💰 धनतेरस - Dhanteras

Dhanteras Date: Tuesday, 29 October 2024

कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन भगवान धन्वन्तरि का जन्म हुआ था, इसलिए इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। भारत सरकार ने धनतेरस को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। धन्वन्तरि देवताओं के चिकित्सक हैं और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं, इसलिए चिकित्सकों के लिए धनतेरस का दिन बहुत ही महत्व पूर्ण होता है।

हिंदू वैष्णव सम्प्रदाय श्री धनवन्तरी को भगवान विष्णु का 17वें अवतार तथा देवों के वैध व प्राचीन उपचार पद्दति आयुर्वेद के जनक मानते हैं। भगवान धनवन्तरि अमृत कलश के साथ सागर मंथन से उत्पन्न हुए हैं।

जैन आगम में धनतेरस को धन्य तेरस या ध्यान तेरस भी कहते हैं, भगवान महावीर इस दिन तीसरे और चौथे ध्यान में जाने के लिये योग निरोध के लिये चले गये थे और तीन दिन के ध्यान के बाद योग निरोध करते हुए दीपावली के दिन निर्वाण को प्राप्त हुए तभी से यह दिन धन्य तेरस के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

धनतेरस के दिन की पूजा विधि
❀ धनतेरस के दिन शाम के वक्त शुभ मुहूर्त में उत्तर की ओर कुबेर और धन्वंतरि की स्थापना करें।
❀ साथ ही मां लक्ष्मी, गणेश की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। इसके बाद दीप जलाकर पूजा करें।
❀ तिलक करने के बाद पुष्प, फल आदि का भोग लगाएं।
❀ कुबेर देवता को सफेद मिठाई और धन्वंतरि देव को पीली मिठाई का भोग लगाएं।
❀ पूजा के दौरान 'ऊँ ह्रीं कुबेराय नमः' इस मंत्र का जाप करते रहें।
❀ भगवान धन्वंतरि को प्रसन्न करने के लिए इस दिन धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
❀ धनतेरस के दिन से दिवाली मनाई जाती है और देवी लक्ष्मी के स्वागत की तैयारी की जाती है। लक्ष्मी के चरणों की निशानी के रूप में रंगोली से लेकर घर के अंदर तक छोटे-छोटे पैरों के निशान बनाए जाते हैं। शाम को 13 दीये जलाकर लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन लक्ष्मी पूजा से समृद्धि, सुख और सफलता मिलती है।

संबंधित अन्य नामधनत्रयोदशी, धन्वन्तरि त्रयोदशी, धन्वन्तरि जयन्ती, धन्य तेरस, ध्यान तेरस
शुरुआत तिथिकार्तिक कृष्ण त्रयोदशी
Read in English - Dhanteras
Bhagwan Dhanwantari was born, hence this date is known as Dhanteras or Dhantrayodashi. Dhanteras is also called Dhanya Teras or Dhyan Teras in Jain Agamas.

धनतेरस मुहूर्त 2023

धनतेरस पूजा शुक्रवार, 10 नवम्बर 2023 को की जाएगी।
धनतेरस पूजा मुहूर्त - 5:47pm से 7:43pm

प्रदोष काल - 5:30pm से 8:08pm

कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि : 10 नवम्बर 2023, 12:35pm - 11 नवम्बर 2023, 1:57pm

धनतेरस के दिन क्या करें?

❀ धन्वन्तरी जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथो में अमृत से भरा कलश था। भगवान धन्वन्तरि कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है।
❀ कहीं-कहीं लोकमान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि इस दिन धन (वस्तु) खरीदने से उसमें 13 गुणा वृद्धि होती है।
❀ इस अवसर पर धनिया के बीज खरीद कर भी लोग घर में रखते हैं। दीपावली के बाद इन बीजों को लोग अपने बाग-बगीचों में या खेतों में बोते हैं।
❀ धनतेरस के दिन कुबेर धन के देवता कुबेर का तिजोरी में पूजन करें।
❀ दीपावली की रात भी लक्ष्मी माता के सामने साबुत धनिया रखकर पूजा करें। अगले दिन प्रातः साबुत धनिया को गमले में या बाग में बिखेर दें। माना जाता है कि साबुत धनिया से हरा भरा स्वस्थ पौधा निकल आता है तो आर्थिक स्थिति उत्तम होती है।
❀ धनतेरस के दौरान लक्ष्मी पूजा को प्रदोष काल के दौरान किया जाना चाहिए जो कि सूर्यास्त के बाद प्रारम्भ होता है और लगभग 2 घण्टे 24 मिनट तक रहता है। प्रदोषकाल में दीपदान व लक्ष्मी पूजन करना शुभ रहता है।

धनतेरस के दिन का महत्व

मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से घर में धन की कमी नहीं होती है। इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है। इसके ठीक दो दिन बाद दिवाली मनाई जाती है। 'धन' का अर्थ है समृद्धि और 'तेरस' का अर्थ है तेरहवां दिन।' दक्षिण भारत में इस दिन गायों को सजाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। गायों को लक्ष्मी का अवतार माना जाता है।

जो प्राणी कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी की रात यमराज के नाम से पूजा करता है और दक्षिण दिशा में दीपमाला के दर्शन करता है, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं होता है। यही कारण है कि लोग इस दिन घर के बाहर दक्षिण दिशा में दीपक रखते हैं।

संबंधित जानकारियाँ

भविष्य के त्यौहार
18 October 20256 November 202627 October 2027
आवृत्ति
वार्षिक
समय
1 दिन
शुरुआत तिथि
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी
महीना
अक्टूबर / नवंबर
पिछले त्यौहार
10 November 2023, 22 October 2022, 2 November 2021

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Updated: Nov 09, 2023 22:55 PM

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