अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे: भजन (Agar Nath Dekhoge Avgun Humare)


अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥
हमारे लिए क्यों देर किए हो,
हमारे लिए क्यों देर किए हो,
गणिका अजामिल को पल में उबारे,
गणिका अजामिल को पल में उबारे,
अगर नाथ देखोंगे अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥

पतितो को पावन करते कृपानिधि,
पतितो को पावन करते कृपानिधि,
किए पाप है इस सुयश के सहारे,
किए पाप है इस सुयश के सहारे,
अगर नाथ देखोंगे अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥

माना अगम है अपावन कुटिल है,
माना अगम है अपावन कुटिल है,
सबकुछ है लेकिन प्रभु हम तुम्हारे,
सबकुछ है लेकिन प्रभु हम तुम्हारे,
अगर नाथ देखोंगे अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥

अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥
Agar Nath Dekhoge Avgun Humare - Read in English
Agar Nath Dekhoge Avgun Hamare, To Ham Kaise Bhav Se Lagenge Kinare ॥
Bhajan Prabhu BhajanVedic BhajanVed BhajanSchool BhajanCollage BhajanArya Samaj BhajanInspirational BhajanMorning BhajanDainik BhajanDaily BhajanDivya Chaturvedi BhajanShiva Chaturvedi Bhajan

अन्य प्रसिद्ध अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे: भजन वीडियो

राजेश्वरानंद जी महाराज

पूज्य राजन जी

Maithili Thakur, Rishav Thakur

Kumkum Sahu

अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

बजरंग बाण

निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥

हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन - भजन

हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन, सुन लो मेरी पुकार । पवनसुत विनती बारम्बार...

जगमग हुईं अयोध्या नगरी, सन्त करें गुणगान - भजन

जगमग हुई अयोध्या नगरी, रतन सिंहासन राम विराजें, आई घड़ी महान, धूमधाम से अवधपुरी में, हो मंदिर निर्माण, अँखियाँ तरस गई सदियों से, झूमे सकल जहान, जगमग हुईं अयोध्या नगरी, सन्त करें गुणगान ॥

अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना - भजन

अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना, तुम्हारी लाड़ली सीता हुई बेहाल कह देना ।

जब अयोध्या में जन्म, लिया राम ने: भजन

राजा दशरथ कौशल्या, के घर में ख़ुशी, जब अयोध्या में जन्म, लिया राम ने, चैत्र महीने की वो थी, सुहानी घडी,
चैत्र नवमी को जन्म, लिया राम ने, राजा दशरथ कौशल्या, के घर में ख़ुशी, जब अयोध्या मे जन्म, लिया राम ने ॥