Hanuman Chalisa
Hanuman Chalisa -

शीतला चालीसा (Sheetala Chalisa)


शीतला चालीसा
॥ दोहा॥
जय जय माता शीतला ,
तुमहिं धरै जो ध्यान ।
होय विमल शीतल हृदय,
विकसै बुद्धी बल ज्ञान ॥
घट-घट वासी शीतला,
शीतल प्रभा तुम्हार ।
शीतल छइयां में झुलई,
मइयां पलना डार ॥

॥ चौपाई ॥
जय-जय-जय श्री शीतला भवानी ।
जय जग जननि सकल गुणधानी ॥

गृह-गृह शक्ति तुम्हारी राजित ।
पूरण शरदचंद्र समसाजित ॥

विस्फोटक से जलत शरीरा ।
शीतल करत हरत सब पीड़ा ॥

मात शीतला तव शुभनामा ।
सबके गाढे आवहिं कामा ॥4॥

शोक हरी शंकरी भवानी ।
बाल-प्राणक्षरी सुख दानी ॥

शुचि मार्जनी कलश करराजै ।
मस्तक तेज सूर्य सम साजै ॥

चौसठ योगिन संग में गावैं ।
वीणा ताल मृदंग बजावै ॥

नृत्य नाथ भैरौं दिखलावैं ।
सहज शेष शिव पार ना पावैं ॥8॥

धन्य धन्य धात्री महारानी ।
सुरनर मुनि तब सुयश बखानी ॥

ज्वाला रूप महा बलकारी ।
दैत्य एक विस्फोटक भारी ॥

घर घर प्रविशत कोई न रक्षत ।
रोग रूप धरी बालक भक्षत ॥

हाहाकार मच्यो जगभारी ।
सक्यो न जब संकट टारी ॥12॥

तब मैंय्या धरि अद्भुत रूपा ।
कर में लिये मार्जनी सूपा ॥

विस्फोटकहिं पकड़ि कर लीन्हो ।
मूसल प्रमाण बहुविधि कीन्हो ॥

बहुत प्रकार वह विनती कीन्हा ।
मैय्या नहीं भल मैं कछु कीन्हा ॥

अबनहिं मातु काहुगृह जइहौं ।
जहँ अपवित्र वही घर रहि हो ॥16॥

अब भगतन शीतल भय जइहौं ।
विस्फोटक भय घोर नसइहौं ॥

श्री शीतलहिं भजे कल्याना ।
वचन सत्य भाषे भगवाना ॥

पूजन पाठ मातु जब करी है ।
भय आनंद सकल दुःख हरी है ॥

विस्फोटक भय जिहि गृह भाई ।
भजै देवि कहँ यही उपाई ॥20॥

कलश शीतलाका सजवावै ।
द्विज से विधीवत पाठ करावै ॥

तुम्हीं शीतला, जगकी माता ।
तुम्हीं पिता जग की सुखदाता ॥

तुम्हीं जगद्धात्री सुखसेवी ।
नमो नमामी शीतले देवी ॥

नमो सुखकरनी दु:खहरणी ।
नमो- नमो जगतारणि धरणी ॥24॥

नमो नमो त्रलोक्य वंदिनी ।
दुखदारिद्रक निकंदिनी ॥

श्री शीतला , शेढ़ला, महला ।
रुणलीहृणनी मातृ मंदला ॥

हो तुम दिगम्बर तनुधारी ।
शोभित पंचनाम असवारी ॥

रासभ, खर , बैसाख सुनंदन ।
गर्दभ दुर्वाकंद निकंदन ॥28॥

सुमिरत संग शीतला माई,
जाही सकल सुख दूर पराई ॥

गलका, गलगन्डादि जुहोई ।
ताकर मंत्र न औषधि कोई ॥

एक मातु जी का आराधन ।
और नहिं कोई है साधन ॥

निश्चय मातु शरण जो आवै ।
निर्भय मन इच्छित फल पावै ॥32॥

कोढी, निर्मल काया धारै ।
अंधा, दृग निज दृष्टि निहारै ॥

बंध्या नारी पुत्र को पावै ।
जन्म दरिद्र धनी होइ जावै ॥

मातु शीतला के गुण गावत ।
लखा मूक को छंद बनावत ॥

यामे कोई करै जनि शंका ।
जग मे मैया का ही डंका ॥36॥

भगत ‘कमल’ प्रभुदासा ।
तट प्रयाग से पूरब पासा ॥

ग्राम तिवारी पूर मम बासा ।
ककरा गंगा तट दुर्वासा ॥

अब विलंब मैं तोहि पुकारत ।
मातृ कृपा कौ बाट निहारत ॥

पड़ा द्वार सब आस लगाई ।
अब सुधि लेत शीतला माई ॥40॥

॥ दोहा ॥
यह चालीसा शीतला,
पाठ करे जो कोय ।
सपनें दुख व्यापे नही,
नित सब मंगल होय ॥

बुझे सहस्र विक्रमी शुक्ल,
भाल भल किंतू ।
जग जननी का ये चरित,
रचित भक्ति रस बिंतू ॥
॥ इति श्री शीतला चालीसा ॥

Sheetala Chalisa in English

Jai-Jai-Jai Shree Shitala Bhawani । Jai Jaga Janani Sakala Gunakhani ॥
यह भी जानें

Chalisa Sheetla Maa ChalisaMata ChalisaNavratri ChalisaSheetala Ashtami ChalisaSheetala Saptmi Chalisa

अगर आपको यह चालीसा पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

इस चालीसा को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

शिव चालीसा

शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं

हनुमान चालीसा

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा | हनुमान चालीसा Lyrics हिन्दी में

शनि चालीसा

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल। दीनन के दुख दूर करि...

गणेश चालीसा

जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥

राधा चालीसा - जय वृषभान कुंवारी श्री श्यामा

जय वृषभान कुंवारी श्री श्यामा । कीरति नंदिनी शोभा धामा ॥ नित्य विहारिणी श्याम अधर ।

दुर्गा चालीसा

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

संतोषी माता चालीसा

जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥

Achyutam Keshavam -
Hanuman Chalisa - Achyutam Keshavam -
Shri Ram Stuti -
Subscribe BhaktiBharat YouTube Channel -
×
Download BhaktiBharat App