छठ पूजा: कबहुँ ना छूटी छठि मइया (Kabahun Na Chhooti Chhath)


कबहुँ ना छूटी छठि मइया,
हमनी से बरत तोहार
हमनी से बरत तोहार तहरे भरोसा हमनी के,
छूटी नाही छठ के त्योहार
छूटी नाही छठ के त्योहार

अपने सरन में ही रखिह,
दिह आसिस हज़ार
दिह आसिस हज़ार

गोदिया भराईल छठी मइय्या,
बाटे राऊर किरपा अपार
बाटे राऊर किरपा अपार

चाहें रहब देसवा बिदेसवा,
छठ करब हम हर बार
छठ करब हम हर बार

डूबतो सुरुज के जे पूजे,
इहे बाटे हमर बिहार
इहे बाटे हमर बिहार

फलवा दउरवा सजाके,
अईनी हम घाट पे तोहार
अईनी हम घाट पे तोहार

दिहनी अरघ छठी मईया,
करीं हमर आरती स्वीकार
करीं हमर आरती स्वीकार

कबहुँ ना छूटी छठि मइया,
हमनी से बरत तोहार
हमनी से बरत तोहार

तहरे भरोसा हमनी के,
छूटी नाही छठ के त्योहार
छूटी नाही छठ के त्योहार
छूटी नाही छठ के त्योहार
छूटी नाही छठ के त्योहार
Kabahun Na Chhooti Chhath - Read in English
Chhath Puja: Kabahun Na Chhuti Chhathi Maiya, Hamani Se Barat Tohar
Bhajan Chhath Puja BhajanChhath BhajanChhath Mai BhajanChhath Maiya BhajanChhath Geet Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

मनोज मुंतशिर रचित भए प्रगट कृपाला दीनदयाला रीमिक्स

श्री राम जानकी कथा ज्ञान की, श्री रामायण का ज्ञान, भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौसल्या हितकारी । जुग-जुग से हमने पलक बिछायी, तुम्हरी राह बुहारी

स्वीकार हमें करले, हम दुखड़ो के मारे है - भजन

स्वीकार हमें करले, हम दुखड़ो के मारे है, तू कह दे कहाँ जाएं, बस तेरे सहारे है, स्वीकार हमे करले, हम दुखड़ो के मारे है ॥

बांके बिहारी की देख छटा - भजन

बांके बिहारी की देख छटा, मेरो मन है गयो लटा पटा। कब से खोजूं बनवारी को...

गोरी सुत गणराज पधारो: भजन

गोरी सुत गणराज पधारो, आके सारे काज सवारों, तुझको आना होगा, तुझको आना होगा ॥

गणपति पधारो ताता थैया करते: भजन

गणपति पधारो ताता थैया करते, ताता थैया करते, ठुमक ठुमक पग धरते, गणपति पधारो ताता थैया करते, आप के पधारने से बिगड़े काम संवरते, गणपति पधारो ताता थैया करते ॥