अम्बुबाची मेला, जिसे कामाख्या महायोग भी कहा जाता है, असम के गुवाहाटी स्थित कामाख्या देवी मंदिर में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण तांत्रिक और धार्मिक पर्व है। यह मेला देवी कामाख्या के मासिक धर्म की अवधि का प्रतीक है, जिसे एक पवित्र और पुनर्जन्म के समय के रूप में सम्मानित किया जाता है। अम्बुबाची मेला एक अद्वितीय धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करता है, जहाँ श्रद्धालु देवी कामाख्या की पूजा-अर्चना में भाग लेते हैं और तांत्रिक साधना की गहराईयों को समझने का अवसर पाते हैं।
अम्बुबाची मेला 2025 की तिथियाँ
अम्बुबाची मेला 2025 में 22 जून से 26 जून तक आयोजित होगा। 22 जून को दोपहर 2:56 बजे मंदिर के पट बंद होंगे और 26 जून को सुबह विशेष पूजा के बाद पुनः खोल दिए जाएंगे। इस दौरान मंदिर में कोई भी श्रद्धालु प्रवेश नहीं कर पाएंगे। मेला के पहले दो दिनों में विशेष तांत्रिक अनुष्ठान और साधना की जाती है, जबकि अंतिम दो दिनों में श्रद्धालुओं के लिए विशेष दर्शन और प्रसाद वितरण होता है।
कामाख्या देवी मंदिर का महत्व
कामाख्या मंदिर भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है और यह देवी सती के योनिद्वार (गुप्तांग) के गिरने से जुड़ी पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है। यह मंदिर तांत्रिक साधना और शाक्त परंपराओं का प्रमुख केंद्र है।
कैसे पहुंचे अम्बुबाची मेला तक
कामाख्या देवी पहुंचने के लिए गुवाहाटी रेलवे स्टेशन या लोकप्रिया गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से मंदिर तक पहुंचने के लिए टैक्सी या ऑटो का उपयोग करें। पांडु क्षेत्र से एक वैकल्पिक मार्ग खोला गया है, जो ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे से होकर मंदिर तक जाता है। यह मार्ग विशेष रूप से पैदल यात्रियों के लिए खोला गया है।
संबंधित अन्य नाम | कामाख्या महायोग, तांत्रिक प्रजनन महोत्सव, अमेटी |
कारण | Maa Kamakhya |
उत्सव विधि | Bhajan Kirtan, Tableau, Aarti, Mela |
Updated: Jun 11, 2025 14:06 PM