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📜संस्कृत दिवस - Sanskrit Diwas

Sanskrit Diwas Date: Saturday, 9 August 2025
Sanskrit Diwas

भारत में हर साल श्रावणी पूर्णिमा के शुभ अवसर को संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जाता है। हमारी संस्कृति में संस्कृत भाषा के प्राचीनतम भाषा होने की वजह से यह दिन मनाया जाता है। संस्कृत लगभग सभी वेदों और पुराणों की भाषा है। इसलिए लोगों में संस्कृत भाषा के प्रति सम्मान है। हमारे धार्मिक ग्रंथों और मन्त्रों का वर्णन अधिकतर इसी भाषा में मिलता है। संस्कृत दिवस अपने आप में बहुत अनूठा है, क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी अन्य प्राचीन भाषा में इस तरह से उत्सव नहीं मनाया जाता है।

संस्कृत दिवस क्यों मनाया जाता है?
इस दिन को मनाने का उद्देश्य यह है कि भारतीय धार्मिक संस्कृति द्वारा संस्कृत को 'देव भाषा' का दर्जा दिया गया है, फिर भी यह भाषा अब अपना अस्तित्व खोती जा रही है। अब भारत में भी विदेशी भाषाओं और अंग्रेजी के बढ़ते महत्व के कारण संस्कृत पढ़ने, लिखने और समझने वालों की संख्या दिन-ब-दिन कम होती जा रही है। इसलिए, संस्कृत दिवस और संस्कृत सप्ताह भारतीय समुदाय या समाज को संस्कृत के महत्व और आवश्यकता को याद दिलाने और जन मानस में इसके महत्व को बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।

संस्कृत दिवस कैसे मनाया जाता है?
इस दिन श्रावणी पूर्णिमा या रक्षाबंधन पर ऋषि-मुनियों का स्मरण और पूजन कर समर्पण का भाव रखा जाता है और हमारे ऋषि-मुनि संस्कृत साहित्य के मूल स्रोत हैं, इसलिए श्रावणी पूर्णिमा को संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जाता है और इसे ऋषि पर्व के रूप में भी मनाया जाता है।

इस दिन भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के आदेश से वर्ष 1969 में केन्द्रीय एवं राज्य स्तर पर संस्कृत दिवस मनाने का निर्देश जारी किया गया था। तभी से श्रावण की पूर्णिमा के दिन पूरे भारत में संस्कृत दिवस मनाया जाता है। इसके लिए श्रावण पूर्णिमा के दिन को चुनने का कारण यह है कि हमारे प्राचीन भारत में इस दिन से ही शिक्षण सत्र और वेद पाठ शुरू हुआ था और छात्र भी इसी दिन से शास्त्रों का अध्ययन करने लगे थे। संस्कृत दिवस और संस्कृत सप्ताह मनाने का मूल उद्देश्य संस्कृत भाषा का प्रचार-प्रसार करना है।

संबंधित अन्य नामसंस्कृत दिवस, ऋषि पर्व
शुरुआत तिथिश्रावण पूर्णिमा
कारणसंस्कृत दिवस
उत्सव विधिभजन कीर्तन

Sanskrit Diwas in English

Every year in India, the auspicious occasion of Shravani Purnima is celebrated as Sanskrit Day. This day is celebrated because of the Sanskrit language being the oldest language in our culture.

संस्कृत के कुछ अद्भुत चमत्कार

एकाक्षरी श्लोक - महाकवि माघ ने अपने महाकाव्य शिशुपाल वध में एकाक्षरी श्लोक दिया है।

दाददो दुद्ददुद्दादी दाददो दूददीददोः ।
दुद्दादं दददे दुद्दे दादाददददोऽददः ॥ १४४
अर्थ - वरदाता, दुष्टनाशक, शुद्धक, आततायियों के अंतक क्षेत्रों पर पीड़क शर का संधान करें।
अर्थात् - श्री कृष्ण जो सब वरदान देने वाले हैं, दुष्ट मानस के लिए श्राप के समान है, जो शुद्ध करनेवाले हैं, जिनके हाथ अन्य लोगो को पीड़ा देनेवाले दुष्टों का विनाश कर सकते हैं, उन्होंने पीड़ादायक बाण शत्रु की और साधा।

संबंधित जानकारियाँ

भविष्य के त्यौहार
28 August 202617 August 20275 August 202824 August 2029
आवृत्ति
वार्षिक
समय
1 दिन
शुरुआत तिथि
श्रावण पूर्णिमा
महीना
जुलाई - अगस्त
कारण
संस्कृत दिवस
उत्सव विधि
भजन कीर्तन
पिछले त्यौहार
19 August 2024, 31 August 2023
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