Shri Krishna Bhajan

ना जाने किस मोड़ पे, प्रभु मिल जाए - प्रेरक कहानी (Naa Jane Kis Mod Pe Prabhu Mil Jaye)


Add To Favorites Change Font Size
एक बार संत एकनाथ अपने शिष्यों के साथ काशी से रामेश्वरम की यात्रा पर जा रहे थे। उनके हाथ में कमंडल था जिसमें गंगा-जल भरा हुआ था। गर्मी का समय था। मीलों तक पानी नहीं मिलता था।
संत एकनाथ ने देखा कि एक गधा प्यास से तड़प कर मरने वाला था। उन्होंने पानी का कमंडल उसके मुंह में उड़ेल दिया। गधा प्यास बुझने के बाद उठकर खड़ा हो गया।

शिष्यों ने जब यह देखा तो वो संत से बोले, यह आपने क्या कर दिया। अब भगवान शिव का अभिषेक कैसे होगा।

एकनाथ जी बोले, अरे क्या तुमने नहीं देखा, स्वयं देवाधिदेव रामेश्वर ही तो इस जीव के रूप में आए थे। कितने कृपालु हैं वे, स्वयं ही आ गए और हमें वहां तक जाने का कष्ट ही नहीं दिया। कभी भी किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए। क्योंकि ईश्वर आपके समक्ष किसी भी रूप में प्रटक हो सकते हैं।
यह भी जानें
अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

Latest Prerak-kahani ›

बिना श्रद्धा और विश्वास के, गंगा स्नान - प्रेरक कहानी

इसी दृष्टांत के अनुसार जो लोग बिना श्रद्धा और विश्वास के केवल दंभ के लिए गंगा स्नान करते हैं उन्हें वास्तविक फल नहीं मिलता परंतु इसका यह मतलब नहीं कि गंगा स्नान व्यर्थ जाता है।

भगवान चढ़ाया गया भोग कैसे खाते हैं? - प्रेरक कहानी

क्या भगवान हमारे द्वारा चढ़ाया गया भोग खाते हैं? यदि खाते हैं, तो वह वस्तु समाप्त क्यों नहीं हो जाती?..

जब अर्जुन का घमंड चूर-चूर हुआ - प्रेरक कहानी

एक दिन श्रीकृष्ण, अर्जुन साथ घूम रहे थे। रास्ते में उनकी मुलाकात एक गरीब ब्राह्मण से हुई। उसका व्यवहार थोड़ा विचित्र था। वह सूखी घास खा रहा था और उसकी कमर से तलवार लटक रही थी।

जब चंद देव ने लगाया गुरु रामदास को गले - सत्य कथा

जब गुरु नानक देव जी के वृद्ध पुत्र एवं 'उदासी' संप्रदाय के संस्थापक बाबा श्री चंद जी सिख संप्रदाय के चतुर्थ गुरु रामदास जी से मिलने आए ...

प्रतिदिन बदलते लक्ष्य - प्रेरक कहानी

एक लड़के ने एक बार एक बहुत ही धनवान व्यक्ति को देखकर धनवान बनने का निश्चय किया। वह धन कमाने के लिए कई दिनों तक मेहनत कर धन कमाने के पीछे पड़ा

सबसे समर्थ और सच्चा साथी कौन?

एक छोटे से गाँव मे श्रीधर नाम का एक व्यक्ति रहता था, स्वभाव से थोड़ा कमजोर और डरपोक किस्म का इंसान था।..

देह दानी राजा शिवि महाराज - प्रेरक कहानी

शिवि की धर्मपरायणता, उदारता, दयालुता एवं परोपकार की ख्याति स्वर्गलोक में भी पहुंच गई थी। इन्द्र और अग्निदेव शिवि की प्रशंसा सुनने के बाद उनकी परीक्षा की योजना बनायी

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Bhakti Bharat APP