Shri Krishna Bhajan

सतगुरु की कृपा से कैसे चोर राजा बना - प्रेरक कहानी (Satguru Ki Ek Baat Manane Se Chor Kaise Raja Bana)


Add To Favorites Change Font Size
एक बार एक चोर ने गुरु से नाम ले लिया, और बोला गुरु जी चोरी तो मेरा काम है ये तो नहीं छूटेगी मेरे से अब गुरु जी बोले ठीक है मैं तुझे एक दूसरा काम देता हुँ, वो निभा लेना बोले पराई इस्त्री को माता बहन समझना चोर बोला ठीक है जी ये मैं निभा लूंगा।
एक राजा के कोई संतान नहीं थी तो उसने अपनी रानी को दुहागण कर रखा था 10-12 साल से बगल मे ही एक घर दे रखा उसमे रहती और साथ ही सिपाहियों को निगरानी रखने के लिए बोल दिया।

उसी चोर का उस रानी के घर मे जाना हुआ रानी ने देखा के चोर आया है।

उधर सिपाहियों ने भी देख लिया के कोई आदमी गया है रानी के पास तो राजा को बताया राजा बोला मैं छुप-छुप के देखूंगा
अब राजा छुप छुप के देखने लगा।

रानी बोली चोर को कि तुम किस पे आये हो चोर बोला ऊंट पे तो रानी बोली की तुम्हारे पास जितने भी ऊंट हैं मैं सबको सोने चांदी से भरवां दूंगी बस मेरी इच्छा पुरी कर दो।

तो चोर को अपने गुरु का पर्ण याद आ गया बोला नहीं जी आप तो मेरी माता हो जो पुत्र के लायक वाली इच्छा हो तो बताओ और दूसरी इच्छा मेरे बस की नहीं है।

राजा ने सोचा वाह चोर होके इतना ईमानदार राजा ने उसको पकड़ लिया और महल ले गया बोला म तेरी ईमानदारी से खुश हुँ तू वर मांग
चोर बोला जी आप दोगे पक्का वादा करो राजा बोला हाँ मांग
चोर बोला मेरी मा को जिसको आपने दुहागण कर रखा है उसको फिर से सुहागन कर दो

राजा बड़ा खुश हुआ उसने रानी को बुलाया और बोला रानी मने तुझे भी बड़ा दुख दिया है तू भी मांग ले कुछ भी आज तो
रानी बोली के पक्का वादा करो दयोगे और मोहर मार के लिख के दो के जो मांगूंगी वो दयोगे।
राजा ने लिख के मोहर मार दी।
रानी बोली राजा हमारे कोई औलाद नहीं है इस चोर को ही अपना बेटा मान लो और राजा बना दो।

अब सतसंगियों गुरु के एक वचन की पालना से राज दिला दिया।

अगर हमारा विस्वाश है तो दुनिया की कोई ताक़त नहीं जो हमें डिगा दे सतगुरु का खुटा अपने सिर पर रखो।
यह भी जानें

Prerak-kahani Guru Prerak-kahaniChor Prerak-kahaniRaja Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

Latest Prerak-kahani ›

जब चंद देव ने लगाया गुरु रामदास को गले - सत्य कथा

जब गुरु नानक देव जी के वृद्ध पुत्र एवं 'उदासी' संप्रदाय के संस्थापक बाबा श्री चंद जी सिख संप्रदाय के चतुर्थ गुरु रामदास जी से मिलने आए ...

प्रतिदिन बदलते लक्ष्य - प्रेरक कहानी

एक लड़के ने एक बार एक बहुत ही धनवान व्यक्ति को देखकर धनवान बनने का निश्चय किया। वह धन कमाने के लिए कई दिनों तक मेहनत कर धन कमाने के पीछे पड़ा

सबसे समर्थ और सच्चा साथी कौन?

एक छोटे से गाँव मे श्रीधर नाम का एक व्यक्ति रहता था, स्वभाव से थोड़ा कमजोर और डरपोक किस्म का इंसान था।..

देह दानी राजा शिवि महाराज - प्रेरक कहानी

शिवि की धर्मपरायणता, उदारता, दयालुता एवं परोपकार की ख्याति स्वर्गलोक में भी पहुंच गई थी। इन्द्र और अग्निदेव शिवि की प्रशंसा सुनने के बाद उनकी परीक्षा की योजना बनायी

जो मिला है उसकी महत्ता को समझें - प्रेरक कहानी

ज्ञानचक्षुओं के अभाव में हम सब भी भगवान के अपार दान को देखकर यह समझ नहीं पाते और हमेशा यही कहते रहते हैं कि हमारे पास कुछ नहीं है, हमें कुछ नहीं मिला, हम साधनहीन हैं।

सुकर्म का फल सूद सहित मिलता है - प्रेरक कहानी

इंसान यदि सुकर्म करे तो उसका फल सूद सहित मिलता है, और दुष्कर्म करे तो सूद सहित भोगना पड़ता है।

मुश्किल में पड़े व्यक्ति की मदद के बदले क्या लें? - प्रेरक कहानी

अस्पताल में एक एक्सीडेंट का केस आया। अस्पताल के मालिक डॉक्टर ने तत्काल खुद जाकर आईसीयू में केस की जांच की। दो-तीन घंटे के ओपरेशन के बाद डॉक्टर बाहर आया..

Om Jai Jagdish Hare Aarti - Om Jai Jagdish Hare Aarti
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP