Shri Hanuman Bhajan

सतगुरु की कृपा से कैसे चोर राजा बना - प्रेरक कहानी (Satguru Ki Ek Baat Manane Se Chor Kaise Raja Bana)


Add To Favorites Change Font Size
एक बार एक चोर ने गुरु से नाम ले लिया, और बोला गुरु जी चोरी तो मेरा काम है ये तो नहीं छूटेगी मेरे से अब गुरु जी बोले ठीक है मैं तुझे एक दूसरा काम देता हुँ, वो निभा लेना बोले पराई इस्त्री को माता बहन समझना चोर बोला ठीक है जी ये मैं निभा लूंगा।
एक राजा के कोई संतान नहीं थी तो उसने अपनी रानी को दुहागण कर रखा था 10-12 साल से बगल मे ही एक घर दे रखा उसमे रहती और साथ ही सिपाहियों को निगरानी रखने के लिए बोल दिया।

उसी चोर का उस रानी के घर मे जाना हुआ रानी ने देखा के चोर आया है।

उधर सिपाहियों ने भी देख लिया के कोई आदमी गया है रानी के पास तो राजा को बताया राजा बोला मैं छुप-छुप के देखूंगा
अब राजा छुप छुप के देखने लगा।

रानी बोली चोर को कि तुम किस पे आये हो चोर बोला ऊंट पे तो रानी बोली की तुम्हारे पास जितने भी ऊंट हैं मैं सबको सोने चांदी से भरवां दूंगी बस मेरी इच्छा पुरी कर दो।

तो चोर को अपने गुरु का पर्ण याद आ गया बोला नहीं जी आप तो मेरी माता हो जो पुत्र के लायक वाली इच्छा हो तो बताओ और दूसरी इच्छा मेरे बस की नहीं है।

राजा ने सोचा वाह चोर होके इतना ईमानदार राजा ने उसको पकड़ लिया और महल ले गया बोला म तेरी ईमानदारी से खुश हुँ तू वर मांग
चोर बोला जी आप दोगे पक्का वादा करो राजा बोला हाँ मांग
चोर बोला मेरी मा को जिसको आपने दुहागण कर रखा है उसको फिर से सुहागन कर दो

राजा बड़ा खुश हुआ उसने रानी को बुलाया और बोला रानी मने तुझे भी बड़ा दुख दिया है तू भी मांग ले कुछ भी आज तो
रानी बोली के पक्का वादा करो दयोगे और मोहर मार के लिख के दो के जो मांगूंगी वो दयोगे।
राजा ने लिख के मोहर मार दी।
रानी बोली राजा हमारे कोई औलाद नहीं है इस चोर को ही अपना बेटा मान लो और राजा बना दो।

अब सतसंगियों गुरु के एक वचन की पालना से राज दिला दिया।

अगर हमारा विस्वाश है तो दुनिया की कोई ताक़त नहीं जो हमें डिगा दे सतगुरु का खुटा अपने सिर पर रखो।
यह भी जानें

Prerak-kahani Guru Prerak-kahaniChor Prerak-kahaniRaja Prerak-kahani

अगर आपको यह prerak-kahani पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस prerak-kahani को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

जरूरतमंदों की मदद ही सबसे बड़ी सेवा - प्रेरक कहानी

एक वैद्य गुरु गोविंद सिंह के दर्शन हेतु आनन्दपुर गया। वहाँ गुरुजी से मिलने पर उन्होंने कहा कि जाओ और जरूरतमंदों को सेवा करो।..

प्रेरक कहानी: वाह! किशोरी जी आपके नाम की कैसी अनंत महिमा है

वाह! किशोरी जी आपके नाम की कैसी अनंत महिमा है!! मुझ पर इतनी कृपा की या खुद श्रीमद्भागवत से इतना प्रेम करती हो कि रोज़ मुझ से श्लोक सुनने मे तुमको भी आनंद आता है।

छोटी सी गौरैया का श्रीकृष्ण पर विश्वास - प्रेरक कहानी

भगवन बोले: अपने घोंसले में तीन सप्ताह के लिए भोजन का संग्रह करो। आइये हम भी तब तक इस घंटी के नीचे विश्राम करे जब तक ये हमारे लिए उठाई ना जाये...

सेवभाव में स्नेह के आँसू - प्रेरक कहानी

सब्जी वाले ने तीसरी मंजिल की घंटी का बटन दबाया। ऊपर बालकनी का दरवाजा खोलकर बाहर आई महिला ने नीचे देखा।

सच्चे गुरु के बिना बंधन नहीं छूटता - प्रेरक कहानी

एक पंडित रोज रानी के पास कथा करता था। कथा के अंत में सबको कहता कि राम कहे तो बंधन टूटे। तभी पिंजरे में बंद तोता बोलता, यूं मत कहो रे पंडित झूठे।

गुरु नानक जी के आशीर्वाद का रहस्य - प्रेरक कहानी

एक बार गुरु नानक देव जी अपने शिष्यों के साथ एक ऐसे गांव में पहुंचे जहां के लोग साधु-संन्यासी लोगों को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते थे...

ऐसे ही होने चाहिए गुरु - प्रेरक कहानी

वह उनके चरण स्पर्श कर अपना परिचय देता है। वे बड़े प्यार से पुछती है, अरे वाह, आप मेरे विद्यार्थी रहे है, अभी क्या करते हो, क्या बन गए हो?

Hanuman Chalisa - Hanuman Chalisa
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP