Shri Ram Bhajan

भगवान की कृपा से ही सब मिलता है - प्रेरक कहानी (Bhagwan Ki Kripa se hi Sab Milata Hai)


Add To Favorites Change Font Size
एक राजा था, वह जब पूजा के लिए मंदिर जाता, तो 2 भिखारी उसके दाएं और बाएं बैठा करते।
दाईं ओर वाला कहता: ए भगवान! तूने राजा को बहुत कुछ दिया है, मुझे भी दे दे।
बाईं ओर वाला कहता: ऐ राजा! भगवान ने तुझे बहुत कुछ दिया है, मुझे भी कुछ दे दे।
दाईं ओर वाला भिखारी बाईं ओर वाले से कहता: भगवान से माँग! निसंदेह वही सबसे अच्छा सुनने वाला है।
बाईं ओर वाला जवाब देता: चुप कर मूर्ख।

एक बार राजा ने अपने मंत्री को बुलाया और कहा कि मंदिर में दाईं तरफ जो भिखारी बैठता है, वह हमेशा भगवान से मांगता है। तो निसंदेह भगवान उसकी ज़रूर सुनेगा। लेकिन जो बाईं तरफ बैठता है, वह हमेशा मुझसे विनती करता रहता है। तो तुम ऐसा करो कि एक बड़े से बर्तन में खीर भर के उस में अशर्फियाँ डाल दो और वह उसको दे आओ।

मंत्री ने ऐसा ही किया। अब वह भिखारी मज़े से खीर खाते-खाते दूसरे भिखारी को चिड़ाता हुआ बोला: हुह… बड़ा आया, भगवान देगा। यह देख राजा से माँगा, तो मिल गया ना?
खाने के बाद जब उस का पेट भर गया, तो उस ने खीर से भरा बर्तन उस दूसरे भिखारी को दे दिया। और कहा: ले पकड़.. तू भी खाले, मूर्ख!

अगले दिन जब राजा पूजा के लिए मंदिर आया तो देखा कि बाईं तरफ वाला भिखारी तो आज भी वैसे ही बैठा है। लेकिन दाईं तरफ वाला ग़ायब है।
राजा ने चौंक कर उससे पूछा: क्या तुझे खीर से भरा बर्तन नहीं मिला?
भिखारी: जी मिला था, क्या शानदार खीर थी। मैंने ख़ूब पेट भर कर खायी!
राजा: फिर?
भिखारी: फ़िर वह जो दूसरा भिखारी यहाँ बैठता है, मैंने उसको दे दी।
मूर्ख हमेशा कहता रहता था: भगवान देगा, भगवान देगा!

राजा मुस्कुरा कर बोला: बेशक, भगवान ने उसे दे ही दिया!
इसी तरह हमें भी उस भगवान से ही विनती करनी चाहिए। वही हमें देने वाला है, दुनिया के जीव तो एक जरिया है। बाकी उसकी मर्जी से ही मिलता है। इसलिए उस कुल मालिक को हमेशा याद रखो। हर रोज भजन बंदगी सिमरन करो, तब जाकर हमारा परमार्थ और स्वार्थ दोनों बन पाएंगे।
यह भी जानें

Prerak-kahani Raja Prerak-kahaniKing Prerak-kahaniBikhari Prerak-kahaniPrabhu Kripa Prerak-kahaniBhagwan Prerak-kahaniKheer Prerak-kahaniMandir Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

Latest Prerak-kahani ›

सतगुरु की कृपा से कैसे चोर राजा बना - प्रेरक कहानी

एक बार एक चोर ने गुरु से नाम ले लिया, और बोला गुरु जी चोरी तो मेरा काम है ये तो नहीं छूटेगी मेरे से अब गुरु जी बोले ठीक है म तुझे एक दूसरा नेम देता हुँ..

संस्कार क्या है? - प्रेरक कहानी

यह बात सुनकर बच्चे को राजा पर गुस्सा आया और माँ से बोला: माँ मैं इसका बदला लूंगा।

गेहूँ का दाना एक शिक्षक - प्रेरक कहानी

गेहूँ का दाना वह शिक्षक है जो मुझे सृष्टि के नियमों को सिखाता है, एक बार एक राजा युद्ध जीतकर लौट रहा था, तो वह संत के निवास के निकट जा पहुंचा। उसने इस रहस्यदर्शी संत के दर्शन करने की सोची। राजा ने संत के पास जाकर कहा..

जब तक दुख नहीं मिलते, प्रभु की याद नहीं आती - प्रेरक कहानी

फिर सुपरवाईजर ने उसका ध्यान आकर्षित करने के लिए एक १० रु का नोट नीचे फैंका, जो ठीक मजदूर के सामने जा कर गिरा..

बुरे समय में कृतज्ञता ना छोड़ें - प्रेरक कहानी

एक शिकारी ने शिकार पर तीर चलाया। तीर पर सबसे खतरनाक जहर लगा हुआ था।..

एक जोड़ी, पैरों के निशान? - प्रेरक कहानी

आपने तो कहा था. कि आप हर समय मेरे साथ रहेंगे, पर मुसीबत के समय मुझे दो की जगह एक जोड़ी ही पैर ही दिखाई दिए...

गोस्वामी तुलसीदास को श्री कृष्ण का राम रूप दर्शन - सत्य कथा

तुलसीदास जी को भगवान् श्री कृष्ण का राम रूप में दर्शन देना | श्रीकृष्ण ने हाथ में धनुष-बाण ले लिया | श्री दशरथ जी का पुत्र, परम सुंदर उपमा रहित जानकार उनसे प्रेम करता था..

Om Jai Jagdish Hare Aarti - Om Jai Jagdish Hare Aarti
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP