बरेली में बाबा मढ़ीनाथ जी मंदिर जिसे मढ़ीनाथ नाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। श्री बाबा मढ़ीनाथ जी मंदिर, उत्तर प्रदेश के पश्चिमी बरेली के मढ़ीनाथ क्षेत्र में स्थित है। बाबा मढ़ीनाथ जी मंदिर, बरेली के प्रसिद्ध \"सप्तनाथ\" - सात नाथ मंदिरों में से एक है, जिसने शहर को नाथ नगरी (नाथ मंदिरों का शहर) के रूप में आध्यात्मिक प्रतिष्ठा दिलाई है। भक्त इस मंदिर को मनोकामना पूर्ति और संतान प्राप्ति मंदिर कहते हैं।
मढ़ीनाथ मंदिर की वास्तुकला और इतिहास
एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक ऋषि यात्रियों की मदद के लिए कुआँ खोद रहे थे, तभी अचानक धरती से एक शिवलिंग प्रकट हुआ, जिसके चारों ओर एक \"मणिधारी\" (रत्नधारी) नाग लिपटा हुआ था। शिवलिंग की रक्षा करने वाले नाग की उपस्थिति के कारण ही इस मंदिर का नाम \"मढ़ीनाथ\" पड़ा।
माना जाता है कि यह मंदिर कई सदियों पुराना है—कुछ स्रोतों के अनुसार यह लगभग 800 वर्ष पुराना है, जबकि अन्य परंपराएँ इसे प्राचीन पांडव काल (लगभग 5,000 वर्ष) से जोड़ती हैं। एक अनोखी मान्यता के अनुसार, जब शिवलिंग प्रकट हुआ, तो उसमें से दूध बह रहा था। 1960 के दशक में एक गर्भवती महिला द्वारा शिवलिंग को छूने के बाद यह घटना बंद हो गई।
मढ़ीनाथ मंदिर के खुलने का समय
मढ़ीनाथ मंदिर प्रतिदिन सुबह लगभग 4:00 बजे से रात लगभग 10:00 बजे तक खुला रहता है। प्रवेश निःशुल्क है, और सावन के सोमवार/बुधवार और शिवरात्रि के दौरान यहाँ विशेष भीड़ रहती है, जब भक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं।
मढ़ीनाथ मंदिर के प्रमुख उत्सव
मढ़ीनाथ मंदिर में सावन सोमवार और शिवरात्रि के दौरान विशेष अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं। सावन के दौरान, मंदिर में भारी भीड़ उमड़ती है; दर्शनार्थी अक्सर अनुष्ठान के दौरान सर्प के साथ रहस्यमय मुठभेड़, अचानक प्रकाश का प्रकट होना या सर्प द्वारा गिराई गई \"मणि\" के अनुभव साझा करते हैं।
मढ़ीनाथ मंदिर कैसे पहुँचें
मढ़ीनाथ मंदिर मंदिर बरेली शहर के पश्चिमी भाग में मढ़ीनाथ इलाके में स्थित है। यहाँ सड़क मार्ग से पहुँचा जा सकता है, और यह शहर के बाकी हिस्सों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। बरेली जंक्शन निकटतम प्रमुख रेलवे स्टेशन है जो लगभग 2.3 किमी दूर है। वहां से आप स्थानीय ऑटो-रिक्शा या टैक्सी लेकर मढ़ीनाथ रोड तक जा सकते हैं।
4 AM - 10 PM
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