✨ज्येष्ठ माह 2025 - Jyeshtha Maas 2025

Jyestha Maas Date: Saturday, 2 May 2026

पारंपरिक हिंदू कैलेंडर में ज्योष्ठ माह वर्ष का तीसरा महीना होता है। बंगाल में यह बंगाली कैलेंडर का दूसरा महीना है। तमिल में, महीने को आनी के नाम से जाना जाता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में ज्येष्ठ सूर्य के वृष राशि में प्रवेश के साथ शुरू होता है, और वैष्णव शास्त्र के अनुसार यह वर्ष का दूसरा महीना होता है। परंपरागत रूप से, ज्येष्ठ उच्च गर्मी से जुड़ा हुआ है, और ग्रेगोरियन कैलेंडर में मई-जून से मेल खाता है। इस महीने में सूर्य देवका प्रकोप बढ़ जाता है, चीजों का दान करने से सूर्य देव प्रसन्‍न होकर शुभ फल देते हैं।

ज्योष्ठ माह की विशेषता
ज्ज्‍येष्‍ठ महीने में रविवार का व्रत रखने का बहुत महत्‍व है, ऐसा करने से सूर्य देव की विशेष कृपा होती है। उनकी कृपा जीवन में अपार तरक्‍की, अच्‍छी सेहत, खूब मान-सम्‍मान और आत्‍मविश्‍वास देती है। इसके अलावा भी इस महीनों को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना चाहिए। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है और खूब पुण्‍य मिलता है।

❀ ज्‍येष्‍ठ महीने में जल का दान करने का बहुत महत्‍व है। इस महीने में तेज धूप पड़ती है, साथ ही जमीन में जल स्‍तर नीचे गिर जाता है। लिहाजा इंसानों, पशु-पक्षियों के लिए पीने के पानी का इंतजाम करें। साथ ही पेड़-पौधों को पानी दें। इससे सूर्य देव और वरुण देव प्रसन्‍न होते हैं।

❀ इस महीने में पानी से भरे घड़ों का दान करना बहुत पुण्‍यदायी माना गया है। संभव हो तो प्‍याऊ खुलवाएं या जहां प्‍याऊ हो वहां मटके दान करें।

ज्योष्ठ माह मंगलवार, 13 मई से आरम्भ हो रहा है और 11 जून 2025 को समाप्त हो रहा है

ज्योष्ठ माह 2025 व्रत और पर्वों की सूची
13 मई मंगलवार, 2025 - नारद जयंती, इष्टि
15 मई बृहस्पतिवार, 2025 - वृषभ संक्रान्ति
16 मई शुक्रवार, 2025 - एकदन्त संकष्टी चतुर्थी
23 मई शुक्रवार, 2025 - अपरा एकादशी
24 मई शनिवार, 2025 - प्रदोष व्रत
26 मई सोमवार, 2025 - वट सावित्री व्रत, दर्श अमावस्या, अन्वाधान
27 मई मंगलवार, 2025 - शनि जयंती, इष्टि, ज्येष्ठ अमावस्या
28 मई बुधवार, 2025 - चन्द्र दर्शन
5 जून बृहस्पतिवार, 2025 - गंगा दशहरा
6 जून शुक्रवार, 2025 - गायत्री जयंती, निर्जला एकादशी
7 जून शनिवार, 2024 - वैष्णव निर्जला एकादशी
8 जून रविवार, 2025 - प्रदोष व्रत
10 जून मंगलवार, 2025 - वट पूर्णिमा व्रत
11 जून बुधवार, 2025 - ज्येष्ठ पूर्णिमा, अन्वाधान

मंत्र
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
श्री हरि स्तोत्रम्
विष्णु सहस्र नाम

उत्सव विधिमंदिर में प्रार्थना, व्रत, घर में पूजा
Read in English - Jyeshtha Maas 2025
Jyeshtha month is the third month of the year in the traditional Hindu calendar. In Bengal it is the second month of the Bengali calendar. In Tamil, the month is known as Aani.

ज्येष्ठ माह में कौनसे भगवान की पूजा करनी चाहिए?

ज्येष्ठ माह में जेठ माह के में सूर्य देव के इस मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए, मंत्र – ऊँ घृणिः सूर्याय नमः। इस महीने भगवान हनुमान की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है क्योंकि कहते हैं कि ज्येष्ठ के महीने में ही हनुमान जी की मुलाकात भगवान श्रीराम से हुई थी।

ज्येष्ठ माह में दान पुण्य के महत्व?

ज्येष्ठ माह में दान को पुण्य के समान माना जाता है। ऐसे में राहगीरों को जल का दान करें, इससे देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और बच्चों का आशीर्वाद मिलता है।

हिंदू परंपरा में ज्येष्ठ अमावस्या कैसे मनाई जाती है?

हिंदू परंपरा में, ज्येष्ठ अमावस्या को पूर्वजों के सम्मान में पितृ तर्पण करके, पवित्र नदियों में पवित्र स्नान करके, दान देकर, उपवास करके और सामुदायिक समारोहों और सांस्कृतिक उत्सवों में भाग लेकर मनाया जाता है।

ज्येष्ठ माह में शादी करनी चाहिए?

ज्येष्ठ माह में बड़े पुत्र या पुत्री की शादी नहीं करनी चाहिए। अगर विवाह करते हैं, तो जातक पर अशुभ प्रभाव पड़ता है।

संबंधित जानकारियाँ

भविष्य के त्यौहार
आवृत्ति
वार्षिक
समय
30 दिन
महीना
मई / जून
मंत्र
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
उत्सव विधि
मंदिर में प्रार्थना, व्रत, घर में पूजा
पिछले त्यौहार
11 June 2025, 13 May 2025

Updated: May 14, 2025 16:17 PM

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