Shri Ram Bhajan

एक क्रिया, और सात्विक प्रतिक्रिया - प्रेरक कहानी (Ek Kriya Aur Satvik Pratikriya)


Add To Favorites Change Font Size
किसी गाँव में दो साधू रहते थे। वे दिन भर भीख मांगते और मंदिर में पूजा करते थे। एक दिन गाँव में आंधी आ गयी और बहुत जोरों की बारिश होने लगी। दोनों साधू गाँव की सीमा से लगी एक झोपडी में निवास करते थे, शाम को जब दोनों वापस पहुंचे तो देखा कि आंधी-तूफ़ान के कारण उनकी आधी झोपडी टूट गई है।
यह देखकर पहला साधू क्रोधित हो उठता है, और बुदबुदाने लगता है। भगवान तू मेरे साथ हमेशा ही गलत करता है... मैं दिन भर तेरा नाम लेता हूँ, मंदिर में तेरी पूजा करता हूँ फिर भी तूने मेरी झोपडी तोड़ दी... गाँव में चोर-लुटेरे झूठे लोगो के तो मकानों को कुछ नहीं हुआ, बिचारे हम साधुओं की झोपडी ही तूने तोड़ दी ये तेरा ही काम है।
हम तेरा नाम जपते हैं पर तू हमसे प्रेम नहीं करता...

तभी दूसरा साधू आता है और झोपडी को देखकर खुश हो जाता है... नाचने लगता है और कहता है भगवान् आज विश्वास हो गया तू हमसे कितना प्रेम करता है ये हमारी आधी झोपडी तूने ही बचाई होगी... वर्ना इतनी तेज आंधी-तूफ़ान में तो पूरी झोपडी ही उड़ जाती ये तेरी ही कृपा है कि अभी भी हमारे पास सर ढंकने को जगह है... निश्चित ही ये मेरी पूजा का फल है, कल से मैं तेरी और पूजा करूँगा, मेरा तुझपर विश्वास अब और भी बढ़ गया है... तेरी जय हो!

एक ही घटना को एक ही जैसे दो लोगों ने कितने अलग-अलग ढंग से देखा.. हमारी सोच हमारा भविष्य तय करती है, हमारी दुनिया तभी बदलेगी जब हमारी सोच बदलेगी। यदि हमारी सोच पहले वाले साधू की तरह होगी तो हमें हर चीज में कमी ही नजर आएगी और अगर दूसरे साधु की तरह होगी तो हमे हर चीज में अच्छाई दिखेगी।

अतः हमें दूसरे साधू की तरह विकट से विकट परिस्थिति में भी अपनी सोच सकारात्मक बनाये रखनी चाहिए।
यह भी जानें
अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

Latest Prerak-kahani ›

जब तक दुख नहीं मिलते, प्रभु की याद नहीं आती - प्रेरक कहानी

फिर सुपरवाईजर ने उसका ध्यान आकर्षित करने के लिए एक १० रु का नोट नीचे फैंका, जो ठीक मजदूर के सामने जा कर गिरा..

बुरे समय में कृतज्ञता ना छोड़ें - प्रेरक कहानी

एक शिकारी ने शिकार पर तीर चलाया। तीर पर सबसे खतरनाक जहर लगा हुआ था।..

एक जोड़ी, पैरों के निशान? - प्रेरक कहानी

आपने तो कहा था. कि आप हर समय मेरे साथ रहेंगे, पर मुसीबत के समय मुझे दो की जगह एक जोड़ी ही पैर ही दिखाई दिए...

गोस्वामी तुलसीदास को श्री कृष्ण का राम रूप दर्शन - सत्य कथा

तुलसीदास जी को भगवान् श्री कृष्ण का राम रूप में दर्शन देना | श्रीकृष्ण ने हाथ में धनुष-बाण ले लिया | श्री दशरथ जी का पुत्र, परम सुंदर उपमा रहित जानकार उनसे प्रेम करता था..

तुलसीदास जी द्वारा श्रीराम के दर्शन का उपाय - सत्य कथा

साक्षात् भगवान् श्रीराम के दर्शन करने का उपाय | उसके लिए प्रेम और भाव चाहिए, संत की कृपा चाहिए | वह व्यक्ति तुरंत पेड़ पर चढ़कर त्रिशूलपर कूद पडा..

प्रेरणादायक महाराजा रणजीत सिंह की कहानियाँ

एक बार महाराजा कहीं जा रहे थे, तभी उनके माथे पर पत्थर आकार लगा। उनके माथे पर से खून बहने लगा।...

निर्दोष को कैसी सजा - प्रेरक कहानी

बहुत समय पहले हरिशंकर नाम का एक राजा था। उसके तीन पुत्र थे और अपने उन तीनों पुत्रों में से वह किसी एक पुत्र को राजगद्दी सौंपना चाहता था।

Ganesh Aarti Bhajan - Ganesh Aarti Bhajan
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP