छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती, हर साल 19 फरवरी को मनाई जाती है। छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती को शिव जयंती भी कहा जाता है। यह दिन पूरे महाराष्ट्र और भारत के विभिन्न मराठा भाषी समुदायों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती का इतिहास
❀ मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी का जन्म वर्तमान महाराष्ट्र के जुन्नार जिले के शिवनेरी किले में हुआ था।
❀ शिवाजी महाराज का नाम शिवाजी भोसले था और वह भोंसले मराठा वंश के सदस्य थे। उनका जन्म 1630 में हिंदू कैलेंडर फाल्गुन के कृष्ण पक्ष 3 के अनुसार मराठी शालिवाहन पर शिवनेरी किले में हुआ था। उन्हें सबसे महान मराठा शासकों में से एक माना जाता है, जिन्होंने बीजापुर के आदिलशाही सल्तनत से एक क्षेत्र बनाया, जिसने मराठा साम्राज्य की शुरुआत को चिह्नित किया।
❀ शिवाजी अपनी माँ जीजाबाई के प्रति समर्पित थे, जो बहुत धार्मिक और साहसी महिला थीं। वह भव (भगवान शिव) के साथ-साथ भवानी (देवी पार्वती/दुर्गा) के भी परम भक्त हैं।
❀ ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार, 16 साल की उम्र में शिवाजी महाराज ने तोरणा किले पर कब्ज़ा कर लिया था, जबकि एक साल बाद रायगढ़ और कोंडाना किलों पर कब्ज़ा कर लिया गया था। उन्हें हिंदवी स्वराज्य की पुनः स्थापना करने के लिए भी जाना जाता है।
❀ एक कुशल रणनीतिकार के रूप में जाने जाने वाले छत्रपति शिवाजी ने मुगलों के खिलाफ कई युद्ध जीते और मराठा साम्राज्य का निर्माण किया। 1674 में, उन्हें औपचारिक रूप से 'छत्रपति' या सम्राट के रूप में ताज पहनाया गया।
छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती कैसे मनाई जाती है
❀ शिवाजी जयंती एक महाराष्ट्रीयन त्योहार है जिसे पूरे राज्य में बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है।
❀ शिवाजी महाराज को उनकी वीरता के लिए याद किया जाता है, इस दिन लोग देश के लिए लड़ने के लिए उनका सम्मान करते हैं। इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों और नाटकों के माध्यम से मराठों की सांस्कृतिक विरासत को उजागर किया जाता है।
❀ कई जुलूस निकाले जाते हैं जहां लोगों को शिवाजी और उनके अधीनस्थों की पोशाक में देखा जाता है। इसे महाराष्ट्र के लोगों के लिए गौरव और सम्मान का दिन माना जाता है। महाराष्ट्र के अलावा शिवाजी का जन्मदिन गोवा और कर्नाटक में भी मनाया जाता है।
संबंधित अन्य नाम | शिव जयंती |
कारण | Chhatrapati Shivaji Maharaj |
उत्सव विधि | झाँकी, नाटक |
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