Hanuman Chalisa
Hanuman Chalisa -

भाद्रपद संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा (Bhadrapad Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha)


भाद्रपद संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा
Add To Favorites Change Font Size
पूर्वकाल में राजाओं में श्रेष्ठ राजा नल था उसकी रूपवती रानी का नाम दमयन्ती था। शाप वश राजा नल को राज्यच्युत खोना पड़ा और रानी के वियोग से कष्ट सहना पड़ा। तब दमयन्ती ने इस व्रत के प्रभाव से अपने पति को प्राप्त किया।
राजा नल के ऊपर विपत्तियों का पहाड़ टूट पड़ा था। डाकुओं ने उनके महल से धन, गजशाला से हाथी और घुड़शाला से घोड़े हरण कर लिये, तथा महल को अग्नि से जला दिया। राजा नल भी जुआ खेलकर सब हार गये।

नल असहाय होकर रानी के साथ वन को चले गए। शाप वश स्त्री से भी वियोग हो गया कहीं राजा और कहीं रानी दु:खी होकर देशाटन करने लगे।

एक समय वन में दमयन्ती को महर्षि शरभंग के दर्शन हुए। दमयन्ती ने मुनि को हाथ जोड़ नमस्कार किया और प्रार्थना की प्रभु! मैं अपने पति से किस प्रकार मिलूंगी?
शरभंग मुनि बोले: दमयन्ती! भादों की चौथ को एकदन्त गजानन की पूजा करनी चाहिए। तुम भक्ति और श्रद्धापूर्वक गणेश चौथ का व्रत करो तुम्हारे स्वामि तुम्हें मिल जाएंगे।

शरभंग मुनि के कहने पर दमयन्ती ने भादों की गणेश चौथ को व्रत आरम्भ किया और सात मास में ही अपने पुत्र और पति को प्राप्त किया। इस व्रत के प्रभाव से नल ने सभी सुख प्राप्त किये। विघ्न का नाश करने वाला तथा सुखा देने वाला यह सर्वोतम व्रत है।
यह भी जानें

Katha Bhadrapad KathaBhadon KathaChaturthi KathaSankashti Chaturthi KathaGanesh Chaturthi KathaChaturthi Vrat KathaVrat KathaBhadrapad Krishna Chaturthi Katha

अगर आपको यह कथाएँ पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

इस कथाएँ को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

रोहिणी शकट भेदन, दशरथ रचित शनि स्तोत्र कथा

प्राचीन काल में दशरथ नामक प्रसिद्ध चक्रवती राजा हुए थे। राजा के कार्य से राज्य की प्रजा सुखी जीवन यापन कर रही थी...

श्री सत्यनारायण कथा - प्रथम अध्याय

एक समय की बात है नैषिरण्य तीर्थ में शौनिकादि, अठ्ठासी हजार ऋषियों ने श्री सूतजी से पूछा हे प्रभु!...

श्री सत्यनारायण कथा - द्वितीय अध्याय

सूत जी बोले: हे ऋषियों ! जिसने पहले समय में इस व्रत को किया था उसका इतिहास कहता हूँ, ध्यान से सुनो!...

शुक्रवार संतोषी माता व्रत कथा

संतोषी माता व्रत कथा | सातवें बेटे का परदेश जाना | परदेश मे नौकरी | पति की अनुपस्थिति में अत्याचार | संतोषी माता का व्रत | संतोषी माता व्रत विधि | माँ संतोषी का दर्शन | शुक्रवार व्रत में भूल | माँ संतोषी से माँगी माफी | शुक्रवार व्रत का उद्यापन

अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा | बृहस्पतिदेव की कथा

भारतवर्ष में एक राजा राज्य करता था वह बड़ा प्रतापी और दानी था। वह नित्य गरीबों और ब्राह्‌मणों...

अनंत चतुर्दशी की पौराणिक कथा

एक बार महाराज युधिष्ठिर ने राजसूय यज्ञ किया। उस समय यज्ञ मंडप का निर्माण सुंदर तो था ही। श्रीकृष्ण की आज्ञा से युधिष्ठिर ने भी अनंत भगवान का व्रत किया जिसके प्रभाव से पांडव...

तेजादशमी कथा

वीर तेजाजी लोकदेवता, कृषि कार्यो के उपकारक देवता, प्रणवीर, युद्धवीर, सत्यवीर, परमार्थी, वीर शिरोमणि थे।

Hanuman Chalisa -
Hanuman Chalisa -
Shri Ram Stuti -
Subscribe BhaktiBharat YouTube Channel -
×
Download BhaktiBharat App