सोना सट कुनिया, हो दीनानाथ
हे घूमइछा संसार, हे घूमइछा संसार
सोना सट कुनिया, हो दीनानाथ
हे घूमइछा संसार, हे घूमइछा संसार
आन दिन उगइ छा हो दीनानाथ
आहे भोर भिनसार, आहे भोर भिनसार
आजू के दिनवा हो दीनानाथ
हे लागल एती बेर, हे लागल एती बेर
बाट में भेटिए गेल गे अबला
एकटा अन्हरा पुरुष, एकटा अन्हरा पुरुष
अंखिया दियेते गे अबला
हे लागल एती बेर, हे लागल एती बेर
बाट में भेटिए गेल गे अबला
एकटा बाझिनिया, एकटा बाझिनिया
बालक दियेते गे अबला
हे लागल एती बेर, हे लागल एती बेर
Bhajan Chhath Puja BhajanChhath BhajanChhath Mai BhajanChhath Maiya BhajanChhath Geet BhajanSharda Sinha Bhajan
Chhath Geet: Sona Satkuniya Ho Dinanaath - Maithili Thakur
** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें।