Shri Ram Bhajan
गूगल पर भक्ति भारत को अपना प्रीफ़र्ड सोर्स बनाएँ

भाद्रपद संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा (Bhadrapad Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha)


भाद्रपद संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा
Add To Favorites Change Font Size
पूर्वकाल में राजाओं में श्रेष्ठ राजा नल था उसकी रूपवती रानी का नाम दमयन्ती था। शाप वश राजा नल को राज्यच्युत खोना पड़ा और रानी के वियोग से कष्ट सहना पड़ा। तब दमयन्ती ने इस व्रत के प्रभाव से अपने पति को प्राप्त किया।
राजा नल के ऊपर विपत्तियों का पहाड़ टूट पड़ा था। डाकुओं ने उनके महल से धन, गजशाला से हाथी और घुड़शाला से घोड़े हरण कर लिये, तथा महल को अग्नि से जला दिया। राजा नल भी जुआ खेलकर सब हार गये।

नल असहाय होकर रानी के साथ वन को चले गए। शाप वश स्त्री से भी वियोग हो गया कहीं राजा और कहीं रानी दु:खी होकर देशाटन करने लगे।

एक समय वन में दमयन्ती को महर्षि शरभंग के दर्शन हुए। दमयन्ती ने मुनि को हाथ जोड़ नमस्कार किया और प्रार्थना की प्रभु! मैं अपने पति से किस प्रकार मिलूंगी?
शरभंग मुनि बोले: दमयन्ती! भादों की चौथ को एकदन्त गजानन की पूजा करनी चाहिए। तुम भक्ति और श्रद्धापूर्वक गणेश चौथ का व्रत करो तुम्हारे स्वामि तुम्हें मिल जाएंगे।

शरभंग मुनि के कहने पर दमयन्ती ने भादों की गणेश चौथ को व्रत आरम्भ किया और सात मास में ही अपने पुत्र और पति को प्राप्त किया। इस व्रत के प्रभाव से नल ने सभी सुख प्राप्त किये। विघ्न का नाश करने वाला तथा सुखा देने वाला यह सर्वोतम व्रत है।
यह भी जानें

Katha Bhadrapad KathaBhadon KathaChaturthi KathaSankashti Chaturthi KathaGanesh Chaturthi KathaChaturthi Vrat KathaVrat KathaBhadrapad Krishna Chaturthi Katha

अगर आपको यह कथाएँ पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!

Whatsapp Channelभक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »
इस कथाएँ को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें Add To Favorites
* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें

कथाएँ ›

पौष पुत्रदा एकादशी व्रत कथा

भगवान श्रीकृष्ण बोले: पौष माह के शुक्ल पक्ष मे आने वाली इस एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इसमें भी नारायण भगवान की पूजा की जाती है।

मंगलवार व्रत कथा

सर्वसुख, राजसम्मान तथा पुत्र-प्राप्ति के लिए मंगलवार व्रत रखना शुभ माना जाता है। पढ़े हनुमान जी से जुड़ी मंगलवार व्रत कथा...

सोमवार व्रत कथा

किसी नगर में एक धनी व्यापारी रहता था। दूर-दूर तक उसका व्यापार फैला हुआ था। नगर के सभी लोग उस व्यापारी का सम्मान करते थे..

नल-दमयंती कथा

वनवास के समय धर्मराज युधिष्ठिर के आग्रह करने पर महर्षि बृहदश्व ने नल-दमयन्ती की कथा सुनाई।

रोहिणी शकट भेदन, दशरथ रचित शनि स्तोत्र कथा

प्राचीन काल में दशरथ नामक प्रसिद्ध चक्रवती राजा हुए थे। राजा के कार्य से राज्य की प्रजा सुखी जीवन यापन कर रही थी...

गजेंद्र और ग्राह मुक्ति कथा

संत अनंतकृष्ण बाबा जी के पास एक लड़का सत्संग सुनने के लिए आया करता था। संत से प्रभावित होकर बालक द्वारा दीक्षा के लिए प्रार्थना करने..

शुक्रवार संतोषी माता व्रत कथा

संतोषी माता व्रत कथा | सातवें बेटे का परदेश जाना | परदेश मे नौकरी | पति की अनुपस्थिति में अत्याचार | संतोषी माता का व्रत | संतोषी माता व्रत विधि | माँ संतोषी का दर्शन | शुक्रवार व्रत में भूल | माँ संतोषी से माँगी माफी | शुक्रवार व्रत का उद्यापन

Ganesh Aarti Bhajan - Ganesh Aarti Bhajan
Ram Bhajan - Ram Bhajan
Bhakti Bharat APP