Shri Krishna Bhajan

बिश्नोई पन्थ के उनतीस नियम! (Bishnoi Panth Ke Unatees Niyam)

श्री जम्भेश्वर भगवान द्वारा अपनी काव्य भाषा में २९ नियम यही हैं।
तीस दिन सूतक, पांच ऋतुवन्ती न्यारो ।
सेरो करो स्नान, शील सन्तोष शुचि प्यारो ॥
द्विकाल सन्ध्या करो, सांझ आरती गुण गावो ।
होम हित चित्त प्रीत सूं होय, बास बैकुण्ठे पावो ॥

पाणी बाणी ईन्धणी दूध, इतना लीजै छाण ।
क्षमा दया हृदय धरो, गुरू बतायो जाण ॥

चोरी निन्दा झूठ बरजियो, वाद न करणों कोय ।
अमावस्या व्रत राखणों, भजन विष्णु बतायो जोय ॥

जीव दया पालणी, रूंख लीला नहिं घावै ।
अजर जरै जीवत मरै, वे वास बैकुण्ठा पावै ॥

करै रसोई हाथ सूं, आन सूं पला न लावै ।
अमर रखावै थाट, बैल बधिया न करवौ ॥

अमल तमाखू भांग मांस, मद्य सूं दूर ही भागै ।
लील न लावै अंग, देखते दूर ही त्यागे ॥

उन्नतीस धर्म की आखड़ी, हिरदै धरियो जोय ।
जाम्भे जी किरपा करी, नाम बिष्नोई होय ॥

विस्तार में जानें:
१. तीस दिन सूतक
२. पंच दिन का रजस्वला
३. सुबह स्नान करना
४. शील, संतोष, शुचि रखना
५. प्रातः-शाम संध्या करना
६. साँझ आरती विष्णु गुण गाना
७. प्रातःकाल हवन करना
८. पानी छान कर पीना व वाणी शुद्ध बोलना
९. ईंधन बीनकर व दूध छानकर पीना
१०. क्षमा सहनशीलता रखे
११. दया-नम्र भाव से रहे
१२. चोरी नहीं करनी
१३. निंदा नहीं करनी
१४. झूठ नहीं बोलना
१५. वाद विवाद नहीं करना
१६. अमावस्या का व्रत रखना
१७. भजन विष्णु का करना
१८. प्राणी मात्र पर दया रखना
१९. हरे वृक्ष नहीं काटना
२०. अजर को जरना
२१. अपने हाथ से रसोई पकाना
२२. थाट अमर रखना
२३. बैल को बंधिया न करना
२४. अमल नहीं खाना
२५. तम्बाकू नहीं खाना व पीना
२६. भांग नहीं पीना
२७. मद्यपान नहीं करना
२८. मांस नहीं खाना
२९ नीले वस्त्र नहीं धारण करना

Bishnoi Panth Ke Unatees Niyam in English

29 Rules by Bhagwan Jambheshwar Bhagwan, Tees Din Sutak, Paanch Rtuvanti Nyaro
यह भी जानें

Blogs Bishnoi BlogsBishnoi Sthapana Divash Blogs29Rules BlogsBhagwan Jambheshwar BlogsNature Lover Blogs

अगर आपको यह ब्लॉग पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस ब्लॉग को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

ब्लॉग ›

ISKCON एकादशी कैलेंडर 2025

यह एकादशी तिथियाँ केवल वैष्णव सम्प्रदाय इस्कॉन के अनुयायियों के लिए मान्य है | ISKCON एकादशी कैलेंडर 2025

गंडमूल क्या है?

गंडमूल (जिसे गंडमूल या गंडान्त नक्षत्र भी लिखा जाता है) वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जो कुछ जन्म नक्षत्रों को संदर्भित करता है, जिनके बारे में माना जाता है कि यदि उन्हें अनुष्ठानों द्वारा ठीक से प्रसन्न नहीं किया जाता है, तो वे व्यक्ति के जीवन में कठिनाइयाँ या कर्म संबंधी चुनौतियाँ पैदा करते हैं।

दण्डी सन्यासी का क्या अर्थ है?

डंडा का अर्थ संस्कृत में छड़ी या बेंत होता है और इस छड़ी को रखने वाले सन्यासी को दंडी सन्यासी कहा जाता है। देश में संतों के एक महत्वपूर्ण संप्रदाय दंडी सन्यासियों का दावा है कि शंकराचार्य उन्हीं में से चुने गए हैं।

पूजा की बत्ती बनाने की विधि

पूजा की बत्ती बनाने की विधि | रुई से बत्ती कैसे बनाये? | रुई से बत्ती बनाने की विधि

कार्तिक मास 2025

कार्तिक मास हिंदू कैलेंडर का आठवां महीना है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अक्टूबर और नवंबर में आता है। भारत के राष्ट्रीय नागरिक कैलेंडर में, कार्तिक वर्ष का आठवां महीना है।

रवि योग क्या है?

रवि योग तब बनता है जब सूर्य के नक्षत्र और चंद्रमा के नक्षत्र के बीच की दूरी 4वें, 6वें, 8वें, 9वें, 12वें या 14वें नक्षत्र के अलावा कुछ भी हो।

शिवलिंग पर बेलपत्र कैसे चढ़ाएं?

शिवलिंग पर बेलपत्र (बिल्व पत्र) चढ़ाते समय, हिंदू धर्मग्रंथों और पारंपरिक पूजा पद्धतियों के अनुसार, इसे एक विशिष्ट विधि से अर्पित किया जाना चाहिए।

Aditya Hridaya Stotra - Aditya Hridaya Stotra
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP