
प्राचीन गणेश मंदिर की स्थापना दिल्ली के विज्ञान लोक में 7 जुलाई 1994 में हुई थी। मुख्य मंदिर पाँच ऊँचे-ऊँचे शिखारों से सुसज्जित है। मंदिर प्रांगण में शिवालय एवं नवग्रह धाम भी स्थापित हैं। मंदिर को हवादार एवं रमणीय बनाए रखने के लिए, बहुत सारे पेड़-पौधे लगाए गये हैं।
इस मंदिर का नाम प्राचीन गणेश मंदिर क्यों रखा गया है?
यह माना जाता है कि विज्ञान लोक में एक पुराना कुआं था, और कुछ खंडहर उसके पास पाए गए थे एक खंडहर के बीच एक मूर्ति मिली। इस बात की प्रबल संभावना थी, कि किसी जमाने में यहाँ एक गणेश मंदिर था।
वर्तमान मंदिर उसी ऊर्जा का परिणाम है। इसलिए सर्वसम्मति के साथ यह निर्णय लिया गया, कि मंदिर का नाम प्राचीन गणेश मंदिर ही रखा जाए है। मंदिर समिति का मानना है, कि हम सभी हर पल प्रगति कर रहे हैं, यह सब श्री गणेश की ही कृपा है। मंदिर की सम्पूर्ण कहानी... कलाम की जुवानी! नीचे फोटो गॅलरी मे दी गई है..

A full front outside view of main temple

A front inner view of main Shri Ganesh temple from outside

A front inner view of main Shri Ganesh temple

A front outside view of main panch shikhar

!! Shri Shri Ganesh Ji Maharaj !!

A front outside view of main panch shikhar

Navgrah Dham inaugurated on 14 Jun 2010

Light facility for night support

Shivalay first temple among all group of Prachin Ganesh Mandir

Mandir ki Kahani! Kalam Ki Juwani 1/3

Mandir ki Kahani! Kalam Ki Juwani 2/3

Mandir ki Kahani! Kalam Ki Juwani 3/3

Under construction office in Prachin Ganesh Mandir

प्राचीन गणेश मंदिर
7 Jul 1994
मंदिर समिति का रेजिस्ट्रेशन।
10 Feb 2000
प्राण प्रतिष्ठा - बसंत पंचमी के दिन।
14 Jun 2010
नवग्रह धाम की प्राण प्रतिष्ठा।
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