Hanuman Chalisa
Sawan 2024 - Hanuman Chalisa - Follow Bhakti Bharat WhatsApp Channel - Hanuman Chalisa -

कृष्ण और शिकारी, संत की कथा - प्रभु भक्त अधीन (Prabhu Bhakt Adheen Krishn Shikari Aur Sant Katha)


कृष्ण और शिकारी, संत की कथा - प्रभु भक्त अधीन
Add To Favorites Change Font Size
एक बार श्रीमद्भागवत कथा सुनते समय गुरुदेव के मुख से एक कथा सुनी वो आपके लिए यहाँ पर लिख रहा हूँ। यह कथा सुनकर आपके ह्रदय में भगवान के लिए प्रेम जरूर जागेगा।
एक बार की बात है। एक संत जंगल में कुटिया बना कर रहते थे और भगवान श्री कृष्ण का भजन करते थे। संत को यकीं था कि एक ना एक दिन मेरे भगवान श्री कृष्ण मुझे साक्षात् दर्शन जरूर देंगे।

उसी जंगल में एक शिकारी आया। उस शिकारी ने संत कि कुटिया देखी। वह कुटिया में गया और उसने संत को प्रणाम किया और पूछा कि आप कौन हैं और आप यहाँ क्या कर रहे हैं।

संत ने सोचा यदि मैं इससे कहूंगा कि भगवान श्री कृष्ण के इंतजार में बैठा हूँ। उनका दर्शन मुझे किसी प्रकार से हो जाये। तो शायद इसको ये बात समझ में नहीं आएगी।
संत ने दूसरा उपाय सोचा। संत ने किरात(शिकारी) से पूछा: भैया! पहले आप बताओ कि आप कौन हो और यहाँ किसलिए आते हो?

उस किरात ने कहा कि मैं एक शिकारी हूँ और यहाँ शिकार के लिए आया हूँ।
संत ने तुरंत उसी की भाषा में कहा मैं भी एक शिकारी हूँ और अपने शिकार के लिए यहाँ आया हूँ।

शिकार ने पूछा: अच्छा संत जी, आप ये बताइये आपका शिकार दिखता कैसे है? आपके शिकार का नाम क्या है? हो सकता है कि मैं आपकी मदद कर दूँ?

संत ने सोचा इसे कैसे बताऊ, फिर भी संत कहते हैं: मेरे शिकार का नाम है। वो दिखने में बहुत ही सुंदर है। सांवरा सलोना है। उसके सिर पर मोर मुकुट है। हाथों में बंसी है। ऐसा कहकर संत जी रोने लगे।

किरात बोला: बाबा रोते क्यों हो? मैं आपके शिकार को जब तक ना पकड़ लूँ, तब तक पानी भी नहीं पियूँगा और आपके पास नहीं आऊंगा।

अब वह शिकारी घने जंगल के अंदर गया और जाल बिछा कर एक पेड़ पर बैठ गया। यहाँ पर इंतजार करने लगा। भूखा प्यासा बैठा हुआ है। एक दिन बीता, दूसरा दिन बीता और फिर तीसरा दिन। भूखे प्यासे किरात को नींद भी आने लगी।

बांके बिहारी को उन पर दया आ गई। भगवान उसके भाव पर रीझ गए। भगवान मंद मंद स्वर से बांसुरी बजाते आये और उस जाल में खुद फंस गए।

जैसे ही किरात को फसे हुए शिकार का अनुभव हुआ हुआ तो तुरंत नींद से उठा और उस सांवरे भगवान को देखा।

जैसा संत ने बताया था उनका रूप हूबहू वैसा ही था। वह अब जोर जोर से चिल्लाने लगा, मिल गया, मिल गया, शिकार मिल गया।

शिकारी ने उसे शिकार को जाल समेत कंधे पर बिठा लिया। और शिकारी कहता हुआ जा रहा है आज तीन दिन के बाद मिले हो, खूब भूखा प्यासा रखा। अब तुम्हे मैं छोड़ने वाला नहीं हूँ।

शिकारी धीरे-धीरे कुटिया की ओर बढ़ रहा था। जैसे ही संत की कुटिया आई तो शिकारी ने आवाज लगाई- बाबा! बाबा!

संत ने तुरंत दरवाजा खोला। और संत उस किरात के कंधे पर भगवान श्री कृष्ण को जाल में फंसा देख रहे हैं। भगवान श्री कृष्ण जाल में फसे हुए मंद-मंद मुस्कुरा रहे हैं।

किरात ने कहा: आपका शिकार लाया हुँ। मुश्किल से मिले हैं।

संत के आज होश उड़ गए। संत किरात के चरणों में गिर पड़े। संत आज फूट-फूट कर रोने लगे। संत कहते हैं: मैंने आज तक आपको पाने के लिए अनेक प्रयास किये प्रभु लेकिन आज आप मुझे इस किरात के कारण मिले हो

भगवान बोले: इस शिकारी का प्रेम तुमसे ज्यादा है। इसका भाव तुम्हारे भाव से ज्यादा है। इसका विश्वास तुम्हारे विश्वास से ज्यादा है। इसलिए आज जब तीन दिन बीत गए तो मैं आये बिना नहीं रह पाया। मैं तो अपने भक्तों के अधीन हूँ।

और आपकी भक्ति भी कम नहीं है संत जी। आपके दर्शनों के फल से मैं इसे तीन ही दिन में प्राप्त हो गया। इस तरह से भगवान ने खूब दर्शन दिया और फिर वहाँ से भगवान चले गए।
यह भी जानें

Prerak-kahani Sant Prerak-kahaniShikari Prerak-kahaniKiraat Prerak-kahaniHunter Prerak-kahaniShri Krishna Prerak-kahaniBrij Prerak-kahaniBaal Krishna Prerak-kahaniBhagwat Prerak-kahaniJanmashtami Prerak-kahaniKrishna Mahima Prerak-kahaniJangal Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

सेवभाव में स्नेह के आँसू - प्रेरक कहानी

सब्जी वाले ने तीसरी मंजिल की घंटी का बटन दबाया। ऊपर बालकनी का दरवाजा खोलकर बाहर आई महिला ने नीचे देखा।

जीवन का, जीवन बीमा - प्रेरक कहानी

दो मित्र थे, बड़े परिश्रमी और मेहनती। अपने परिश्रम से दोनों एक दिन बड़े सेठ बन गए। दोनों ने बड़ा व्यवसाय खड़ा कर लिया। पहले सेठ ने अपनी सारी संपत्ति का बीमा करवा लिया।...

असल में ज्ञानी कौन? - प्रेरक कहानी

सन्तोष मिश्रा जी के यहाँ पहला लड़का हुआ तो पत्नी ने कहा: बच्चे को गुरुकुल में शिक्षा दिलवाते है...

बुरी परिस्थितियों में भी आशा नहीं छोड़ें - प्रेरक कहानी

उसने राजा से कहा कि यदि मेरी जान बख्श दी जाए तो मैं एक साल में उसके घोड़े को उड़ना सीखा दूँगा।..

श्री गणेश एवं बुढ़िया माई की कहानी

एक बुढ़िया माई थी। मिट्टी के गणेश जी की पूजा करती थी। रोज बनाए रोज गल जाए। एक सेठ का मकान बन रहा था..

दद्दा की डेढ़ टिकट - प्रेरक कहानी

एक देहाती बुजुर्ग ने चढ़ने के लिए हाथ बढ़ाया। एक ही हाथ से सहारा ले डगमगाते कदमों से वे बस में चढ़े, क्योंकि दूसरे हाथ में थी भगवान गणेश की एक अत्यंत मनोहर बालमूर्ति थी।

तुलसीदास जी द्वारा भगवान् श्रीराम, लक्ष्मण दर्शन - सत्य कथा

चित्रकूटके घाट पर, भइ संतन की भीर । तुलसिदास चंदन घिसें, तिलक देन रघुबीर ॥..

Hanuman Chalisa -
Hanuman Chalisa -
×
Bhakti Bharat APP