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कोरोना: लॉकडाउन, जनता कर्फ्यू, क्वारंटाइन के समय क्या पढ़ें? (Corona: Lockdown, Janta Curfew, Quarantine and Isolation Main Kiya Padhe)

कोरोना: लॉकडाउन, जनता कर्फ्यू, क्वारंटाइन के समय क्या पढ़ें?
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स्वयं को अंदर से इतना मजबूत करें, कि आपके अंदर की महाकाली रक्तबीज जैसे वाइरस का संहार कर सकें।
कोरोना वायरल की विश्वव्यापी महामारी के चलते हमारे देश भारत मे बहुत लोग COVID 19 से संक्रमित पाए गये हैं, इस दौरान लोगों को लॉकडाउन, जनता कर्फ्यू, क्वारंटाइन, पृथक, आइसोलेट जैसी परिस्थितियों के साथ रहना पड़ रहा है।

इस स्थिति में आप कैसे स्वयं को सकारात्मक ऊर्जा के साथ व्यस्त रखें, इसके समाधान के रूप मे आप भक्ति-भारत वेबसाइट पर.. व्रत कथाएँ, भजन, प्रेरक कथाएँ, आरतियाँ, मंत्र, चालीसा, मंदिरों के इतिहास, धार्मिक ब्लॉग्स एवं त्यौहारों के बारे में विस्तार से अपने ज्ञान को पोषित कर सकते हैं।

व्रत कथाएँ
प्रेरक कहानी
आरतियाँ
भजन
मंत्र
चालीसा
मंदिर
धार्मिक ब्लॉग्स
त्यौहार

दैनिक हवन-यज्ञ विधि
गायत्री मंत्र
शांति पाठ
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं

इस महामारी से लड़ने के लिए सफाई एवं धैर्य रखें, घर पर ही रहें, पौष्टिक आहार ग्रहण करें तथा सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करें।
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रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ का मुकुट टाहिया

रथयात्रा के समय पहण्डी बिजे के दौरान भगवन टाहिया धारण करते हैं। टाहिया एकमात्र आभूषण है जिसे रथयात्रा अनुष्ठान के दौरान भगवान पहनते हैं।

भगवान जगन्नाथ के नील माधव के रूप में होने के पीछे क्या कहानी है?

नील माधव (या नीला माधव) के रूप में भगवान जगन्नाथ की कहानी प्राचीन हिंदू परंपराओं, विशेष रूप से ओडिशा की परंपराओं में निहित एक गहरी आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक कहानी है।

पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा के तीन रथ

रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा का वार्षिक रथ उत्सव है। वे तीन अलग-अलग रथों पर यात्रा करते हैं और लाखों लोग रथ खींचने के लिए इकट्ठा होते हैं।

शिव ने शिवा को बताया भक्ति क्या है?

भगवान शिव ने देवी शिवा अर्थात आदिशक्ति महेश्वरी सती को उत्तम भक्तिभाव के बारे मे इस प्रकार बताया..अरुणोदयमारभ्य सेवाकालेऽञ्चिता हृदा। निर्भयत्वं सदा लोके स्मरणं तदुदाहृतम्॥

लक्षदीपम

तिरुवनंतपुरम में श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर अपने लक्षदीपम उत्सव के लिए प्रसिद्ध है - एक लुभावने उत्सव जिसमें मंदिर परिसर में एक लाख (100,000) तेल के दीपक जलाए जाते हैं।

बांके बिहारी मंदिर में घंटियाँ क्यों नहीं हैं?

उत्तर प्रदेश के वृंदावन में स्थित बांके बिहारी मंदिर कई मायनों में अनोखा है, और इसकी सबसे उल्लेखनीय विशेषताओं में से एक यह है कि मंदिर में घंटियाँ नहीं हैं।

भगवान जगन्नाथ का नीलाद्रि बीजे अनुष्ठान क्या है?

नीलाद्रि बीजे, वार्षिक रथ यात्रा उत्सव के अंत और भगवान जगन्नाथ की गर्भगृह में वापसी को चिह्नित करता है या फिर आप भगवान जगन्नाथ और उनकी प्यारी पत्नी माँ महालक्ष्मी के बीच एक प्यारी सी कहानी बता सकते हैं।

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