हम हाथ उठा कर कहते है,
हम हो गए खाटू वाले के,
हम शीश झुका कर कहते है,
हम हो गए खाटू वाले के ॥
मुझे कहने में संकोच नहीं,
मेरा दाता कोई और नहीं,
हम सबके सामने कहते है,
हम हो गए खाटू वाले के,
हम हाथ उठा कर कहतें है ॥
सारे बंधन को छोड़ दिया,
बस तुमसे नाता जोड़ लिया,
सर ऊँचा करके कहते है,
हम हो गए खाटू वाले के,
हम हाथ उठा कर कहतें है ॥
पागल कह दो मंजूर मुझे,
चाहे कह दो मगरूर मुझे,
हम ढोल पीटकर कहते है,
हम हो गए खाटू वाले के,
हम हाथ उठा कर कहतें है ॥
अब भले बुरे का होश नहीं,
कहता है ‘पवन’ अफसोस नहीं,
हम सीना तानके कहते है,
हम हो गए खाटू वाले के,
हम हाथ उठा कर कहतें है ॥
हम हाथ उठा कर कहते है,
हम हो गए खाटू वाले के,
हम शीश झुका कर कहते है,
हम हो गए खाटू वाले के ॥
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