Shri Krishna Bhajan
गूगल पर भक्ति भारत को अपना प्रीफ़र्ड सोर्स बनाएँ

कुछ लोग ही कृष्ण की ओर बढ़ते हैं - प्रेरक कहानी (Kuch Log Hi Krashna Ki Aur Badhate Hain)


कुछ लोग ही कृष्ण की ओर बढ़ते हैं - प्रेरक कहानी
Add To Favorites Change Font Size
छोटी छोटी बातों से भी बड़ी बड़ी शिक्षा कैसे दी जाय यह कोई श्री प्रभुपाद जी से सीखे। श्री प्रभुपाद जी अपने कुछ शिष्यों के साथ एक पार्क में गए, पार्क में घूमने के पश्चात वह अपने शिष्यों के साथ बेंच में बैठ गए, पास ही एक तालाब था जिसमें सुंदर बतखें तैर रही थीं। शिष्य साथ में कुछ खाने पीने की वस्तुएं भी लाये थे एवम वह लोग आपस में लाई गई खाद्य सामग्री वितरित करने लगे।
भोजन की गंध पाने पर तालाब से पांच छह बतखें उनके पास आकर पुकारने लगी क्वेक, क्वेक प्रभुपाद ने बड़े स्नेह से उन बतखों को भोजन दिया, देखा देखी अन्य शिष्यों ने भी उन बतखों को भोजन दिया।

प्रभुपाद मुस्कुराये ओर अपने शिष्यों से बोले-देखो तालाब में सैंकड़ों बतखें हैं, किंतु उनमें से केवल यह पांच छह बतखें आकर हमसे प्रार्थना कर रही हैं एवम उन्हें इसका फल भी प्राप्त हुआ, ठीक इसी प्रकार संसार में असंख्य मनुष्य हैं किंतु कुछ-कुछ लोग ही कृष्ण की ओर बढ़ते हैं एवम कृष्ण उन्हें इसका प्रतिउत्तर भी देते हैं जिस प्रकार हमने इन बतखों को दिया।
यह भी जानें

Prerak-kahani Shri Krishna Prerak-kahaniKrishna Prerak-kahaniIskcon Prerak-kahaniPrabhupad Ji Prerak-kahaniPrabhu Ji Prerak-kahaniHare Krishna Prerak-kahaniGaudiya Prerak-kahaniBatakh Prerak-kahaniDuck Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

Latest Prerak-kahani ›

भक्ति का प्रथम मार्ग है, सरलता - प्रेरक कहानी

प्रभु बोले भक्त की इच्छा है पूरी तो करनी पड़ेगी। चलो लग जाओ काम से। लक्ष्मण जी ने लकड़ी उठाई, माता सीता आटा सानने लगीं। आज एकादशी है...

एक दिन का पुण्य ही क्यूँ? - प्रेरक कहानी

तुम्हारे बाप के नौकर बैठे हैं क्या हम यहां, पहले पैसे, अब पानी, थोड़ी देर में रोटी मांगेगा, चल भाग यहाँ से।

बुढ़िया माई को मुक्ति दी - तुलसी माता की कहानी

कार्तिक महीने में एक बुढ़िया माई तुलसीजी को सींचती और कहती कि: हे तुलसी माता! सत की दाता मैं तेरा बिडला सीचती हूँ..

स्वर्ग, नरक सब अपने हाथ में ही है - प्रेरक कहानी

एक बुजुर्ग महिला की मृत्यु हो गई, यमराज उसे लेने आये। महिला ने यमराज से पूछा: आप मुझे स्वर्ग ले जाएँगे या नरक।

रमणीय टटिया स्थान, वृंदावन - प्रेरक कहानी

स्थान: श्री रंग जी मंदिर के दाहिने हाथ यमुना जी के जाने वाली पक्की सड़क के आखिर में ही यह रमणीय टटिया स्थान है। विशाल भूखंड पर फैला हुआ है...

कर भला तो हो भला - प्रेरक कहानी

गुप्ता जी, पेशे से व्यापारी थे। कस्बे से दुकान की दूरी महज़ 9 किलोमीटर थी। एकदम वीराने में थी उनकी दुकान कस्बे से वहाँ तक पहुंचने का साधन यदा कदा ही मिलता था

बिना श्रद्धा और विश्वास के, गंगा स्नान - प्रेरक कहानी

इसी दृष्टांत के अनुसार जो लोग बिना श्रद्धा और विश्वास के केवल दंभ के लिए गंगा स्नान करते हैं उन्हें वास्तविक फल नहीं मिलता परंतु इसका यह मतलब नहीं कि गंगा स्नान व्यर्थ जाता है।

Shiv Chalisa - Shiv Chalisa
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP