शारदीय नवरात्रि का तृतीया दिन देवी पार्वती के माँ चंद्रघंटा रूप को समर्पित है, यही तृतीया दिवस सिंदूर तृतीया पर्व के नाम से प्रसिद्ध है। हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन शुक्ला तृतीया तिथि को सिंदूर तृतीया मनायी जाती है।
सिंदूर को सुहाग की निशानी माना जाता है। विवाहित होकर भी सिंदूर न लगाना अशुभ माना जाता है। सिंदूर तृतीया के दिन माता रानी को सिंदूर चढ़ाने से सुहागिन स्त्रियों के सौभाग्य में वृद्धि होती है। सिंदूर को देवी पूजा की विशेष सामग्रियों मे शामिल किया जाता है।
संबंधित अन्य नाम | महा तृतीया, सौभाग्य तीज, गौरी तीज |
शुरुआत तिथि | आश्विन शुक्ला तृतीया |
Updated: Sep 17, 2025 12:10 PM