Hanuman Chalisa

करोना क्वारंटाइन वैसे ही है, जैसे जगन्नाथ रथयात्रा मे अनासार (Corona quarantine alike Bhagwan Jagannath’s Anasara)

करोना क्वारंटाइन वैसे ही है, जैसे जगन्नाथ रथयात्रा मे अनासार

भक्ति भारत सरल तर्क द्वारा भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान अनासार को COVID-19 के स्व-क्वारंटाइन(self-quarantine) से लिंक करके देख रहा है। अनासार स्नान यात्रा के बाद तथा जगन्नाथ रथ यात्रा से 15 दिन पहिले होता है। जब भगवान स्वयं 14 दिनों की अवधि के लिए स्वयं क्वारंटाइन पर जाते हैं, जिसमे हमारे लिए एक बड़ा संदेश छिपा है, और आज की परिस्थिति मे मनुष्य इससे बहुत कुछ सीख सकता है।

भगवान जगन्नाथ की पूरी साल पूजा होती है, पर कुछ समय के लिए वह अपने उपासकों से दूर रहते हैं। ज्यादा ठंडे पानी से स्नान के कारण तीनों भाई बहन वायरस इंफेक्सन से संक्रमित होकर ज्वर से पीड़िन हो जाते हैं। वह ठीक 14 दिनों के लिए स्वयं क्वारंटाइन मे चले जाते हैं, जैसे कि चिकनपॉक्स एवं कोरोना वायरस मे 14 दिन के लिए जाते हैं। इसके दौरान उन्हें सही तरह की दवा तथा खाना दिया जाता है। देवताओं को प्रभावी ढंग से ठीक करने के लिए सेवक, विशेष फुलरी तेल सेवा पद्धति द्वारा उनका अद्वितीय उपचार करते हैं। इस अवधि को अनासार के नाम से जाना जाता है और जिस स्थान पर उनका उपचार होता है, उसे अनासार घर कहा जाता है।

भक्ति भारत कहता है: स्व-क्वारंटाइन या घर मे अलग-थलग(होमे आइसोलेट) रहना आपको अत्यधिक विचलित कर सकता है। लेकिन इन वाक्यांशों से आपको डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह सब युगों से ही जगन्नाथ धाम में प्रचलित है।

हमें आशा है कि लोग, स्व-क्वारंटाइन की इन आशंकाओं को कुछ सीमा तक दूर कर पाये होंगे। सतर्क रहें और सुरक्षित रहें।

Corona quarantine alike Bhagwan Jagannath’s Anasara in English

Bhakti Bharat draw`s a simple logic of self-quarantine for COVID-19 with Bhagwan Jagannath's Anasara which occurs after Snana Jatra.
यह भी जानें

Blogs Lockdown BlogsJanta Curfew BlogsQuarantine BlogsIsolation BlogsCorona BlogsRath Yatra BlogsJagannath Puri BlogsAnasara BlogsSnan Yatra BlogsBathing Festival Blogs

अगर आपको यह ब्लॉग पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

इस ब्लॉग को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

नवकलेवर

जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ की कई अलौकिक महानताएं हैं। इनमें नवकलेवर एक बहुत बड़ा अलौकिक पर्व है। भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र की मूर्तियों को हर 12 साल में बदल दिया जाता है।

यूनाइटेड किंगडम में रथ यात्रा समारोह

रथ-यात्रा उत्सव देश बिदेश में कई अलग-अलग स्थानों पर आयोजित किए जाते हैं, जो उत्सव लंदन का सबसे बड़ा प्रसिद्ध सनातन उत्सव है। रथ-यात्रा, इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) द्वारा प्रायोजित सबसे बड़ा स्ट्रीट फेस्टिवल है।

जगन्नाथ मंदिर प्रसाद को 'महाप्रसाद' क्यों कहा जाता है?

जगन्नाथ मंदिर में सदियों से पाया जाने वाला महाप्रसाद लगभग 600-700 रसोइयों द्वारा बनाया जाता है, जो लगभग 50 हजार भक्तों के बीच वितरित किया जाता है।

भगवान अलारनाथ की कहानी: श्री जगन्नाथ कथा

अनासार के दौरान जब भगवान जगन्नाथ बीमार हो जाते हैं, तब अलारनाथ मंदिर परिसर मे भगवान को खीर का भोग लगाया जाता है तथा साथ ही साथ भक्तों को भी यही भोग भेंट किया जाता है।

करोना क्वारंटाइन वैसे ही है, जैसे जगन्नाथ रथयात्रा मे अनासार

भक्ति भारत सरल तर्क द्वारा भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान अनासार को COVID-19 के स्व-क्वारंटाइन(self-quarantine) से लिंक करके देख रहा है।

14 विद्या और 16 कला का क्या अर्थ है?

कला का अर्थ है संस्कृत में प्रदर्शन कला। चौसठ कला या चतुर्दशी कला के रूप में जानी जाने वाली 64 पारंपरिक कलाओं में से कई की महारत ने प्राचीन भारत के कई हिस्सों में एक सुसंस्कृत व्यक्ति के विकास में एक महत्वपूर्ण आधार बनाया।

आम के पत्तों का तोरण बनाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

तोरण को बंदनवार भी कहा जाता है। मां लक्ष्मी के स्वागत व उन्हें प्रसन्न करने के लिए दरवाजे पर इसे लगाना शुभ माना जाता है। तोरण लगाने से घर की नाकारात्मक ऊर्जा दरवाजे से ही वापिस चली जाती है। तोरण कई तरह से बनाए जाते हैं। आम के पत्तों,धान की बालियों और गेंदे को फूलो से बना तोरण का अलग-अलग महत्व है।

Hanuman Chalisa - Ganesh Aarti Bhajan -
Subscribe BhaktiBharat YouTube Channel
Download BhaktiBharat App