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✨गणेशोत्सव - Ganeshotsav

Ganeshotsav Date: Wednesday, 27 August 2025
गणेशोत्सव

गणेशोत्सव, गणेश चतुर्थी से शुरू होते हुए, 10 दिनों के बाद अनंत चतुर्दशी को समाप्त होता है। अनंत चतुर्दशी के ही दिन श्री गणेश विसर्जन भी होता है। भगवान गणेश को ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है, मोदक श्री गणेश का सबसे प्रिय पकवान है।

यह अनुमान है कि, 1630-1680 के दौरान गणेश चतुर्थी उत्सव छत्रपति शिवाजी महाराज के समय में एक सार्वजनिक समारोह के रूप में मनाया जाता था। शिवाजी के समय, यह गणेशोत्सव उनके साम्राज्य के कुलदेवता के रूप में नियमित रूप से मनाना शुरू किया गया था। सन् 1893 में लोकमान्य तिलक द्वारा इसे पुनर्जीवित किया गया।

संबंधित अन्य नामगणेश चतुर्थी, गणपति पूजा, विनायका चतुर्थी, गणेश विसर्जन, गणपति विसर्जन, अनंत चतुर्दशी
शुरुआत तिथिभाद्रपद शुक्ला चतुर्थी
उत्सव विधिपंडाल, व्रत, मंत्र जाप

Ganeshotsav in English

Ganeshotsav start with Ganesh Chaturthi, ends after 10 days on Anant Chaturdashi which is also known as Ganesh Visarjan day. Lord Ganesh is worshipped as the God of wisdom, prosperity and good fortune and offer Him sweet dish like modak.

गणेश विसर्जन मुहूर्त

अनन्त चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन मंगलवार, 17 सितम्बर 2024 के लिए शुभ मुहूर्त
प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) - 09:11 am से 01:47pm
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) - 3:19pm से 4:51pm
सायाह्न मुहूर्त (लाभ) - 7:51pm से 9:19pm
रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) - 10:47pm से 03:12 am [18 सितम्बर 2024]

चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ - 16 सितम्बर 2024 को 3:10pm
चतुर्दशी तिथि समाप्त - 17 सितम्बर 2024 को 11:44am

गणेश विसर्जन

17 September 2024
इस साल गणेश उत्सव भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को शुरू हो गया है। गणपति उत्सव के दिन घर-घर मैं बप्पा की मूर्ति की स्थापना की जाती है। गणपति उत्सव 10 दिनों तक चलने के बाद, भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी को बप्पा का विसर्जन किया जाता है, जिसे अनंत चतुर्दशी भी कहा जाता है। विसर्जन में भक्त गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ के नारे लगाते हैं।

गणपति विसर्जन कब और कैसे करें
अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा का विसर्जन होता है। विसर्जन के दौरान, भक्त नृत्य करते हैं, गाते हैं, रंग उड़ाते हैं और बप्पा को धूमधाम से विदाई देते हैं।

❀ गणपति विसर्जन हमेशा पानी में ही करना चाहिए। सबसे पहले किसी लकड़ी की थाली में पीला या लाल कपड़ा बिछाकर उस पर स्वास्तिक बना लें। गमले में अक्षत फूल रखकर गणपति की मूर्ति को रखें।
❀ बप्पा की मूर्ति की विधिवत पूजा करें, फल और फूल चढ़ाएं और मोदक का भोग लगाएं।
❀ गणपति जी के साथ साथ मूर्ति के पूजा से जुड़ी चीजों को विसर्जित करें।
❀ इसके बाद क्षमा प्रार्थना करते हुए बप्पा के अगले वर्ष आने की कामना करें।
❀ पंचांग के अनुसार शुभ मुहूर्त और बिधि पूर्वक विसर्जन से ही बप्पा की कृपा प्राप्त होती है।
राहुकाल में गणपति का विसर्जन न करें।

गणेश विसर्जन कैसे करें विस्तार से पढ़ें।

गणेश चतुर्थी

गणेशोत्सव का पहिला दिन भगवान गणेश के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिसे गणेश चतुर्थी या गणेश चौथ के नाम से भी जाना जाता है। विनायक श्री गणेश का ही दूसरा नाम है, अतः इस त्यौहार को विनायक चतुर्थी भी बोला जाता है।

महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल , गोवा, उड़ीसा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इस त्यौहार को घर मे और सार्वजनिक पंडालों में भगवान गणेश की कच्ची मिट्टी की मूर्तियाँ स्थापित करके परिवारों और समूहों द्वारा पूजा की जाती है। लेकिन उत्तर भारत के कुछ राज्यों में इस त्यौहार को मंदिरों में भगवान गणेश की अस्थायी प्रतिमा स्थापित करके मनाते हैं।

वर्जित चन्द्रदर्शन

कहा जाता है कि इस दिन यानी गणेश चतुर्थी को चंद्रमा का दर्शन नहीं किया जाता है क्योंकि मान्यताओं के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन करने से झूठा कलंक लगता है। यदि किसी ने भूलवश गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन कर लिया है तो उसे इस दोष से मुक्ति के लिए यह उपाय करने चाहिए। चतुर्थी तिथि को चंद्रमा के दर्शन से बचना चाहिए। अगर चंद्रमा को देख लिया तो झूठा कलंक लग जाता है। उसी तरह जिस तरह से श्री कृष्ण को स्यमंतक मणि चुराने का लगा था। लेकिन अगर चंद्र को देख ही लिया तो कृष्ण-स्यमंतक कथा को पढ़ने या विद्वानजनों से सुनने पर गणेश जी क्षमा कर देते हैं।

लालबाग के राजा का इतिहास

लालबाग के राजा दक्षिण मुंबई में स्थित दुनियाँ के सबसे लोकप्रिय सार्वजनिक गणेश मंडलों मे से एक है, जिसे मराठी में लालबागचा राजा कहा जाता है। लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल की स्थापना वर्ष 1934 में हुई थी। यह मुंबई के लालबाग, परेल इलाके में स्थित हैं। http://www.lalbaugcharaja.com

गणेश चतुर्थी पूजा मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, शनिवार, 7 सितम्बर 2024 के दिन सुबह 11 बजकर 3 मिनट से दोपहर 1 बजकर 34 मिनट तक गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने का शुभ मुहूर्त रहेगा। वहीं, ठीक 10 दिनों के बाद यानि मंगलवार, 17 सितम्बर 2024 को विसर्जन किया जाएगा। पूरे धूम-धाम से भगवान श्री गणेश को अपने घर लाएं।

मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त - 11:03am से 1:34pm

वर्जित चन्द्रदर्शन का समय - 9:30am से 8:45pm
चतुर्थी तिथि - 6 सितम्बर 2024 3:01pm - 7 सितम्बर 2024 5:37pm

अन्य शहरों में गणेश चतुर्थी मुहूर्त
11:18am से 1:47pm - पुणे
11:03am से 1:34pm - नई दिल्ली / NCR
10:53am से 1:21pm - चेन्नई
11:09am से 1:40pm - जयपुर
11:00am से 1:28pm - हैदराबाद
11:05am से 1:36pm - चण्डीगढ़
10:20am से 12:49pm - कोलकाता
11:22am से 1:51pm - मुम्बई
11:04am से 1:31pm - बेंगलूरु
11:23am से 1:52pm - अहमदाबाद

* यह जानकारी भारत की राजधानी दिल्ली (New Delhi) के समय के अनुसार है। दिन के विभिन्न समयों और अन्य जगहों पर यह तिथि अलग-अलग भी हो सकती है।

संबंधित जानकारियाँ

आगे के त्यौहार(2025)
27 August 20256 September 2025
भविष्य के त्यौहार
14 September 202625 September 2026
आवृत्ति
वार्षिक
समय
10 दिन
शुरुआत तिथि
भाद्रपद शुक्ला चतुर्थी
समाप्ति तिथि
भाद्रपद शुक्ला चतुर्दशी
महीना
अगस्त / सितंबर
मंत्र
गणपति बप्पा मोरया, गणेश महाराज की जय
प्रकार
महाराष्ट्र सार्वजनिक अवकाश
उत्सव विधि
पंडाल, व्रत, मंत्र जाप
महत्वपूर्ण जगह
श्री विनायक मंदिर, गणपति पंडाल, महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, मध्य प्रदेश।
पिछले त्यौहार
17 September 2024, 7 September 2024, 28 September 2023, 19 September 2023, 9 September 2022, 31 August 2022, 10 September 2021, 22 August 2020
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गणेशोत्सव 2025 तिथियाँ

FestivalDate
27 August 2025
6 September 2025
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