श्यामा श्याम सलौनी सूरत - भजन (Shyama Shyam Saloni Surat)


श्यामा श्याम सलौनी
सूरत को शृंगार बसंती है ।
किशोरी श्याम सलोनी सूरत
को सिंगार बसंती है ।
मोर मुकुट की लटक बसंती
चंद्रकला की चटक बसंती,
मुख मुरली की मटक बसंती,
सिर पै पैंच श्रवण-कुंडल छविदार बसंती है ।

श्यामा श्याम सलौनी
सूरत को शृंगार बसंती है ।
किशोरी श्याम सलोनी सूरत,
को सिंगार बसंती है ।

माथे चन्दन लसियो बसंती,
पट पीताम्बर कसियो बसंती,
पहना बाजूबंद बसंती,
गुंजमाल गल सोहै फूलनहार बसंती है ।

श्यामा श्याम सलौनी
सूरत को शृंगार बसंती है ।
किशोरी श्याम सलोनी सूरत,
को सिंगार बसंती है ।

कनक कडूला हस्त बसंती,
चले चाल अलमस्त बसंती,
रुनक-झुनक पग नूपुर की झनकार बसंती है ।

श्यामा श्याम सलौनी
सूरत को शृंगार बसंती है ।
किशोरी श्याम सलोनी सूरत,
को सिंगार बसंती है ।

संग ग्वाल को गोलन बसंती,
बोल रहे हैं बोल बसंती,
सब सखियन में राधे जी सरदार बसंती हैं ।

श्यामा श्याम सलौनी
सूरत को शृंगार बसंती है ।
किशोरी श्याम सलोनी सूरत,
को सिंगार बसंती है ।
Shyama Shyam Saloni Surat - Read in English
Shyama Shyam Salaunee Soorat Ko Shingaar Basanti Hai । Kishoree Shyam Saloni Soorat Ko Shingaar Basanti Hai..
Bhajan Shri Krishna BhajanBhrij BhajanBal Krishna BhajanLaddu Gopal BhajanBhagwat BhajanJanmashtami BhajanShri Shyam BhajanMadan Mohan BhajanRadha Mohan BhajanKrishn Bhagwan BhajanBhagwat Braj Bhasha BhajanVasant Panchami Bhajan

अन्य प्रसिद्ध श्यामा श्याम सलौनी सूरत - भजन वीडियो

Dhruv Sharma And Vishesh Gupta

निकुंज कामरा

अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

नवीनतम भजन ›

सीता राम, सीता राम, सीताराम कहिये - भजन

सीता राम सीता राम सीताराम कहिये, जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये।...

नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे

नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे, त्वया हिन्दुभूमे सुखं वर्धितोऽहम्...

रघुपति राघव राजाराम - भजन

रघुपति राघव राजाराम, पतित पावन सीताराम ॥ सुंदर विग्रह मेघश्याम, गंगा तुलसी शालग्राम...

वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे.. भजन

वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीड परायी जाणे रे। पर दुःखे उपकार करे तो ये, मन अभिमान न आणे रे...

भजन: राम सिया राम, सिया राम जय जय राम

मंगल भवन अमंगल हारी, द्रबहुसु दसरथ अजर बिहारी। राम सिया-राम सिया राम...