राम जन्मभूमि पर जाकर, जीत के दीप जलाएंगे: भजन (Ram Janmabhoomi Par Jakar Jeet Ke Deep Jalayenge)


राम जन्मभूमि पर जाकर,
जीत के दीप जलाएंगे,
कलयुग के रावण अब भय से,
अपनी खैर मनाएंगे ॥राम अयोध्या जब लौटे,
जले थे दीपक घर घर में,
सियाराम के जयकारे भी,
गूंज उठे थे अम्बर में,
जाके अयोध्या दिवाली में,
फुलझड़िया हम जलाएंगे,
कलयुग के रावण अब भय से,
अपनी खैर मनाएंगे ॥

देश के कोने कोने से जब,
भक्तो की टोली आएगी,
उनकी भक्ति की शक्ति से,
ये दुनिया अब थर्राएगी,
जय श्री राम का झंडा अब तो,
हर घर में लहराएगा,
कलयुग के रावण अब भय से,
अपनी खैर मनाएंगे ॥

राम जन्मभूमि पर जाकर,
जीत के दीप जलाएंगे,
कलयुग के रावण अब भय से,
अपनी खैर मनाएंगे ॥
Ram Janmabhoomi Par Jakar Jeet Ke Deep Jalayenge - Read in English
Ram Janmbhoomi Par Jakar, Jeet Ke Deep Jalayenge, Kalyug Ke Ravan Ab Bhay Se, Apni Khair Manayenge ॥
Bhajan Shri Ram BhajanShri Raghuvar BhajanRam Navmi BhajanSita Navmi BhajanHanuman Janmotsav BhajanRam Mandir BhajanRam Naam Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

मनोज मुंतशिर रचित भए प्रगट कृपाला दीनदयाला रीमिक्स

श्री राम जानकी कथा ज्ञान की, श्री रामायण का ज्ञान, भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौसल्या हितकारी । जुग-जुग से हमने पलक बिछायी, तुम्हरी राह बुहारी

स्वीकार हमें करले, हम दुखड़ो के मारे है - भजन

स्वीकार हमें करले, हम दुखड़ो के मारे है, तू कह दे कहाँ जाएं, बस तेरे सहारे है, स्वीकार हमे करले, हम दुखड़ो के मारे है ॥

बांके बिहारी की देख छटा - भजन

बांके बिहारी की देख छटा, मेरो मन है गयो लटा पटा। कब से खोजूं बनवारी को...

गोरी सुत गणराज पधारो: भजन

गोरी सुत गणराज पधारो, आके सारे काज सवारों, तुझको आना होगा, तुझको आना होगा ॥

गणपति पधारो ताता थैया करते: भजन

गणपति पधारो ताता थैया करते, ताता थैया करते, ठुमक ठुमक पग धरते, गणपति पधारो ताता थैया करते, आप के पधारने से बिगड़े काम संवरते, गणपति पधारो ताता थैया करते ॥