मूषक सवारी लेके, आना गणराजा: भजन (Mushak Sawari Leke Aana Ganraja)


मूषक सवारी लेके,
आना गणराजा,
रिद्धि सिद्धि को ले आना,
आके भोग लगाना,
मेरे आंगन में, आंगन में,
मुषक सवारी लेके,
आना गणराजा ॥
लाल सिंदूर का टिका लगा के,
पान और फूल चड़ाउ,
मोदक लडूवन से भर थाली,
तुम को भोग लगाउ,
देख तुम्हारी महिमा निराली,
गाउं बारम्बार हो,
कारज मेरे सब,
शुभ कर जाना,
रिद्धि सिद्धि को ले आना,
आके भोग लगाना,
मेरे आंगन में, आंगन में,
मुषक सवारी लेके,
आना गणराजा ॥

सुख करता तुम,
दुःख के हरता,
सबके प्यारे गणेश हो,
प्यार दुलार हमेशा रहे प्रभु,
ना हो कोई कलेश हो,
सब की नैया पार किये हो,
मुझको भी दो तार,
चरणों में तेरे प्रभु मेरा ठिकाना,
रिद्धि सिद्धि को ले आना,
आके भोग लगाना,
मेरे आंगन में, आंगन में,
मुषक सवारी लेके,
आना गणराजा ॥

मूषक सवारी लेके,
आना गणराजा,
रिद्धि सिद्धि को ले आना,
आके भोग लगाना,
मेरे आंगन में, आंगन में,
मुषक सवारी लेके,
आना गणराजा ॥
Mushak Sawari Leke Aana Ganraja - Read in English
Mushak Sawari Leke, Aana Ganraja, Riddhi Siddhi Ko Le Aana, Aake Bhog Lagana, Mere Aangan Mein, Aangan Mein, Mushak Sawari Leke, Aana Ganraja ॥
Bhajan Vighneswaray BhajanShri Ganesh BhajanShri Vinayak BhajanGanpati BhajanGanpati Bappa BhajanGaneshotsav BhajanGajanan BhajanGanesh Chaturthi BhajanChaturthi Bhajan
अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

नवीनतम भजन ›

जगत के रंग क्या देखूं - भजन

जगत के रंग क्या देखूं तेरा दीदार काफी है। क्यों भटकूँ गैरों के दर पे तेरा दरबार काफी है...

जो भजे हरि को सदा - भजन

जो भजे हरि को सदा, सोहि परम पद पायेगा, देह के माला..

मेरा हाथ पकड़ ले रे, कान्हा - भजन

मेरा हाथ पकड़ ले रे, कान्हा दिल मेरा घबराये, काले काले बादल..

क्यों छुप के बैठते हो, परदे की क्या जरुरत - भजन

क्यों छुप के बैठते हो, परदे की क्या जरुरत, भक्तों को यूँ सताने की, भक्तों को यूँ सताने की, अच्छी नहीं है आदत ॥

सारी दुनिया में आनंद छायो, कान्हा को जन्मदिन आयो - भजन

सारी दुनिया में आनंद छायो, कान्हा को जन्मदिन आयो ॥