मनमोहन तुझे रिझाऊं,
तुझे नित नए लाड़ लड़ाऊं,
बसा के तुझे नैनन में,
छिपा के तुझे नैनन में ॥
गीत बन जाऊं तेरी,
बांसुरी के स्वर का,
इठलाती बलखाती,
पतली कमर का,
पीला पटका बन जाऊं,
पीला पटका बन जाऊं,
बसा के तुझे नैनन में,
छिपा के तुझे नैनन में ॥
घुँघरू बनूँ जो तेरी,
पायल का प्यारे,
पल पल चूमा करूँ,
चरण तुम्हारे,
तेरे संग संग नाचूँ गाऊं,
बसा के तुझे नैनन में,
छिपा के तुझे नैनन में ॥
राधिका किशोरी संग,
रमण तुम्हारा,
मुझ को दिखा दो कभी,
ऐसा नज़ारा,
फिर चाहे मैं मर जाऊं,
फिर चाहे मैं मर जाऊं,
बसा के तुझे नैनन में,
छिपा के तुझे नैनन में ॥
मनमोहन तुझे रिझाऊं,
तुझे नित नए लाड़ लड़ाऊं,
बसा के तुझे नैनन में,
छिपा के तुझे नैनन में ॥
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कृष्ण भजन |
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श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारीManmohan Tujhe Rijhaun, Tujhe Nit Naye Laad Ladaun, Basa Ke Tujhe Nainan Mein, Chhipa Ke Tujhe Nainan Mein ॥ Bhajan Shri Krishna BhajanBhrij BhajanBal Krishna BhajanLaddu Gopal BhajanBhagwat BhajanJanmashtami BhajanShri Shyam BhajanIskcon BhajanPhagun Mela BhajanRadhashtami Bhajan
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