Shri Ram Bhajan
गूगल पर भक्ति भारत को अपना प्रीफ़र्ड सोर्स बनाएँ

ना जाने किस मोड़ पे, प्रभु मिल जाए - प्रेरक कहानी (Naa Jane Kis Mod Pe Prabhu Mil Jaye)


Add To Favorites Change Font Size
एक बार संत एकनाथ अपने शिष्यों के साथ काशी से रामेश्वरम की यात्रा पर जा रहे थे। उनके हाथ में कमंडल था जिसमें गंगा-जल भरा हुआ था। गर्मी का समय था। मीलों तक पानी नहीं मिलता था।
संत एकनाथ ने देखा कि एक गधा प्यास से तड़प कर मरने वाला था। उन्होंने पानी का कमंडल उसके मुंह में उड़ेल दिया। गधा प्यास बुझने के बाद उठकर खड़ा हो गया।

शिष्यों ने जब यह देखा तो वो संत से बोले, यह आपने क्या कर दिया। अब भगवान शिव का अभिषेक कैसे होगा।

एकनाथ जी बोले, अरे क्या तुमने नहीं देखा, स्वयं देवाधिदेव रामेश्वर ही तो इस जीव के रूप में आए थे। कितने कृपालु हैं वे, स्वयं ही आ गए और हमें वहां तक जाने का कष्ट ही नहीं दिया। कभी भी किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए। क्योंकि ईश्वर आपके समक्ष किसी भी रूप में प्रटक हो सकते हैं।
यह भी जानें
अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

Latest Prerak-kahani ›

नारद मुनि भगवान श्रीराम के द्वार पर पहुँचे

एक बार की बात है, वीणा बजाते हुए नारद मुनि भगवान श्रीराम के द्वार पर पहुँचे। नारायण नारायण !! नारदजी ने देखा कि द्वार पर हनुमान जी पहरा दे रहे है। हनुमान जी ने पूछा: नारद मुनि! कहाँ जा रहे हो?

तुलसीदास जी द्वारा कौशल्यानंदन भगवान् स्थापित - सत्य कथा

कौशल्यानंदन भगवान् श्री राम का विग्रह स्थापित: कुछ लोग दक्षिण देश से भगवान् श्रीराम की मूर्ति लेकर स्थापना करने के लिये श्रीअवध जा रहे थे। यमुना-तट पर उन्होंने विश्राम किया।

बस! अपने मां बाप की सेवा करो - प्रेरक कहानी

एक छोटा सा बोर्ड रेहड़ी की छत से लटक रहा था, उस पर मोटे मारकर से लिखा हुआ था...
घर मे कोई नही है, मेरी बूढ़ी माँ बीमार है, मुझे थोड़ी थोड़ी देर में उन्हें खाना, दवा और टायलट कराने के लिए घर जाना पड़ता है, अगर आपको जल्दी है तो अपनी मर्ज़ी से फल तौल ले...

कहीं बारिश हो गयी तो - प्रेरक कहानी

कहीं बारिश हो गयी तो! बारिश की एक बूँद तक नहीं गिरी थी। सभी बड़े परेशान थे। हरिया भी अपने बीवी-बच्चों के साथ जैसे-तैसे समय काट रहा था। ईश्वर में विश्वास रखें

भक्ति का प्रथम मार्ग है, सरलता - प्रेरक कहानी

प्रभु बोले भक्त की इच्छा है पूरी तो करनी पड़ेगी। चलो लग जाओ काम से। लक्ष्मण जी ने लकड़ी उठाई, माता सीता आटा सानने लगीं। आज एकादशी है...

एक दिन का पुण्य ही क्यूँ? - प्रेरक कहानी

तुम्हारे बाप के नौकर बैठे हैं क्या हम यहां, पहले पैसे, अब पानी, थोड़ी देर में रोटी मांगेगा, चल भाग यहाँ से।

बुढ़िया माई को मुक्ति दी - तुलसी माता की कहानी

कार्तिक महीने में एक बुढ़िया माई तुलसीजी को सींचती और कहती कि: हे तुलसी माता! सत की दाता मैं तेरा बिडला सीचती हूँ..

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Bhakti Bharat APP