यहां मात्र नाम दिए जा रहे हैं। भगवान शंकर रुद्र शंख को बजाते थे जबकि उन्होंने त्रिपुरासुर के संहार के समय त्रिपुर शंख बजाया था।

द्विधासदक्षिणावर्तिर्वामावत्तिर्स्तुभेदत:
दक्षिणावर्तशंकरवस्तु पुण्ययोगादवाप्यते
यद्गृहे तिष्ठति सोवै लक्ष्म्याभाजनं भवेत्

शंख कई प्रकार के होसकते हैं, परंतु मुख्य रूप से इनके 3 प्रमुख प्रकार हैं: वामावर्ती, दक्षिणावर्ती तथा गणेश शंख या मध्यवर्ती शंख।

1. गणेश शंख: समुद्र मंथन के दौरान रत्न के रूप में सर्वप्रथम गणेश शंख की ही उत्पत्ति हुई थी। इसे गणेश शंख इसलिए कहते हैं क्योंकि इसकी आकृति गणेशजी जैसी पिरामिडनुमा होती है, शंख में निहित सूंड का रंग अद्भुत प्राकृतिक सौन्दर्ययुक्त होता है। प्रकृति के रहस्य की अनोखी झलक गणेश शंख के दर्शन से मिलती है। यह शंख दरिद्रतानाशक और धन प्राप्ति का कारक है।

2. दक्षिणावर्ती शंख: इस शंख को दक्षिणावर्ती इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसका पेट दाईं और खुलता है। इस शंख को देवस्वरूप माना गया है। दक्षिणावर्ती शंख के पूजन से खुशहाली आती है और लक्ष्मी प्राप्ति के साथ-साथ संपत्ति भी बढ़ती है। दक्षिणावर्ती शंख 2 प्रकार के होते हैं नर और मादा। जिसकी परत मोटी हो और भारी हो वह नर और जिसकी परत पतली हो और हल्का हो, वह मादा शंख होता है।

3. वामवर्ती शंख: वामवर्ती शंख का पेट बाईं ओर खुला होता है। इसकी ध्वनि से रोगोत्पादक कीटाणु कमजोर पड़ जाते हैं। यह शंख आसानी से मिल जाता है, क्योंकि यह बहुतायत में पैदा होता है।

Vaidik Pauranik Shank in English

Vedic mythological conch, name and type of conch, glory of conch. what was the name of Lord Sri Krishna, Arjuna, Bhimsen, Yudhishthira, Nakula, Sahadeva, Sahadeva and Bhishma's conch?
यह भी जानें

Blogs Vaidik BlogsShank BlogsConch BlogsBhagvadgita BlogsMahabharat BlogsQnA BlogsQuestion And Answer Blogs

अगर आपको यह ब्लॉग पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस ब्लॉग को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

ब्लॉग ›

रवि योग क्या है?

रवि योग तब बनता है जब सूर्य के नक्षत्र और चंद्रमा के नक्षत्र के बीच की दूरी 4वें, 6वें, 8वें, 9वें, 12वें या 14वें नक्षत्र के अलावा कुछ भी हो।

शिवलिंग पर बेलपत्र कैसे चढ़ाएं?

शिवलिंग पर बेलपत्र (बिल्व पत्र) चढ़ाते समय, हिंदू धर्मग्रंथों और पारंपरिक पूजा पद्धतियों के अनुसार, इसे एक विशिष्ट विधि से अर्पित किया जाना चाहिए।

चैत्र नवरात्रि 2025 व्रत के आहार और लाभ

नवरात्रि का पवित्र पर्व मां दुर्गा को समर्पित है। यह हिन्दू धर्म का बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है। चैत्र नवरात्रि 2023, 22 मार्च से शुरू हो रहा है और 30 मार्च तक चलेगा। अगर आप नवरात्रि में पूरे 9 दिनों का उपवास करने की सोच रहे हैं, तो यहां कुछ स्नैक्स, फल और खाने की चीजें हैं जिनका सेवन आप नवरात्रि के दौरान कर सकते हैं। ये खाद्य पदार्थ आपके शरीर को आवश्यकता के अनुसार सही मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन प्रदान करते हैं।

ऑस्ट्रेलिया में प्रसिद्ध हिंदू त्योहार कौन से हैं?

ऑस्ट्रेलिया में भारतीयों के मुख्य प्रमुख त्योहार दीपावली और अन्नकूट समारोह है हर साल ऑस्ट्रेलियाई संसद भवन, कैनबरा में आयोजित किए जाते हैं। सबसे लोकप्रिय दीवाली सिडनी समारोहों में से एक ऑस्ट्रेलिया की हिंदू परिषद द्वारा आयोजित दीपावली महोत्सव है।

ISKCON एकादशी कैलेंडर 2025

यह एकादशी तिथियाँ केवल वैष्णव सम्प्रदाय इस्कॉन के अनुयायियों के लिए मान्य है | ISKCON एकादशी कैलेंडर 2025

कनाडा के प्रसिद्ध दस हिंदू मंदिर

कनाडा देश दुनिया के सबसे धर्मनिरपेक्ष देशों में से एक है। कुछ दशकों में हिंदुओं ने कनाडा के जीवन के तरीके को इतना प्रभावित किया है कि वे सबसे बड़े समुदायों में से एक हैं। देश भर में मंदिर समितियां हैं जो कनाडा में हिंदू मंदिरों के निर्माण और रखरखाव की जिम्मेदारी लेती हैं। यहां हमने कनाडा के 10 सबसे प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताया है।

ऑस्ट्रेलिया में दीपावली उत्सव

ऑस्ट्रेलिया मे लोग दीपावली बड़ी धूम-धम से मानते हैं। हिन्दू काउन्सिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया द्वारा सन 1998 से ही दीपावली को बड़े ही रोचक एवं श्रद्धा पूर्वक तरीके से मनाया जारहा है। 2022 का दिवाली समारोह 24 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया में शुरू होगा।

Aditya Hridaya Stotra - Aditya Hridaya Stotra
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP